backup og meta

डायबिटीज होने पर आपको हो सकती हैं ये परेशानियां!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Anu sharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/09/2021

    डायबिटीज होने पर आपको हो सकती हैं ये परेशानियां!

    मधुमेह या डायबिटीज (Diabetes) में ब्लड शुगर के बढ़ने के कारण हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम पर बुरा प्रभाव पड़ता है। खाने और पीने के बाद सामान्यतया, शरीर भोजन में से शुगर को तोड़ देता है और शरीर की कोशिकाओं में ऊर्जा के लिए इसका उपयोग करता है। इसे पूरा करने के लिए, अग्न्याशय (Pancreas) को इंसुलिन का उत्पादन करने की आवश्यकता होती है। यदि आपको मधुमेह (Diabetes) है, तो आपका अग्न्याशय या तो बहुत कम इंसुलिन पैदा करता है या बिल्कुल भी पैदा नहीं करता। इंसुलिन का प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं किया जा सकता है। इससे ब्लड शुगर बढ़ जाती है। ब्लड शुगर के बढ़ने से शरीर की हर बड़ी प्रणाली को प्रभावित करने वाली कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। जानिए, मधुमेह से होने वाली जटिलताएं कौन-सी हैं?

    मधुमेह के कारण आपको घेर सकती हैं ये जटिलताएं (Complications of diabetes)  

    मधुमेह (Diabetes) के कारण हमारा शरीर कई दीर्घकालीन जटिलताओं का शिकार हो सकता है। डायबिटीज के कारण हमारा ब्लड शुगर सामान्य से अधिक हो जाता है। जानिए कौन- सी हैं यह समस्याएं:

    • मधुमेह से होने वाली जटिलताएं बहुत सी हैं, उन्हीं में से एक है आंखों की समस्याएं (Eye problem)। जिससे कुछ भी दिखाई देने (खासतौर पर रात को) में परेशानी हो सकती हैं। रोशनी से भी आंखों को परेशानी होगी। रोगी के अंधा होने का जोखिम भी रहता है।

    और पढ़ें :Quiz : फिटनेस क्विज में हिस्सा लेकर डायबिटीज के बारे में सब कुछ जानें।

    •  इसका जवाब है कि मधुमेह हमारे शरीर को कई तरीके से प्रभावित कर सकता है। डायबिटीज के कारण रोगी के पैर और त्वचा में घाव और संक्रमण हो सकते हैं। ऐसा लंबे समय तक रहता है तो पैर, उंगलियां या टांग काटने की नौबत भी आ सकती है। संक्रमण से आपके पैर, टांग और अन्य क्षेत्रों में दर्द, खुजली आदि भी हो सकती है।
    • डायबिटीज (Diabetes) के कारण ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करना मुश्किल हो सकता है। इसके कारण हार्ट-अटैक, स्ट्रोक और अन्य समस्याएं भी हो सकती है। इसके कारण टांगे और पैरों में खून के प्रवाह में मुश्किल होती है।
    • डायबिटीज के कारण शरीर के नर्वस को भी नुकसान हो सकता है। जिससे दर्द, जलन, झुनझुनी या सुन्नता हो सकती है। इसके कारण पुरुषों को इरेक्शन की समस्या (Erection problem) भी हो सकती है।
    • डायबिटीज के कारण भोजन को पचने में समस्या होती है। जिससे कमजोरी या पेट में अन्य समस्याएं हो सकती है।
    • ब्लड शुगर के बढ़ने से किडनी डैमेज भी ही सकती है। इससे किडनी अच्छे से काम नहीं करती या काम करना बंद कर सकती है।
    • मधुमेह से पीड़ित लोगों को तनाव हो सकता है। यही नहीं, महिलाएं डायबिटीज (Diabetes) के कारण अनियमित मासिक धर्म और गर्भवती होने में समस्या का अनुभव भी कर सकती है।
    • डायबिटीज (Diabetes) के बढ़ने से हड्डियों की समस्याएं भी हो सकती है।
    • डायबिटीज के उपचार से लो ब्लड शुगर (Blood Sugar) (हाइपोग्लाइसीमिया) भी हृदय रोग के खतरे को बढ़ा सकता है।

    जानिए मधुमेह शरीर को कैसे प्रभावित करता है? (Know how diabetes affects the body)

    Diabetes

    मधुमेह से होने वाली जटिलताएं: आंखों में परेशानी (Eye Problem)

    मधुमेह से होने वाली जटिलताएं कौन-सी हैं, इस सवाल का उत्तर है इससे हमारी आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। डायबिटीज से पीड़ित लोगों को डाईलेटेड ऑय एग्जाम (Dilated eye exam) के लिए डॉक्टर से मिलने की सलाह दी जाती है। मधुमेह (Diabetes) के कारण जो आंखों की समस्याएं हो सकती हैं, वो इस प्रकार हैं:

    • मोतियाबिंद: आंखों के लेंस में धुंधलापन
    • ग्लूकोमा: आंखों में दबाव पड़ना
    • रेटिनोपैथी: आंख के पिछले हिस्से में रेटिना के साथ आंख का बदलना

    और पढ़ें: क्या मधुमेह रोगी चीनी की जगह खा सकते हैं शहद?

    आंखों की समस्याओं के लक्षण इस प्रकार हैं (Symptoms of eye problems are as follows)

    • धुंधली दृष्टि
    • दृष्टि में स्पॉटस या लाइन आना
    • गीली आखें
    • आंखों की तकलीफ
    • आंखों की रोशनी का कम होना

    यदि आपकी नजरों में कोई समस्या आती है, तो अपने डॉक्टर से सम्पर्क करें।

    मधुमेह से होने वाली जटिलताएं: किडनी संबंधी रोग (Kidney disease)

    मधुमेह (Diabetes) का प्रभाव किडनी पर भी पड़ता है। इसलिए, साल में कम से कम एक बार प्रोटीन की मात्रा को जांचने के लिए अपने मूत्र की जांच अवश्य कराएं। मूत्र में प्रोटीन किडनी की बीमारी की तरफ संकेत हो सकता है। यही नहीं, उच्च ब्लड प्रेशर से भी किडनी की समस्या हो सकती है। ऐसे में डॉक्टर से अपना ब्लड प्रेशर की भी जांच कराएं। किडनी की समस्या के लक्षण इस प्रकार हैं:

    • हाथ, पैर और चेहरे पर सूजन
    • सूजन (Edima) से वजन बढ़ना
    • खुजली और / या नींद न आना। (यह समस्या किडनी की बीमारी के अंतिम चरण में हो सकती है)
    • शीघ्र उपचार किडनी की बीमारी के साथ होने वाले परिवर्तनों को धीमा कर सकता है।

    और पढ़ें:  मधुमेह की दवा मेटफॉर्मिन बन सकती है थायरॉइड की वजह

    दिल और दिमाग (Heart And Brain)

    किंग जॉज मेडिकल कॉलेज के एंडोक्राइन विभाग के हैंड डॉक्टर डी हिमांशू का कहना है कि तनाव के दौरान दिमाग में आने वाली नकारात्मक सोच कई हेल्थ रिस्क को बढ़ा सकती है। नकारात्मक प्रभाव संकट के रूप में जाना जाता है। सकारात्मक या नकारात्मक स्थिति, तनाव की धारणा पर निर्भर करती है, साथ ही उनके नियंत्रण की भावना और सामना करने की क्षमता पर निर्भर करती है। लंबे समय तक तनाव बने रहना संकट की ओर ले जाता है।जो बदले में हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। कई अध्ययनों ने खराब शारीरिक स्वास्थ्य और स्ट्रेस के बीच एक मजबूत संबंध पाया है। जो हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली यानि कि इम्यूनिटी को भी प्रभावित करता है। बढ़ता तनाव, कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम, तंत्रिका तंत्र और न्यूरो-एंडोक्राइन को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। यह ग्लूकोज को चयापचय करने के लिए शरीर की क्षमता को कम करता है। कई बार बढ़ते तनाव के कारण भी शरीर में इंसुलिन का निमार्ण नहीं हो पाता है।

    मधुमेह (Diabetes) से होने वाली जटिलताएं कौन-सी हैं, इसके बारे में आपको पूरी जानकारी होनी चाहिए। ताकि आप सही समय पर अपना इलाज करा सकें। मधुमेह से पीड़ित लोगों में हार्ट और स्ट्रोक की समस्या बढ़ सकती है। हार्ट के रोग (Heart disease) डायबिटीज से पीड़ित लोगों में मौत का मुख्य कारण है। हाई ब्लड प्रेशर और उच्च वसा (कोलेस्ट्रॉल) के साथ ही अधिक ब्लड ग्लूकोज जैसे अन्य जोखिमों को नियंत्रित करना महत्वपूर्ण है। 

    हार्ट अटैक के लक्षण इस प्रकार हैं:

    • सांस लेने में समस्या
    • बेहोश होना 
    • चक्कर आना
    • पसीना आना
    • जी मिचलाना
    • सीने में दर्द या दबाव
    • कंधों , जबड़ा और बांया हाथ में दर्द

    स्ट्रोक (Stroke) के कुछ लक्षण इस प्रकार हैं

    • चेहरे, हाथ, या पैर में अचानक सुन्नता या कमजोरी, आमतौर पर शरीर के एक तरफ।
    • अचानक मतली आना
    • बुखार
    • उल्टी
    • शब्दों या सरल वाक्यों को बोलने या समझने में कठिनाई होना
    • अचानक दृष्टि का धुंधला होना या दृष्टि का कम होना
    • निगलने में कठिनाई
    • सिर चकराना
    • समन्वय (co ordination) का संतुलन न होना
    • शरीर के किसी भाग को हिलाने में अचानक असमर्थ होना (पक्षाघात)
    • अचानक तेज सिरदर्द

    अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। 

    और पढ़ें: डायबिटीज में डायरिसिस स्वास्थ्य को कैसे करता है प्रभावित? जानिए राहत पाने के कुछ आसान उपाय

    मधुमेह से होने वाली जटिलताएं: पैर संबंधी समस्याएं (Foot problems)

    हाई ब्लड शुगर (High blood sugar) से ब्लड फ्लो कमजोर हो सकता है और नर्वस को नुकसान हो सकता है। इससे घावों को ठीक होने में समय लग सकता है। इससे आप अपने पैरों में सुन्नता भी महसूस कर सकते हैं। गंभीर मामलों में, यह आपके पैर, टांग आदि भी काटनी पड़ सकती है। अगर आपको अपने पैर के किसी भाग में सुन्नता महसूस हो और ऐसे में अगर आपके जूते में कोई कंकड़, कील या कांटा हो। तो वो भी आपको महसूस नहीं होगा। इनके कारण आपके पैर के टिश्यू डैमेज हो सकते हैं और इंफेक्शन होने की संभावना भी बढ़ सकती है। ऐसे में डायबिटीज (Diabetes) में पैरों की समस्याओं से बचने के लिए अपने पैरों का ध्यान रखें और नियमित रूप से डॉक्टर से इनकी जांच कराएं।

    मधुमेह से होने वाली जटिलताएं: त्वचा संबंधी समस्याएं (Skin Issues) 

    त्वचा की समस्याएं इस बात का पहला संकेत हो सकती हैं कि आप डायबिटीज से पीड़ित हैं और अधिकांश समस्याएं क्षतिग्रस्त रक्त वाहिकाओं के कारण होती हैं। डायबिटीज (Diabetes) डर्मोपैथी के कारण त्वचा खासतौर पर टांगों के आगे भूरे और  उभरे हुए पैच हो सकते हैं। इससे दर्द या खुजली नहीं होती है और यह हानिरहित है। लेकिन यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मधुमेह को नियंत्रण में रखकर मधुमेह (Diabetes) से संबंधित कई त्वचा स्थितियों से बचा जा सकता है।

    महिलाओं की समस्याएं (Females Problems)

    मधुमेह से होने वाली जटिलताएं कौन सी हैं, इसका अगला उत्तर है कि मधुमेह से महिलाएं भी प्रभावित होती हैं। डायबिटीज से पीड़ित महिलाएं अगर इस स्थिति में अपना ध्यान और जांच न कराएं तो उन्हें गर्भावस्था के दौरान कई समस्याएं हो सकती हैं। यह समस्याएं हैं गर्भ में पल रहे शिशु के अंगों को नुकसान होना, गर्भ में शिशु के वजन का बढ़ जाना आदि। ऐसे में इस दौरान डायबिटीज (Diabetes) के स्तर को कम रखने से इस समस्या से बचा जा सकता है। मधुमेह के बढ़ने पर प्रसव में समस्या, बच्चे और माँ को ट्रामा और जन्म के बाद बच्चे के रक्त शर्करा में अचानक गिरावट भी आ सकती है।

    [mc4wp_form id=”183492″]

    मधुमेह से होने वाली जटिलताएं: कॉमन इंफेक्शंस (Common Infections)

    डायबिटीज के कारण कई इंफेक्शन हो सकते हैं जैसे स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिया के कारण इन्फ्लूएंजा और निमोनिया। यही कारण है कि मधुमेह से पीड़ित लोगों में इन्फ्लूएंजा (फ्लू) और न्यूमोकोकल बीमारी के लिए बचाव की सलाह दी जाती है। जिन लोगों का डायबिटीज के कारण ब्लड शुगर बढ़ता है तो उन्हें ग्राम-नेगेटिव बैक्टीरिया(Gram-negative bacteria) या कवक से संक्रमित होने की अधिक संभावना रहती हैं।

    मधुमेह से होने वाली जटिलताएं: नसों संबंधी रोग  (Neurological diseases)

    उच्च रक्त शर्करा के कारण शरीर की नसें प्रभावित हो सकती हैं। नर्व डैमेज कई समस्याओं का कारण बन सकती है। नसों को नुकसान होने के लक्षण इस प्रकार हैं:

  • जलन और दर्द
  • सुन्न होना
  • पैरों या निचले पैरों में झुनझुनी या नुकसान महसूस करना
  • कब्ज और दस्त
  • पुरुषों और महिलाओं दोनों में सेक्सुअल फंक्शन में समस्याएं
  • मधुमेह से होने वाली जटिलताएं: ओरल समस्याएं (Oral Problems) 

    अगर ब्लड शुगर को सही से नियंत्रित न किया जाए, तो डायबिटीज से पीड़ित लोगों में मसूड़ों की सूजन का खतरा (periodontitis) रहता है। पायरिया दांतो को होने वाली समस्याएं और कार्डियोवैस्कुलर डिजीज की संसभवना को बढ़ता है। ऐसे में नियमित ओरल चेकअप करने से जल्दी समस्या का पता चल सकता है। खासतौर पर ऐसे लोग जिन्हे पहले से डायबिटीज है। अगर आपके दांतों में खून आने या मसूड़ों में समस्या जैसे समस्याएं हैं तो आपको डॉक्टर से जांच कराने की सलाह दी जाती है।

    और पढ़ें :Diabetic Eye Disease: मधुमेह संबंधी नेत्र रोग क्या है? जानें कारण, लक्षण और उपाय

    मधुमेह से कैसे करें बचाव? (Diabetes prevention)

    Diabetes- डायबिटीज रोग

    मधुमेह से होने वाली जटिलताएं कौन सी हैं, इस सवाल का जवाब तो आपको मिल गया होगा। ऐसे में अब जानिए कि मधुमेह के करण होने वाली इन समस्याओं को दूर कैसे किया जाए। डायबिटीज में आंख, दिल, नर्व, पैरों और किडनी आदि की समस्या होने पर आपको ब्लड शुगर नियंत्रित रखनी होगी। ताकि, आप इस स्थिति में समस्याओं से बच सकें। आप ब्लड शुगर कैसे नियंत्रित करनी है  इसके लिए अपने डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं। इसकी साथ ही आप कुछ आसान तरीको से भी डायबिटीज (Diabetes prevention) को कम कर सकते हैं जैसे:

    • नियमित रूप से व्यायाम करें।
    • अगर आपका वजन अधिक है तो उसे कम करें।
    • स्वस्थ और पौष्टिक आहार लें। इसके साथ ही अपने डॉक्टर की सलाह ले कर डायबिटीज के लिए डाइट को निर्धारित करें।
    • आपके डॉक्टर ने आपको जिन भी दवाईओं की सलाह दी हो उन्हें सही तरीके और समय पर लें।
    • आंखों और पैरों का नियमित रूप से चेकअप कराएं। इस बात का भी ध्यान रखें कि ऐसे जूते पहने जो सही से आपके पैरों में फिट हों। अपने पैरों को घाव, छाले और सूजन आदि से बचाने के लिए रोजाना अपने पैरों को जांचें।
    • अगर आप धूम्रपान करते हैं तो उसे छोड़ने की सलाह भी दी जाती है। ताकि रोगी में मधुमेह से होने वाली जटिलताएं कम हो सकें।
    • उच्च ब्लड शुगर से बचने के लिए तनाव, चिंता और अवसाद से भी बचे। 

    इस तरह आप डायबिटीज़ की दिक्कत से उबर सकते हैं और ख़ुद को इस गम्भीर समस्या से दूर रख सकते हैं।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

    डॉ. प्रणाली पाटील

    फार्मेसी · Hello Swasthya


    Anu sharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/09/2021

    advertisement iconadvertisement

    Was this article helpful?

    advertisement iconadvertisement
    advertisement iconadvertisement