एंजाइना के लक्षण इसके प्रकार पर निर्भर करते हैं।
हमें डॉक्टर से कब मिलना चाहिए?
अगर आपको एंजाइना के कोई संकेत या लक्षण समझ आते हैं, तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। स्टेबल एंजाइना हार्ट अटैक को दर्शाता तो नहीं है लेकिन, भविष्य में हार्ट अटैक संभावना हो सकती है। जबकि अनस्टेबल एंजाइना खतरनाक हो सकता है। अनस्टेबल एंजाइना होने पर हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
यदि आपको कोई संकेत या लक्षण नजर आते हैं तो आपको डॉक्टर से जरूर मिलना चाहिए। डॉक्टर्स कई बार एंजाइना के लिए नाइट्रेट्स, नाइट्रोग्लासेरिन देते हैं। नाइट्रेट एंजाइना की इंटेंसिटी को कम करने का काम करते हैं। ये ब्लड वैसल्स को रिलैक्स होने में मदद करते हैं।
इनके ड्रग ऑप्शन में निम्न शामिल हैं।
- बीटा ब्लॉकर्स
- कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स
- एंजाइम इंहिबिटर्स
- स्टेटिन (जिनका उपयोग कोलेस्ट्रॉल को कम करने में किया जाता है)
हाय ब्लड प्रेशर को कम करने वाली दवाएं भी एंजाइना को मैनेज करने में मदद कर सकती हैं। ये हाय ब्लडप्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करती हैं। साथ ही हार्ट रेट को कम करने के साथ ही, ब्लड वैसल्स को रिलैक्स करना, ब्लड क्लॉट बनने से रोकना, हार्ट पर प्रेशर कम करने में मदद करती हैं। किसी भी दवा का उपयोग डॉक्टर की सलाह के बिना न करें।
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एंजाइना का क्या कारण है?
एंजाइना हार्ट में ब्लड फ्लो कम होने के कारण होता है। एंजाइना के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:
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एंजाइना की समस्या क्यों बढ़ती है?
एंजाइना कई कारणों से बढ़ सकता है, उनमें शामिल है: