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सीने में दर्द? हो सकती है स्टेबल एंजाइना की दस्तक!

और द्वारा फैक्ट चेक्ड Nikhil deore


Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/02/2022

    सीने में दर्द? हो सकती है स्टेबल एंजाइना की दस्तक!

    हो सकता है कि आपने कभी हॉस्पिटल या डॉक्टर के क्लिनिक में स्टेबल एंजाइना (Stable angina) या एंजाइना पेक्टोरिस (Angina Pectoris) शब्द सुना हो, लेकिन आप इनका मतलब नहीं जानते हो। दरअसल यह दोनों मेडिकल टर्म है जिनका मतलब कोरोनरी हार्ट डिजीज के कारण सीने में दर्द या डिस्कंफर्ट से है। यह स्थिति तब बनती है जब हार्ट की मसल्स (Heart Muscle) उतना ब्लड प्राप्त नहीं कर पाती जितनी उनको जरूरत होती है। ऐसा सामान्य तौर पर तब होता है जब एक या उससे ज्यादा हार्ट आर्टरीज नैरो या ब्लॉक हो जाती हैं इसे इस्किमिया (Ischemia) भी कहा जाता है।

    एंजाइना (Angina) के कारण सीने में दवाब, भारीपन और सीने के बीच में दर्द का अनुभव होता है। इसके साथ ही गले, जबड़े, कंधे और पीठ में असहजता का एहसास होता है। बता दें कि कई प्रकार के चेस्ट डिसकंफर्ट जैसे कि सीने में जलन, लंग इंफेक्शन और इंफ्लामेशन एंजाइना से संबंधित नहीं हैं। महिला और पुरुषों में एंजाइना की स्थिति अलग-अलग हो सकती है।

    स्टेबल एंजाइना (Stable angina) की स्थिति कब बनती है?

    एंजाइना (Angina) की परेशानी सामान्य तौर पर तब होती है जब हार्ट मसल को जितना ब्लड उन्हें मिल रहा है उससे ज्यादा की जरूरत होती है। उदाहरण के लिए फिजिकल एक्टिविटी या स्ट्रॉन्ग इमोशन के दौरान। बुरी तरह ब्लॉक हुईं आर्टरीज (Blocked arteries) हार्ट तक पर्याप्त मात्रा में ब्लड उस समय भी पहुंचा सकती हैं जब ऑक्सीजन का डिमांड कम हो जैसे कि बैठने के समय। बता दें कि कठिन शारीरिक गतिविधियों के दौरान जैसे कि वॉकिंग या सीढ़ियां चढ़ना या पहाड़ पर चढ़ने के दौरान हार्ट को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है और ऑक्सिजन की जरूरत ज्यादा होती है।

    इसके लिए कुछ निश्चित फैक्टर्स जिम्मेदार होते हैं जिसमें एथेरोस्केलेरोसिस (आर्टरीज का संकरा होना) शामिल है। जिसमें हार्ट को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। आर्टरीज उस समय संकरी और सख्त हो जाती है जब प्लाक आर्टरीज वॉल के अंदर जम जाता है। ब्लड क्लॉट्स भी आर्टरीज को ब्लॉक कर सकते हैं और ऑक्सीजन रिच ब्लड के फ्लो को कम कर देते हैं।

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    स्टेबल एंजाइना के लक्षण क्या हैं? (Stable Angina Symptoms)

    स्टेबल एंजाइना (Stable angina)

    स्टेबल एंजाइना के दौरान सीने में दर्द और सहजता का अनुभव होता है। जो निम्न प्रकार हो सकता है।

  • कठिन शारीरिक परिश्रम के दौरान दर्द और असहजता का एहसास
  • पेन एपिसोड्स का लगातार आना
  • दर्द का 5 मिनट या इससे कम समय में ठीक होना
  • दवाओं और आराम करने से राहत मिलना
  • गैस और अपच का एहसास होना
  • ऐसा एहसास होना कि सीने का दर्द (Chest Pain) आर्म, बैक और दूसरे हिस्सों में फैल गया है।
  • स्टेबल एंजाइना (Stable Angina) के एपिसोड के अनुसार ये लक्षण भी महसूस हो सकते हैं:

    स्टेबल एंजाइना (Stable angina) को निम्न फैक्टर्स ट्रिगर कर सकते हैं।

    • इमोशनल स्ट्रेस (Emotional stress)
    • बहुत गर्म या ठंडा तापमान (Hot or cold temperature)
    • हैवी मील्स (Heavy meals)
    • स्मोकिंग (Smoking)

    स्टेबल एंजाइना के रिस्क फैक्टर्स क्या हैं? (Stable angina risk factors)

    स्टेबल एंजाइना के रिस्क फैक्टर्स में निम्न शामिल हैं।

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    स्टेबल एंजाइना के बारे में पता कैसे किया जाता है? (Stable angina diagnosis)

    स्टेबल एंजाइना के बारे में पता करने के लिए डॉक्टर मरीज से मेडिक हिस्ट्री के बारे में पूछते हैं। इसके साथ ही वे कुछ टेस्ट करने के लिए भी कह सकते हैं। जिसमें निम्न शामिल हैं।

    इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (Electrocardiogram) – इसमें हार्ट की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी को मापा जाता है और हार्ट रिदम का मूल्यांकन किया जाता है।

