के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
घुटनों में दर्द (Knee pain) की समस्या भारत में पांचवी सबसे बड़ी क्रोनिक स्वास्थ्य स्थिति मानी जाती है। हालांकि, घुटनों का दर्द भारत के साथ-साथ अन्य देशों की भी एक सबसे बड़ी शारीरिक स्वास्थ्य स्थिति बन गई है। वैसे देखा जाए, तो घुटनों में दर्द (Knee pain) होना एक सामान्य समस्या हो सकती है। घुटनों का दर्द हर उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है। इसमें छोटी उम्र के बच्चों से लेकर बड़ी उम्र के वयस्क भी शामिल हो सकते हैं। घुटने में दर्द का कारण कोई सामान्य चोट से लेकर गंभीर चोट (जिसके कारण घुटने के लिगामेंट (ligament) प्रभावित हो, लिगामेंट एक रेशेदार और लचीला ऊतक होता है, जो दो हड्डियों को आपस में जोड़ता है या कार्टिलेज (cartilage) का फटना, ये कठोर और लचीले सफेद रंग के ऊतक होते हैं, जो घुटने, गले और श्वसन तंत्र समेत शरीर के कई भागों में होते हैं) भी हो सकता है। इसके अलावा गठिया (संधिशोथ) या गाउट और अर्थराइटिस या किसी तरह संक्रमण भी घुटने के दर्द का कारण बन सकता है।
हालांकि, घुटनों का दर्द बढ़ती उम्र के साथ बढ़ सकता है। शरीर को मिलने वाला खराब पोषण और विभिन्न तरह की शारीरिक गतिविधियां जो घुटने पर प्रेशर बनने का कारण बनती हों, ये भी घुटनों के दर्द के सबसे मुख्य वजह हो सकते हैं।
और पढ़ेंः Arthritis : संधिशोथ (गठिया) क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय
घुटनों में दर्द (Knee pain) या घुटने में पेन होने के दौरान आपको अन्य तरह के भी लक्षण दिखाई दे सकते हैं, तो सामान्य स्वास्थ्य स्थिति से लेकर गंभीर स्वास्थ्य स्थिति के लक्षण भी हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैंः
अगर ऊपर बताए गए निम्न में से कोई भी लक्षण एक हफ्ते से अधिक समय तक के लिए बने रहते हैं, तो आपको जल्द ही अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसके अलावा, अगर घुटनों में तेज दर्द के साथ आपको बुखार होता है या ऐसा लगे कि जैसे घुटनें अस्थिर हो गए हैं और वे अपनी सामान्य जगह पर नहीं हैं, तो आपातकालीन चिकित्सक की मदद लें।
अगर घुटनों के दर्द के लक्षणों को अधिक समय तक नजरअंदाज किया जाता है, तो भविष्य में ये ऑस्टियोअर्थराइटिस या विकलांगता जैसी समस्याओं का कारण भी बन सकता है। इसलिए समय रहते अपने लक्षणों का निदान अवश्य कराएं। ताकि, उचित समय पर आप उपचार प्राप्त कर सकें।
और पढ़ेंः Slip Disk : स्लिप डिस्क क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय
घुटनों में दर्द (Knee pain) की समस्या क्रोनिक यानी दीर्घकालिक या अस्थायी यानी थोड़े समय के लिए भी हो सकते हैं। घुटनों के दर्द का अस्थायी कारण किसी तरह का चोट लगना या कोई दुर्घटना हो सकता है। लेकिन, घुटनों के क्रॉनिक दर्द का कारण किसी गंभीर शारीरिक स्वास्थ्य स्थिति या बीमारी से जुड़े हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में उपचार कराना बेहद जरूरी हो सकता है।
घुटनों में दर्द (Knee pain) के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें सामान्य से लेकर गंभीर स्वास्थ्य स्थितियां भी शामिल हो सकती हैं, जैसेः
बढ़ती उम्र के साथ-साथ हमारे घुटनों के जोड़ों में मौजूद ग्रीस जिसे साइनोवियन फ्लूइड कहते हैं, यह घटने लगती है जिसके कारण घुटनों में होने दर्द हो सकता है।
