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Bedwetting : बिस्तर गीला करना (बेड वेटिंग) क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Ankita mishra द्वारा लिखित · अपडेटेड 14/12/2021

Bedwetting : बिस्तर गीला करना (बेड वेटिंग) क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय

परिचय

बिस्तर गीला करना (Bedwetting) क्या है?

छोटे बच्चे अक्सर सोते समय बिस्तर पर ही पेशाब कर देते हैं, जिसे की बिस्तर गीला करना या बेड वेटिंग (Bedwetting) की समस्या कही जाती है। हालांकि, बढ़ती उम्र के साथ और बच्चे की इस आदत में सुधार आने लगता है। हालांकि, इसके अलावा, बिस्तर गीला करना या बेड वेटिंग की समस्या अक्सर बड़ी उम्र के लोगों और वयस्कों (Adults) में भी देखी जा सकती है। अनुमान के मुताबिक, प्रति 100 में से 2 वयस्क लोगों में बेड वेटिंग की समस्या देखी जा सकती है। बिस्तर गीला करना युवा पुरुषों और महिलाओं, दोनों को लिए एक शर्मनाक स्थिति हो सकती है।

बिस्तर गीला करना या बेड वेटिंग की समस्या के कई अलग-अलग कारण हो सकते हैं, जिसमे बचपन की आदत, मूत्राशय से संबंधित समस्या, सोते समय डरावने सपने देखना जैसे कई कारण हो सकते हैं। हालांकि, मेडिकल भाषा में बेडवेटिंग की समस्या को अतिसक्रिय मूत्राशय और नाक्टर्नल एन्यरीसिस (Nocturnal enuresis) भी कहते हैं। जिसे सामान्य तौर पर, मूत्राशय की समस्याएं हो सकती हैं, जैसे, सामान्य की तुलना में बहुत अधिक बार या तेजी से पेशाब आना, टॉयलेट (Toilet) तक पहुंचने से पहले ही यूरिन का रिसाव हो जाना आदि।

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बिस्तर गीला करना या बेड वेटिंग की समस्या को हम दो प्रकार की स्थितियों में बांट सकते हैं, जिसमें शामिल हो सकते हैंः

प्राइमरी बेड वेटिंग (Primary nocturnal enuresis)

प्राइमरी बेड वेटिंग की स्थिति तब होती है जब बच्चे में बचपन से ही बिस्तर गीला करने की आदत हो और बच्चे की यह आदत उसकी बढ़ती उम्र के बाद भी न सुधरे या पांच से आठ साल का होने के बाद भी बच्चा बिस्तर पर ही सोते समय पेशाब कर देता हो।

सेकेंडरी बेड वेटिंग (Secondary nocturnal enuresis)

सेकेंडरी बेड वेटिंग की स्थिति को थोड़ा गंभीर माना जा सकता है। सामान्य तौर पर नवजात शिशु (Newly born baby) लगभग छह माह का होने के बाद बिस्तर पर सोते समय पेशाब करना बंद कर सकता है। जो अक्सर अधिकतर बच्चों के साथ देखा जाता है। लेकिन, अगर कोई बच्चा लगभग छह महीने का होने के बाद बिस्तर गीला करना बंद कर देता है, लेकिन उम्र बड़ी होने पर वो वापस से सोते समय बिस्तर पर पेशाब कर देता है, तो उसे सेकेंडरी बेड वेटिंग (Bedwetting) की स्थिति कही जा सकती है।

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लक्षण

बिस्तर गीला करना (बेड वेटिंग) के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Bedwetting)

बिस्तर गीला करना या बेड वेटिंग के लक्षण निम्न हो सकते हैं, जिनमें शामिल हो सकते हैंः

  • सिर्फ रात (Night) में ही सोते समय बिस्तर पर पेशाब करना
  • बच्चे की उम्र पांच साल (5 Years baby) से अधिक होना
  • बड़ी उम्र वालों का अचानक सोते समय बिस्तर पर पेशाब (Toilet) कर देना
  • हालांकि, इसके अन्य शारीरिक या मानसिक लक्षण क्या हो सकते हैं, इसके बारे में अभी भी उचित शोध करने की आवश्यकता हो सकती है। लेकिन, अगर ऊपर बताए गए किस भी बिन्दुओं के लक्षण आपको अपने बच्चे या खुद में दिखाई देते हैं, तो आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

