बच्चों को नींद न आना (Insomnia in children): नींद न आने के घरेलू उपाय (Home remedies for Insomnia in children)
यदि आपको लगता है कि आपके बच्चे को अनिद्रा (Insomnia in children) हो सकती है तो आप घर पर ही कई तरह से इस समस्या का हल निकाल सकते हैं।
- सोने का एक नियमित समय निर्धारित करें।
- सुनिश्चित करें कि बच्चा कैफीन युक्त खाद्य पदार्थों और पेय का सेवन न करें।
- वातावरण को बच्चे के अनुकूल बनाएं, जैसे: कमरे का तापमान आरामदायक हो, कमरे में शोर और प्रकाश को कम करने की पूरी कोशिश करें।
- बच्चों को रिलैक्सेशन (विश्राम) तकनीक सिखाने में मदद करें।
- पर्याप्त नींद को प्राथमिकता बनाएं।
- बच्चों के सोने के लिए एक नियमित दैनिक दिनचर्या बनाएं।
- दिन के दौरान बच्चे को एक्टिव रखें, जैस उसे किसी न किसी तरह के शारीरिक खेल या गतिविधियों को करने के लिए प्रेरित करें।
- आपका बच्चा फोन या टीबी के सामने कितना समय व्यतीत करता है, इसकी पूरी जानकारी रखें। उसके फोन का इस्तेमाल करने या टीबी देखने के समय फिक्स करें।
- अपने बच्चे के सोने से एक घंटे पहले ही उसे फोन या टीबी न देखने दें।
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बच्चों को नींद न आना (Insomnia in children): अनिद्रा का इलाज (Treatment for Insomnia in children)
काग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (cognitive behavioral therapy) के जरिए बच्चे को नींद की अच्छी आदतों को विकसित करने में मदद मिल सकती है। थेरेपिस्ट आपके बच्चे को तनाव से मुक्त रखना सीखा सकता है। अनिद्रा पीड़ित बच्चों और किशोरों को नींद आने की दवा की सलाह भी दे सकता है।
कभी-कभी बच्चे को नींद न आना समझ में आता है लेकिन अक्सर ही अनिद्रा की समस्या बच्चों में इंसोम्निया का रूप भी ले सकती है। बच्चे की नींद पूरी न होने की वजह से उसके मानसिक और शारीरिक विकास में बाधा भी आ सकती है। अगर, बच्चे को नींद न आना संबंधी दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं और आपको लगता है कि इससे निपटना मुश्किल हो रहा है, तो डॉक्टर से बात करें।
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बच्चों को नींद न आना (Insomnia in children) कब गंभीर हो सकता है?
बच्चों को नींद न आना (Insomnia in children) कई स्थितियों में गंभीर कारण के वजह से भी हो सकता है। हाल ही के स्वास्थ्य रिपोर्टों से पता चलता है कि अमेरिका में बहुत से बच्चे क्रोनिकली स्लीप डिप्राइव्ड की समस्या से परेशा हैं। उदाहरण के लिए, एक नेशनल स्लीप फाउंडेशन (NSF) के सर्वेक्षण में, शोधकर्ताओं ने पाया कि 10 साल के हर तीन में से दो बच्चे नींद से जुड़ी किसी न किसी समस्या का अनुभव करते हैं। नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में के अध्ययन में वैज्ञानिकों ने 2 से 5 साल के बीच के 510 बच्चों की नींद पैटर्न का विशलेषण किया। इस अध्ययन से पता चला कि जिन बच्चों को रात में कम नींद आने की समस्या (Insomnia in children) है, उनके दिन के व्यवहार में भी कई तरह की समस्याएं और अनियमितता थी। साथ ही, देखा गया कि, जिन बच्चों में रात में कम नींद आती है उनमें अवसाद (Depression) और चिंता (Tension) के भी लक्षण पाए गए।
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बच्चों में नींद की समस्याओं (Insomnia in children) को दो प्रमुख श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। जिनमें पहला तरण डिसमेनिया (Desmenia) का होता है, जिसकी निम्न स्थितियां भी बच्चों को नींद न आने (Insomnia in children) का कारण हो सकती हैं जो गंभीर होते हैं, जिनमें शामिल हैंः
इन स्थितियों में आपको समय रहते अपने डॉक्टर से बच्चे का उचित उपचार करवाना चाहिए। बच्चों को नींद न आना (Insomnia in children) मामुली समस्या नहीं है।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
स्वस्थ रहने के लिए पौष्टिक आहार के साथ-साथ नींद भी जरूरी है। नींद की कमी (Sleepless night) किसी को भी बीमार बना सकती है। अब चाहे बड़ो की नींद हो या बच्चों की नींद। नीचे दिए इस क्विज में जानिए बच्चों की नींद से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें।