पर्जिंग डिसऑर्डर के कारण (Purging disorder causes)
ये जान लेना कि कोई व्यक्ति पर्ज क्यों करता है, यह आवश्यक रूप से स्पष्ट नहीं करता है कि इस डिसऑर्डर के कारण क्या हैं। इसके कुछ संदिग्ध कारणों में निम्न हो सकते हैं।
- आनुवंशिकी
- न्यूरोट्रांसमीटर असंतुलन
- घर पर महत्वपूर्ण तनाव
- यौन शोषण
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पर्जिंग डिसऑर्डर किन्हें सबसे अधिक प्रभावित करता है? (Who does Purging Disorder affect the most?)
ईटिंग डिसऑर्डर किसी भी एज, सेक्स, रेस, सेक्शुएल ओरिएंटेशन वाले व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। यह एक पुरानी धारणा है कि टीनएजर लड़कियों को पर्जिंग डिसऑर्डर (Purging disorder) प्रभावित करता है। इस गलत धारणा की वजह से कई बार प्रभावित लोग ट्रीटमेंट नहीं लेते जो कंडिशन को बिगाड़ देता है।
क्या कहती है स्टडी?
कुछ फैक्टर्स हैं जो कुछ लोगों में ईटिंग डिसऑर्डर के रिक्स को बढ़ाने में मदद करते हैं। सेक्शुअल और फिजिकल एब्यूस, वजन केन्द्रित स्पोर्ट या कॉम्प्टिशन में हिस्सा लेना संभावित रिस्क फैक्टर्स हैं। हालांकि ईटिंग डिसऑर्डर बचपन में किशोरावस्था में होना अधिक आम है लेकिन यह उम्र के किसी भी पड़ाव पर हो सकता है।
पुरुषों में भी ईटिंग डिसऑडर्स होने का रिस्क रहता है। एनसीबीआई में छपी एक हाल की ही स्टडी के अनुसार ईटिंग डिसऑर्डर से प्रभावित 25 प्रतिशत लोग पुरुष होते हैं। वहीं पर्जिंग डिसऑर्डर जैसे ईटिंग डिसऑर्डर महिलाओं की तुलना में पुरुषों में तेजी से बढ़ रहे हैं। जिन लोगों को ईटिंग डिसऑर्डर है, उनमें भी उसी समय एक और मूड डिसऑर्डर होने की संभावना अधिक होती है।
एनसीबीआई के एक अध्ययन से निष्कर्ष निकला है कि खाने के विकार वाले 89 प्रतिशत व्यक्तियों में अक्सर मूड डिसऑर्डर होते हैं, जैसे: