अनियंत्रित मधुमेह के कारण हमारी ब्लड स्ट्रीम में अधिक शुगर बनती है। डायबिटीज से प्यास बढ़ सकती है, जिसके कारण आपको अधिक पीना पड़ सकता है। जिससे मूत्र उत्पादन में वृद्धि हो सकती है यानी डायरिसिस जैसा रोग हो सकता है।
हाइपरकैल्शिमिया (Hypercalcemia)
हाइपरकैल्शिमिया वो स्थिति है जिसमें अधिक कैल्शियम पूरे शरीर में चला जाता है। इसका कारण अधिक सक्रिय थायराइड ग्लैंड हो सकते हैं। इसके कारण किडनी कैल्शियम के स्तर को संतुलित बनाए रखने के लिए अधिक यूरिन को निकालती है।
और पढ़ें: Quiz : फिटनेस क्विज में हिस्सा लेकर डायबिटीज के बारे में सब कुछ जानें।
आहार (Diet)
कुछ आहार और पेय पदार्थ भी डायरिसिस का कारण बनते हैं जैसे ग्रीन और ब्लैक टी। कैफीन युक्त आहार या अधिक नमक वाले आहार का सेवन करने से भी अधिक मूत्र आने की समस्या हो सकती है।
मौसम (Weather)
अगर आप ठंडे मौसम वाले क्षेत्र में रहते हैं तो आप बहुमूत्रता जैसी समस्या का सामना कर सकते हैं। लगातार मूत्र त्याग से ड्यूरिसिस का खतरा रहता है।
डायरिसिस का निदान (Diagnosis of diuresis)
डायरिसिस के निदान के लिए डॉक्टर आपसे इसके लक्षणों के बारे में जानेंगे। डॉक्टर को अपने खाने -पीने , दवाईओं आदि के बारे में सब कुछ बताएं। इसके साथ हीआपकी फॅमिली हिस्ट्री भी जानी जा सकती है।
और पढ़ें:लीन डायबिटीज क्या होती है? हेल्दी वेट होने पर भी होता है इसका खतरा
डायरिसिस का उपचार (Treatment of Diuresis)
इस समस्या के उपचार के लिए इसके लक्षणों को कम करना पड़ेगा जिसमे यह शामिल है।
कुछ स्वास्थ्य स्थितिओं को नियंत्रण में रखें। जैसे-
- डायबिटीज (Diabetes)
- दवाईयों में बदलाव (Medicine changes)
- प्राकृतिक ड्यूरिसिस का सेवन करने से बचें (Avoid consuming natural diuresis)
डायरिसिस के कारण क्या क्या परेशानी हो सकती है?
बार बार पेशाब आने से शरीर में पानी, नमक और मिनिरल्स का संतुलन बिगड़ सकता है। इससे निम्नलिखित परेशानी हो सकती हैं:
हायपोनाट्रेमिया (Hyponatremia)
हायपोनाट्रेमिया की स्थिति तब होती है जब शरीर में पर्याप्त सोडियम नहीं होता है। ड्युरेटिक्स का इस्तेमाल करने या बार-बार पेशाब आने के कारण यह समस्या होती है। शरीर में सोडियम अहम होता है। यह शरीर में ब्लड प्रेशर और फ्लूइड लेवल को मेंटेन करने का काम करता है। ये नर्वस सिस्टम को स्पोर्ट भी करता है।
हाइपरकलेमिया (Hyperkalemia)
शरीर में अत्यधिक पोटेशियम की मात्रा से हाइपरकलेमिया की परेशानी हो सकती है। शरीर में पोटेशियम हृदय, मांसपेशियों में संकुचन, और पाचन में मदद करता है।
डिहाइड्रेशन (Dehydration)
डायरिसिस के कारण अत्यधिक पेशाब आने के कारण डिहाइड्रेशन हो सकता है। शरीर हाइड्रेट न होने के कारण बॉडी का तापनान अनियंत्रित हो सकता है। इससे किडनी की समस्या, सीजर और सदमे तक में जा सकते हैं।
डायरिसिस के घरेलू उपचार (Home Remedies of Diuresis)
डायरिसिस में घरेलू उपाय भी आपकी मदद कर सकते हैं। डायरिसिस के उपचार के कुछ घरेलू उपाय इस प्रकार हैं:
डिहाइड्रेशन से बचें (Avoid dehyderation)
इस समस्या के होने से शरीर में पानी की मात्रा कम हो सकती है। इसलिए, अपने शरीर में पानी की मात्रा को बनाए रखने के लिए जितना अधिक हो सके अधिक पानी और अन्य पेय पदार्थों का सेवन करें। किंतु अधिक चीनी युक्त पेय पदार्थों से दूर रहें। इसके साथ ही सादा पौष्टिक भोजन ही खाएं। अधिक मिर्च मसाले या नमक युक्त आहार से बचें।
एल्कोहॉल न लें (Do not consume alcohol)
एल्कोहॉल या कैफीन भी आपकी इस समस्या को बढ़ा सकते हैं। इसलिए एल्कोहॉल और कैफीन का कम से कम सेवन करें जैसे एल्कोहॉलिक पेय, चाय ,कॉफी आदि। इस रोग और इसके कारणों के उपचार के लिए डॉक्टर की सलाह लें।
ऊपर दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। इसलिए किसी भी दवा या सप्लिमेंट का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें। हम उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में डायरिसिस से जुड़ी हर मुमकिन जानकारी देने की कोशिश की गई है। यदि आप इस संदर्भ में अन्य कोई जानकारी पाना चाहते हैं तो बेहतर होगा इसके लिए किसी विशेषज्ञ से संपर्क करें।