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    कारण

    बिस्तर गीला करना (बेड वेटिंग) के क्या कारण हो सकते हैं? (Cause of Bedwetting)

    बिस्तर गीला करना या बेड वेटिंग के कारणों को हम इसके प्रकार के आधार पर समझ सकते हैं।

    प्राइमरी बेड वेटिंग के कारण (Cause of Primary Bedwetting)

    अक्सर लोगों को लगता है कि जो बच्चे बचपन से बड़े होने पर भी सोते समय बिस्तर पर पेशाब कर देते हैं, उनकी आदत खराब हो सकती है या उन्हें रात में पेशाब लगने पर जागने में आलस आता होगा। लेकिन, नींद में बिस्तर गीला करना बच्चों की कोई शरारती आदत या आलस नहीं समझनी चाहिए, बल्कि निम्न स्थितियों के बारे में विचार करना चाहिए, जिसके कारण हो सकते हैंः

    मूत्राशय का छोटा होना

    कुछ बच्चों का मूत्राशय बहुत छोटा हो सकता है, जिस कारण वो अधिक समय तक पेशाब की ज्यादा मात्रा पर नियंत्रण नहीं रख पाते हैं। ऐसे में तरल पदार्थ का ज्यादा सेवन करने से मूत्राशय पर दबाव बनने लग सकता है और सोते समय यूरिन पास हो सकता है। हालांकि, इस तरह की स्थिति पर बढ़ती उम्र के साथ कंट्रोल किया जा सकता है लेकिन इसमें काफी समय लग सकता है।

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    एंटीडाइयूरेटिक हार्मोन (ADH)

    एंटीडाइयूरेटिक हॉर्मोन (एडीएच) हमारे शरीर में पेशाब पर नियंत्रण रखने का कार्य करते हैं। अगर शरीर में किसी कारण से एंटीडाइयूरेटिक हार्मोन की कमी हो जाए, तो बच्चों और वयस्कों में बिस्तर गीला करना या बेड वेटिंग की समस्या अधिक आम हो सकती है।

    गहरी नींद

    बच्चे और बड़ें अक्सर शारीरिक या मानसिक रूप से अधिक थके होने पर गहरी नींद (Sound sleep) में सो सकते हैं, इसके अलावा, कुछ लोगों को गहरी और अच्छी नींद भी स्वाभाविक रूप से आती है। साथ ही, कुछ तरह के आहार भी गहरी नींद लाने के पीछे जिम्मेदार भी सकते हैं। ऐसे में गहरी नींद आने पर अक्सर मूत्राशय पर पड़ रहे दबाव का अहसास नहीं होता है और जिसकी वजह से वो सोते समय बिस्तर पर ही पेशाब कर सकते हैं।

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    सेकेंडरी बेड वेटिंग के कारण (Cause of Secondary Bedwetting)

    सेकेंडरी बेड वेटिंग के कारण प्राइमरी बेड वेटिंग के कारणों से अलग और गंभीर हो सकते हैं, जिसमें शामिल हो सकते हैंः

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    निदान

    बिस्तर गीला करना (Bedwetting) के बारे में पता कैसे लगाएं?

    बिस्तर गीला करना या बेड वेटिंग का पता लगाने के लिए आपके डॉक्टर आपसे आपके बारे में, आपके बच्चे के बारे में और उसकी आदतों से जुड़े निजी सवाल-जवाब कर सकते हैं, जिसमें शामिल हो सकते हैंः

    • सोते समय पेशाब (Toilet) करने की आदत कब से शुरू हुई है?
    • इससे पहले कभी बेट वेटिंग की समस्या हुई थी या नहीं?
    • सोते समय कमरे का तापमान कितना रहता है?
    • क्या सोते समय डरावने सपने आते हैं या अंधेरा होने की वजह से डर लगता है?
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    निजी सवालों के अलावा, आपके डॉक्टर आपको कुछ जरूरी टेस्ट कराने की भी सलाह दे सकते हैं, जिसमें शामिल हो सकते हैंः

    • किसी तरह के संक्रमण या मधुमेह के लक्षणों की जांच करने के लिए यूरिन टेस्ट
    • किडनी या मूत्राशय का एक्स-रे (X-Ray)
    • अल्ट्रासाउंड (Ultrasound)
    • एमआरआई (MRI)
    • यूरोडायनामिक टेस्टिंग (Urodynamic testing)

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    रोकथाम और नियंत्रण

    बिस्तर गीला करना (Bedwetting) को कैसे रोका जा सकता है?

    अपने बच्चे की बेड वेटिंग की आदत को रकोने या इसकी रोकथाम करने के लिए आप निम्न बातों पर ध्यान दे सकते हैं, जैसेः

    • शाम के समय या सोने से पहले बच्चे को तरल पदार्थों का सेवन कम से कम करवाएं
    • रात में बच्चे के साथ सोएं, ताकि आप कुछ घंटों के अंतराल पर जगा सकें और उसे पेशाब करने के लिए टॉयलेट भेज सकें। इसके लिए आप आलर्म भी सेट कर सकते हैं।
    • कैफीन (Caffeine) युक्त पेय पदार्थों और खाद्य पदार्थों का सेवन कम से कम करें
    • सोने से पहले टॉयलेट जरूर जाएं
    • सोने के कमरे का तापमान बहुत ज्यादा ठंडा न रखें
    • कब्ज (Constipation), डायबिटीज (Diabetes) या अन्य शारीरिक स्थिति है, तो उसके उचित उपचार के विकल्प पर विचार करें

    अगर इन सब उपायों के बाद भी, बच्चे में या वयस्क में बेड वेटिंग की समस्या बनी रहती है, तो इस बारे में घर के बड़े सदस्यों से बात करें, ताकि आप खुद भी अपनी परेशानी का कारण समझ सकें।

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    उपचार

    बिस्तर गीला करना (बेड वेटिंग) का उपचार कैसे किया जाता है? (Treatment for Bedwetting)

    सामान्य रूप से देखा जाए, तो अधिकांश बच्चे एक उम्र के बाद भी बिस्तर गीला करना अपने आप ही बंद कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें किसी तरह के उपचार की जरूरत नहीं हो सकती है। लेकिन, अगर अज्ञात कारणों से बेड वेटिंग की समस्या बनी रहती है, तो इस बारे में बिना शर्माएं अपने डॉक्टर से बात करें। आपके लक्षणों, कारणों और शारीरिक स्थिति के अनुसार आपके डॉक्टर आपके लिए उचित उपचार का सुझाव दे सकते हैं, जिनमें शामिल हो सकते हैंः

    डेस्मोप्रेसिन दवा का सेवन

    डेस्मोप्रेसिन दवा (Desmopressin) एक प्राकृतिक हार्मोन के स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकती है, जो शरीर को रात में सोते समय अधिक मूत्र का उत्पादन करने से रोकने का कार्य कर सकता है। हालांकि, इस दवा का सेवन एक निश्चित समय तक के लिए ही करना चाहिए। क्योंकि अधिक समय तक इस दवा का सेवन करने से खून में सोडियम का स्तर घट बढ़ सकता है, जिससे दौरें आने का जोखिम हो सकता है। इसलिए, इसका सेवन हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह से ही करें।

    एंटीकोलीनर्जिक दवा

    एंटीकोलीनर्जिक दवा (Anticholinergic medicine) के सेवन की सलाह आपके डॉक्टर तभी देंगे अगर मूत्राशय छोटा है। यह दवा मूत्राशय के संकुचन को कम करने और उसके दवाब सहने की क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकता है। कभी-कभी इस दवा के साथ अन्य दवाओं के सेवन की भी सलाह आपके डॉक्टर दे सकते हैं।

    बेड वेटिंग अलार्म

    बेड वेटिंग अलार्म में एक तरह का सेंसर होता है, जिसे पतलून या अंडरवियर में लगाया जा सकता है। जैसे ही इसका सेंसर किसी तरह का नमी कैच करना है यह बजने लगता है और नींद के खुलने में मदद कर सकता है। इस अलार्म का एक फायदा हो सकता है कि कुछ समय तक इसका इस्तेमाल करने के बाद आपको खुद ही अपने रात में उठने के समय का अनुमान और रात में सोते समय आपको किस समय यूरिन (Urine) का प्रेशर फील होता है इसकी अच्छी जानकारी हो सकती है। जिसके बाद आपको इस अलार्म की जरूरत भी नहीं महसूस होगी।

    इसके अलावा, अगर मूत्राशय से संबंधित कोई संक्रमण है, तो आपके डॉक्टर एंटीबायोटिक (Antibiotic) के सेवन की सलाह भी दे सकते हैं।

    अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।

    डिस्क्लेमर

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