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बच्चों में टाइफाइड का टीका लगवाने से पहले पेरेंट्स इन बातों का रखें ध्यान!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Sayali Chaudhari · फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


Niharika Jaiswal द्वारा लिखित · अपडेटेड 07/12/2021

    बच्चों में टाइफाइड का टीका लगवाने से पहले पेरेंट्स इन बातों का रखें ध्यान!

    टाइफाइड, बच्चाें से लेकर बड़ों में होने वाली एक प्रमुख स्वास्थ्य संबंधी समस्या है। जिसका खतरा वयस्कों की तुलना में बच्चों को अधिक देखा गया है। टाइफाइड को मियादी बुखार भी कहते हैं। यह एक प्रकार का संक्रामक रोग है, जोकि दूषित भोजन और पानी से बहुत जल्दी बच्चों में फैलने का खतरा होता है। यह लोगों में साल्मोनेला टाइफी नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। टाइफाइड से बचाव के लिए सबसे अच्छा तरीका है कि आप सही समय पर बच्चों में टाइफाइड का टीका (Typhoid vaccine in children) लगवाएं। इससे बच्चे को इस गंभीर रोग से बचाया जा सकता है। आइए जानें कि बच्चों में टाइफाइड का टीका (Typhoid vaccine in children) क्या है और किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।

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    बच्चों में टाइफाइड का टीका क्या है (What is the typhoid vaccine in children)?

    टाइफाइड को मियादी बुखार है, जोकि इंफेक्शन से प्रभावित होने के कारण होता है। यह सैलमोनेला टाइफी नामक बैक्टीरिया से उत्पन्न होनक होता है। टाइफाइड बड़ो से लेकर बच्चों तक को अपने चपेट में ले रहा है। जैसा कि टाइफाइड की समस्या संक्रमण के संपर्क में आने के कारण होता है, तो इस बचाव वैक्सीनेशन ही है। यदि कोई बच्चा टाइफाइड से गंभीर रूप से पीड़ित है, तो उसकी जान का जोखिम भी हो सकता है। डब्लूएचओ की विश्व के रिपोर्ट के अनुसार 21 मिलियन लोग हर साल टाइफाइड से बीमार होते हैं और 2 लाख लोग अपनी जान गवा देते है। ऐसे में टाइफाइड की समस्या से बचाव के लिए उचित समय पर दवा व वैक्सीन लेना ही सही उपाय है। इसके लिए चिकिस्तक के परामर्श से करना चाहिए।  टाइफाइड जैसा कि साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया के कारण होने वाली एक गंभीर बीमारी है। तो ऐसे टाइफाइड के टीके द्वारा ही इसे कंट्रोल किया जा सकता है। गंभीर टाइफाइड संक्रमण से गुर्दे की विफलता, या आंतों से रक्तस्राव हो सकता है, जोकि काफी घातक स्थिति का कारण हो सकता है। यदि संक्रमण बच्चे की पित्ताशय की थैली में फैलता है, तो हालत और भी गंभीर हो सकती है। टाइफाइड से बच्चे को तेज बुखार, मांसपेशियों में दर्द, तेज सिरदर्द, कमजोरी, भूख न लगना, पेट दर्द, दस्त या कब्ज और त्वचा पर रैशेज आदि जैसी समस्या हो सकती है।

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    टाइफाइड टीका क्यों लगाया जाता हैं ? (Typhoid vaccine)

    टाइफाइड के बचाव के लिए बच्चों में टाइफाइड का टीका समय पर लगवाना बहुत जरूरी है। क्योंकि बच्चों में संक्रमण और वायरस का खतरा बड़ो की तुलना में अधिक पाया जाता  है। बच्चों में टाइफाइड एक जानलेवा बीमारी भी साबित हो सकती है। इसलिए बच्चों में सही उम्र में टाइफाइड के टीका का लगना आवश्यक है। टीकाकरण करने से बच्चे को जटिल समस्या से बचाया जा सकता है। टाइफाइड टिका के अनेक प्रकार में उपलब्ध है, इसकी डोज बच्चे की उम्र पर निर्भर करती है, जोकि डॉक्टर द्वारा तय की जाती है।

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    टाइफाइड के टीके के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी (Important information about typhoid vaccine)

    बच्चों में टाइफाइड का टीका बहुत महत्वपूर्ण है। टाइफाइड के टीके से टाइफाइड को रोकने में मदद मिलती है। इससे तेज बुखार जैसी गंभीर जटिलताएं को रोका जा सकता है, जो टीका न लगने पर बच्चे  में लंबे समय तक बनी रह सकती है।

    बच्चों में टाइफाइड का टीका: टाइफाइड टीकाकरण के प्रकार (Types of Typhoid Vaccination)

    टाइफाइड के टीकाकरण दो प्रकार के होते हैं। वे:

    • इंएक्टिव टाइफाइड का टीका (Inactive typhoid vaccine):  यह एक इंजेक्शन योग्य टीका है, जो बच्चे को सुरक्षा प्रदान करता है और प्रत्येक 2 वर्ष के बाद इसके एक बूस्टर खुराक की आवश्यकता होती है।
    • ओरल टाइफाइड का टीका (Inactive typhoid vaccine): यह बच्चे को लगभग 5 वर्षों तक सुरक्षा प्रदान करता है। इसे एक सप्ताह में चार खुराक के रूप में मौखिक रूप से लिया जाता है।

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    टाइफाइड वैक्सीन अनुसूची (Typhoid Vaccine Schedule)

    बच्चों में टाइफाइड का टीका महत्पूर्ण है और इसकी अनुसूची बच्चे के जन्म के ठीक बाद दिए जाने वाले अनिवार्य टीकाकरणों की सूची में शामिल है:

    खुराक की संख्या – टीसीवी की पहली खुराक 9-12 महीने की उम्र में दी जाती है।

    अनुशंसित आयु – बच्चों में 2 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए टाइफाइड शॉट की सलाह दी जाती है। वैकल्पिक रूप से,  टीसीवी 9-12 महीने की उम्र में दिया जा सकता है, जोकि डॉक्टर की सलाह पर ही जरूरी है।

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    क्या होता है यदि आपका बच्चा खुराक चूक जाता है (What happens if your child misses a dose)?

