स्वस्थ्य रहने के लिए सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य का भी स्वस्थ्य रहना जरूरी है। शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य, दोनों में से अगर कोई के भी परेशानी शुरू हो जाए तो समझिए आपकी समस्या शुरू। इसलिए आज हेल्दी गट और एंग्जायटी (Healthy Gut and Anxiety) से जुड़ी जानकारी आपके साथ शेयर करेंगे और इनदोनों से जुड़ी रिसर्च रिपोर्ट्स क्या कहती है ये भी समझेंगे।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (World Health Organization) द्वारा पब्लिश की गई रिपोर्ट पर गौर करें, तो पुरे विश्व में 264 मिलियन लोग डिप्रेशन के शिकार हैं। वहीं डब्लूएचओ का यह भी कहना है कि डिप्रेशन एक तरह का सामान्य मानसिक विकार है, लेकिन जब डिप्रेशन की समस्या सामान्य से ज्यादा बढ़ने लगे, तो यह परेशानी गंभीर मानसिक परेशानियों की ओर करती है। वैसे अगर आपके मन में यह सवाल उठ रहा है कि एंग्जायटी की वजह से भी मेंटल हेल्थ को नुकसान पहुंच सकता है, तो हां। एंग्जायटी की समस्या अगर ज्यादा दिनों तक बनी रहे तो मेंटल हेल्थ को नुकसान पहुंच सकता है।
गट क्या है?
एंग्जाइटी क्या है?
गट और एंग्जायटी का क्या है आपसी कनेक्शन?
गट को स्वस्थ्य बनाये रखने के लिए क्या करें?
एंग्जाइटी से बचाव के लिए क्या करें?
चलिए अब गट और एंग्जायटी (Gut and Anxiety) से जुड़े इन सवालों का जवाब जानते हैं।
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट (Gastrointestinal tract) को गट कहा जाता है, यह एक लंबी ट्यूब है जो मुंह से शुरू होती है और एनस (Anus) तक जाती है। इसमें लाखोंबैक्टीरिया, कवक या परजीवी रहते हैं। इन सबको माइक्रोबायोम कहा जाता है। आमतौर पर अन्नप्रणाली (Esophagus), पेट (Stomach) और इंटेस्टायन (Intestine) सभी एक साथ काम करते हैं ताकि हमेंखाना खाने और पचाने में कोई समस्या न हो। “गट हेल्थ” को हम गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में मौजूद बैक्टीरिया के फंक्शन और बैलेंस के अनुसार परिभाषित कर सकते है।
एंग्जाइटी क्या है? (About Anxiety)
एंग्जाइटी यानी चिंता अगर कुछ बातों के लिए चिंता होती है जैसे किसी नए जगह पर जाना, नए कामकाज की शुरुआत करना या किसी परीक्षा में हिस्सा लेना तो ऐसी स्थिति मेंचिंता होना स्वाभाविक है। शायद ऐसी स्थिति आपको कठिन परिश्रम के लिए प्रेरित कर सकती है, लेकिन भविष्य में क्या होगा या भविष्य की बातों से जुड़ी परेशानियां अगर लगातार मन में घर कर ले तो ऐसी स्थिति चिंता का कारण बन सकती है। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि अपनीएंग्जाइटी (Anxiety) को कम करने के लिए एल्कोहॉल का सेवन करना अच्छा होता है, जबकि यह धारणा पूरी तरह से गलत है।
हेल्दी गट और एंग्जायटी (Gut and Anxiety): गट और एंग्जायटी का क्या है आपसी कनेक्शन?
नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information), सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Center for Disease Control and Prevention), दि डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ, स्टेट गवर्नमेंट ऑफ विक्टोरिया, ऑस्ट्रेलिया (The Department of Health, State Government of Victoria, Australia) एवं अन्य रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार ब्रेन (Brain) और सेंट्रल नर्वस सिस्टम (Central nervous system) का बॉडी पर अत्यधिक कंट्रोल होता है, लेकिन गट का अपना भी ब्रेन होता है जिसे एंटरिक नर्वस सिस्टम (Enteric Nervous System [ENS]) कहते हैं। एंटरिक नर्वस सिस्टम का ब्रेन के बाहरी हिस्से में मौजूद नर्वस जो गट से जुड़े होते हैं और इन दोनों का आपसी कम्युनिकेशन रहता है। अब ऐसे में अगर एंग्जायटी की समस्या शुरू हो जाए तो इससे गट पर बुरा प्रभाव सकता है। इसलिए गट और एंग्जायटी की समस्या बचने के लिए हेल्दी डायजेशन जरूरी है।
हेल्दी फूड हैबिट्स (Healthy Food Habits) को अपने दिनचर्या में शामिल करें।
हेल्दी लाइफस्टाइल (Healthy Lifestyle) फॉलो करें।
इन टिप्स को फॉलो कर एंग्जाइटी से बचाव में मदद मिल सकती है।
नोट: अगर यहां बताये गए टिप्स से फायदा ना होने पर डॉक्टर से कंसल्टेशन में देरी ना करें, क्योंकि अगर ज्यादा वक्त लिया जाए तो इससे फिजिकल और मेंटल दोनों प्रॉब्लम शुरू हो सकती है और ये स्थिति गंभीर रूप भी ले सकती है।
अगर आप डायजेस्टिव सिस्टम (Digestive System) या गट और एंग्जायटी (Gut and Anxiety) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। हैलो स्वास्थ्य के हेल्थ एक्सपर्ट आपके सवालों का जवाब जल्द से जल्द देने की कोशिश करेंगे। अगर आप डायजेस्टिव सिस्टम (Digestive system) की समस्या से पीड़ित हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा, क्योंकि डॉक्टर पेशेंट की हेल्थ कंडिशन (Health Condition) को समझकर और बीमारी की गंभीरता को ध्यान में रखकर इलाज करते हैं।
शारीरिक बीमारी हो या मानसिक परेशानी दोनों से ही दूर रहें। इस बदलते वक्त में तनाव की वजह से कई शारीरिक समस्या अपने आप मनुष्य को शरीर को अपना आशियाना बना लेती है। जबकि इन स्थिति से अपने आपको बचाये रखें। जानिए मेंटल हेल्थ को हेल्दी रखने के लिए मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल दिल्ली के मेंटल हेल्थ डिपार्टमेंट के डायरेक्टर एवं हेड डॉ. समीर मल्होत्रा की क्या है राय इस नीचे 👇 दिए लिंक में।
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