    एंजियोग्राफी (Angiography)- यह एक प्रकार का एक्स रे है। जिसमें डॉक्टर ब्लड वेसल्स को देखकर हार्ट तक होने वाले ब्लड फ्लो को जांचता है।

    इन टेस्ट से पता चल जाता है कि आपको हार्ट ठीक से काम करा है या नहीं? साथ ही आर्टरीज के ब्लॉक होने के बारे में भी जानकारी मिल जाती है। आपको स्ट्रेस टेस्ट (Stress test) कराने की जरूरत भी पड़ सकती है। इस टेस्ट के दौरान डॉक्टर आपके हार्ट रिदम को ब्रीदिंग और एक्सरसाइज के दौरान मॉनिटर करते हैं। इससे टेस्ट से यह पता चल सकता है कि फिजिकल एक्टिविटीज आपके लक्षणों को ट्रिगर कर रही हैं या नहीं।

    कुछ मामलों में डॉक्टर कोलेस्ट्रॉल और सी रिएक्टिव प्रोटीन (C-reactive protein) के लेवल का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट भी रिकमंड कर सकते हैं। सीआरपी का हाय लेवल हार्ट डिजीज डेवलप होने के रिस्क को बढ़ा सकता है।

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    एंजाइना पेक्टोरिस का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment of Angina Pectoris)

    स्टेबल एंजाइना के ट्रीटमेंट में मेडिकेशन, लाइफ स्टाइल चेंजेंस और सर्जरी शामिल है। एंजाना पेक्टोरिस के एपिसोड के दौरान होने वाले दर्द या असहजता के बारे में आप पहले से अनुमान लगा सकते हैं और इसे मैनेज भी कर सकते हैं। आमतौर पर यह परेशानी दौड़ने और तनाव का सामना करने के दौरान आती है। फिजिकल एक्टिविटीज को कम करके आप चेस्ट पेन को मैनेज कर सकते हैं। डॉक्टर से एक्सरसाइज रूटीन और डायट के बारे में सलाह लेकर लाइफस्टाइल को मैनेज किया जा सकता है।

    लाइफ स्टाइल में बदलाव (Lifestyle changes)

    कुछ लाइफ स्टाइल एडजस्टमेंट स्टेबल एंजाइना के एपिसोड्स को रोकने में मदद कर सकते हैं। जिसमें रोज एक्सरसाइज करना, हेल्दी डायट फॉलो करना। जिसमें, साबुत अनाज, फल और सब्जियां शामिल हों। अगर स्मोंकिंग करते हैं, तो स्मोकिंग को छोड़ना। ये आदतें क्रोनिक डिजीज जैसे कि डायबिटीज, हाय कोलेस्ट्रॉल और हाय ब्लड प्रेशर के रिस्क को भी कम कर सकती हैं। यह सभी कंडिशन्स स्टेबल एंजाइना को प्रभावित करने के साथ ही हार्ट डिजीज का कारण बनती हैं।

    मेडिकेशन (Medication)

    स्टेबल एंजाइना (Stable angina)

    निट्रोग्लायसेरिन (Nitroglycerin) मेडिसिन स्टेबल एंजाइना से रिलेटेड दर्द से राहत दिलाने में मददगार है। डॉक्टर आपको बताएंगे कि एंजाइना एपिसोड के दौरान आपको कितनी मात्रा में (Nitroglycerin) लेना है। कुछ अंडरलाइन कंडिशन्स जो स्टेबल एंजाइना में योगदान देती हैं जैसे कि हाय ब्लड प्रेशर, हाय कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज इनको मैनेज करने के लिए आपको दूसरी दवाओं की जरूरत पड़ सकती है। डॉक्टर कुछ दवाएं दे सकते हैं जो इन स्थितियों को स्थिर रखने में मददगार हो सकती हैं। इस प्रकार का ट्रीटमेंट प्लान एंजाइना के एपिसोड को कम करेगा। किसी भी दवा का उपयोग डॉक्टर की सलाह के बिना ना करें। ना ही उसके डोज या समय में किसी प्रकार का बदलाव करें।

    सर्जरी (Surgery)

    इस स्थिति को मैनेज करने के लिए डॉक्टर एंजियोप्लास्टी (Angioplasty) भी कर सकते हैं। इस प्रॉसीजर के दौरान सर्जन आर्टरी के अंदर छोटा बैलून प्लेस कर देते हैं। यह बैलून आर्टरी को चौड़ा करता है और इसके बाद स्टेंट को इंसर्ट कर दिया जाता है। स्टेंट आर्टरी में हमेशा के लिए प्लेस कर दिया जाता है। यह आर्टरीज के मार्ग को ओपन रखता है।

    सीने में दर्द को रोकने के लिए अवरुद्ध धमनियों को सर्जरी द्वारा ठीक करने की आवश्यकता हो सकती है। कोरोनरी आर्टरी बायपास ग्राफ्ट करने के लिए ओपन-हार्ट सर्जरी की जा सकती है। कोरोनरी हार्ट डिजीज वाले लोगों के लिए यह आवश्यक हो सकता है।

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    उम्मीद करते हैं कि आपको स्टेबल एंजाइना (Stable angina) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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