    यदि आपके बच्चे का पहला टाइफाइड का टीका मिस हो जाता है, तो बच्चे को 2 साल की उम्र के बाद कभी भी टीसीवी दिया जा सकता है। जो समय डॉक्टर द्वारा तय किया जाएगा। फिर बच्चे के 6 साल के होने के बाद ओरल टाइफाइड का टीका दिया जा सकता है।

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    बच्चों में टाइफाइड का टीका: वैक्सीन से संभावित जोखिम और दुष्प्रभाव (Possible risks and side effects from the vaccine)

    सभी प्रकार के वैक्सीन के अपने कुछ जोखिम होते  और साइडइफेक्ट होते हैं। बच्चों में टाइफाइड का टीका करवाने के बाद उनमें कुछ इस तरह के लक्षण नजर आ सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

    गंभीर साइड इफेक्ट

    आम तौर पर, टाइफाइड के टीके का कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं होता है, ज्यादातर केवल मामूली होते हैं। अपेक्षाकृत अधिक गंभीर लोगों में शामिल हैं:

    • गंभीर एलर्जी के लक्षण जैसे चक्कर आना, और चेहरे और गले में सूजन
    • सांस लेने में दिक्कत होना
    • कमजोरी महसूस होना
    • बहुत तेज बुखार आना
    • चिड़चिड़पन होना
    • कम गंभीर साइड इफेक्ट

    टाइफाइड शॉट के बाद बच्चों में कुछ दुष्प्रभाव जो गंभीर नहीं होते हैं, लेकिन नजर आ सकते हैं, उनमें शामिल है:

    • बुखार आना
    • सिरदर्द होना
    • शरीर का लाल हो जाना
    • बच्चे को टीका लगने की जगह पर खुजली और दर्द की समस्या होना

    ओरल टाइफाइड वैक्सीनेशन में बुखार और सिरदर्द के अलावा, कुछ इस तरह के लक्षण भी नजर आ सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

    • बच्चे को उल्टी होना
    • दस्त की समस्या होना
    • मतली की समस्या होना
    • पेट में दर्द की समसया
    • शरीर में रैशेज होना

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    बच्चों में टाइफाइड का टीका: टाइफाइड वैक्सीन किसे नहीं लगाना चाहिए (Who should not get Typhoid Vaccine) ? 

    कुछ बच्चों को डॉक्टर टाइफाइड वैक्सीन न लेने की सलाह देते है। यदि शिशु किसी अन्य बीमारी से पीड़ित है, तो ऐसे में टाइफाइड वैक्सीन को न देना ही सही होता है। इन स्थितियों में टीका नहीं देना चाहिए, जिनमें शामिल हैं:

    • यदि किसी बच्चे को पहले से बहुत बुखार है, तो टाइफाइड वैक्सीन नहीं दिया जा सकता है। ऐसे में आप डॉक्टर से आगे का समय ले लें।
    • टाइफाइड वैक्सीन की पहली खुराक के बाद तुरंत दूसरी खुराक नहीं देना चाहिए।
    • यदि बच्चे को जल्दी ही कोई दूसरी वैक्सीन लगी है, तो टाइफाइड या कोई दूसरा वैक्सीनेशन नहीं करवाना चाहिए।
    • टाइफाइड की मौखिक दवा 6 साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं दिया जाना चाहिए।
    • यदि बच्चे को कोई गंभीर एलर्जी हो रखी है, तो भी इससे बचना चाहिए।
    • जिन बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है, तो उनको टाइफाइड की मौखिक दवा की जगह वैक्सीन की सलाह डॉक्टर देते हैं।

    नोट: बच्चे को टाइफाइड वैक्सीन लगवाने के पहले चिकिस्तक से परामर्श जरूर करें।

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    बच्चों में टाइफाइड का टीका लगवाने के बाद सावधानियां (Precautions after getting typhoid vaccine in children)

    अपने बच्चे को टाइफाइड का टीका लगवाने से पहले और बाद में कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है:

    यदि आपके बच्चे को पहले किसी टीके से एलर्जी हो चुकी है, तो आपको डाॅक्टर को बताना चाहिए। फिर उनकी सलाह के बाद ही टीका लगवाएं। यदि टीके के बाद कोई एलर्जी हो, तो भी डॉक्टर से संपर्क करें।

    • यदि टीके की पिछली खुराक पर शरीर में गंभीर रिएक्शन हुआ हो, उसे उसी टीके की दूसरी खुराक नहीं दी जानी चाहिए।
    • यदि बच्चे को पेट की समस्या हो रखी है,जैसे कि दस्त की समस्या, तो भी यह टीका नहीं दिया जाना चाहिए।
    • टीकाकरण के समय आपका बच्चा मामूली रूप से भी बीमार नहीं होना चाहिए।

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    जैसा कि टाइफाइड से बचाव के लिए बच्चों में टाइफाइड का टीका आवश्यक है, लेकिन कुछ स्थितियों में इससे डॉक्टर की सलाह द्वारा ही दिया जाना चाहिए। इसकी डोज और किस उम्र में लगना है, यह भी डॉक्टर द्वारा तय किया जाएगा। बच्चों में वैक्सीनेशन काे लेकर अधिक जानकारी के लिए डाॅक्टर से संपर्क करें।

    डिस्क्लेमर

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