के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
ऑर्थोस्टैटिक हाइपोटेंशन (Orthostatic hypotension) को पोस्टुरल हाइपोटेंशन भी कहा जाता है। यह अचानक ब्लड प्रेशर कम होने की एक बीमारी है। जब व्यक्ति अपने शरीर की स्थिति को बदलता है जैसे अचानक से खड़ा होता है तो उसका ब्लड प्रेशर डाउन हो जाता है।
ब्लड प्रेशर से जुड़ी बीमारी ऑर्थोस्टैटिक हाइपोटेंशन बहुत आम है। ज्यादा जानकारी के लिए डॉक्टर से चर्चा कर सकते हैं।
2011 में की गई एक स्टडी के अनुसार 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में इसके होने की आशंका 20 प्रतिशत से ज्यादा होती है। कई प्रकार की दवाएं रक्त के प्रेशर को प्रभावित कर सकती हैं जिसे कारण ऑर्थोस्टैटिक हाइपोटेंशन हो सकता है। इस प्रकार के रीफ्लैक्स उम्र के साथ कमजोर होने लगते हैं। यही कारण है की यह स्थिति बुजुर्गों में अधिक सामान्य होती है।
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ऑर्थोस्टैटिक हाइपोटेंशन के कई जोखिम कारक हैं, जैसे:
दवाएं भी इस बीमारी का कारण बन सकती हैं। जैसे- मूत्रवर्धक
, अल्फा ब्लॉकर्स, बीटा ब्लॉकर्स, कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स और नाइट्रेट।दवाएं भी इस रोग का कारण बन सकती हैं।
प्रतिक्रिया करता है।
सामान्य करना होता है।
ऑर्थोस्टैटिक हाइपोटेंशन का इलाज स्थिति के कारण पर निर्भर करता है। अगर आपको ऑर्थोस्टैटिक हाइपोटेंशन के एपिसोड आते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर इस बात का पता लगाने में मदद करेंगे कि आपको ऑर्थोस्टैटिक हाइपोटेंशन है या कोई अन्य रोग के कारण ऐसा हो रहा है।
ज्यादातर मामलों में जिस रोग के कारण ऑर्थोस्टैटिक हाइपोटेंशन होता है उसके इलाज से स्थिति को ठीक किया जा सकता है।
अगर आपको किसी विशेष प्रकार की दवा के कारण ऑर्थोस्टैटिक हाइपोटेंशन हो रहा तो उसका सेवन बंद करने या खुराक में फेरबदल करके इसे ठीक किया जा सकता है। इसके अलावा ऑर्थोस्टैटिक हाइपोटेंशन के इलाज में घरेलू उपाय और जीवनशैली में बदलाव करने से काफी मदद मिलती है।
डॉक्टर की सलाह के बिना कोई दवाई न लें।
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लगातार ऑर्थोस्टैटिक हाइपोटेंशन के कारण गंभीर जटिलताएं विकसित हो सकती हैं। खासतौर से वयस्कों में। जिसमें शामिल हैं –
बेहोश होना – बेहोशी के कारण व्यक्ति किसी भी समय गिर सकता है। यह ऑर्थोस्टैटिक हाइपोटेंशन की सबसे मुख्य जटिलता में से एक है।
स्ट्रोक – ऑर्थोस्टैटिक हाइपोटेंशन के कारण ब्लड प्रेशर में बदलाव होने के कारण मूड पर भी असर पड़ता है। ऐसा खासतौर से उठने या बैठने पर होता है। ऑर्थोस्टैटिक हाइपोटेंशन के कारण मस्तिष्क तक रक्त सही से नहीं पहुंच पाता है।
हृदय संबंधी रोग – ऑर्थोस्टैटिक हाइपोटेंशन हृदय के लिए बेहद खतरनाक हो सकती है। यदि किसी व्यक्ति को पहले से ही कार्डियोवैस्कुलर रोग है तो इसकी जटिलताओं की आशंका और भी अधिक हो जाती है।
सीने में दर्द, हार्ट फेल होना या अनियमित दिल की धड़कन वाले मरीजों को इस स्थिति में अपना खास ध्यान रखना पड़ता है।
अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।
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