गाउट, गठिया या संधिशोथ की समस्या शरीर में यूरिक एसिड अधिक बनने की वजह से हो सकता है, जो घुटनों के दर्द का कारण बन सकता है। यह एक गंभीर स्थिति हो सकती है।
ऑस्टियोअर्थराइटिस की स्थिति में घुटनों के जोड़ बिगड़ने लगते हैं।
बर्साइटिस की स्थिति का मुख्य कारण शारीरिक तौर पर घुटने पर अधिक प्रेशर पड़ने के कारण हो सकता है। इसके अलावा, किसी तरह का चोट भी इसका कारण बन सकता है।
टेंडनाइटिस की स्थिति में घुटने के अगले हिस्सें में दर्द हो सकता है। जिसके कारण सीढ़ियां चढ़नें और चलते समय में अधिक पेरशानी और गंभीर दर्द हो सकता है।
बेकर्स सिस्ट की स्थिति में घुटने के पीछे सिनोवियल द्रव, जो जोड़ों के बीच चिकनाई युक्त एक तरल पदार्थ होता है का निर्माण होने लगता है।
डिस्लोकेशन हड्डियों के जोड़ छूटने की वजह या इसका अपने स्थान से हिल जाने के कारण हो सकता है।
इसके अलावा, निम्न स्थितियां भी घुटने में दर्द का कारण बन सकते हैंः
ऐसी कई स्थितियां हो सकती हैं जो घुटनों के दर्द के जोखिम को बढ़ाने का कारण बन सकते हैंः
और पढ़ेंः Dizziness : चक्कर आना क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय
घुटनों में दर्द (Knee pain) होने का कारण पता लगाने के लिए डॉक्टर निम्न तरीके अपना सकते हैंः
डॉक्टर आपकी शारीरिक गतिविधियों को जानने के लिए आपका शारीरिक परीक्षण कर सकते हैं। साथ ही, किस समय या किस तरह की स्थिति में आपको अधिक दर्द या परेशानी होती है, इसके बारे में भी आपसे पूछ सकते गैं।
इमेजिंग टेस्ट के जरिए आपके घुटनों के हड्डियों की स्थिति का पता लगा सकते हैं, जिससे अगर आपकी हड्डियों में किसी तरह का फ्रैक्चर या अन्य स्थिति है, तो उसके बारे में जान सकते हैं। जिसके लिए वे एक्स-रे, एमआरआई (MRI) या सीटी स्कैन (CT Scan) का सुझाव दे सकते हैं।
लैब टेस्ट जैसे ब्लड टेस्ट या घुटनों में पाए जाने वाले तरल पदार्थ की जांच करना शामिल हो सकता है।
और पढ़ेंः Peyronies : लिंग का टेढ़ापन (पेरोनी रोग) क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय
घुटनों में दर्द (Knee pain) की समस्या कम करने के लिए आप निम्न उपाय अपना सकते हैं, जैसेः
अगर किसी सामान्य कारण से आपको घुटनों में दर्द (Knee pain) की समस्या होती है, तो आप निम्न घरेलू उपायों से घुटनों के दर्द को कम कर सकते हैंः
और पढ़ेंः Swelling (Edema) : सूजन (एडिमा) क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय
आपकी स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए आपके डॉक्टर घुटनों में दर्द (Knee pain) के उपचार की सलाह दे सकते हैं। जिसमें कई विधियां शामिल हो सकते हैंः
हड्डियों में दर्द या घुटनों के दर्द से राहत पाने, रूमेटाइड अर्थराइटिस या गाउट जैसे अन्य गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों का उपचार करने के लिए आपके डॉक्टर आपको उचित दवाओं के खुराक की सलाह दे सकते हैं।
हड्डियों में दर्द के लिए थेरिपी भी ली जा सकती है। घुटने के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत बनाने और घुटने को अधिक स्थिर बनाने के लिए डॉक्टर आपको उचित थेरिपी का भी सुझाव दे सकते हैं।
घुटनों से जुड़े किसी तरह के संक्रमण की स्थिति में आपके डॉक्टर इंजेक्शन के जरिए घुटनों के अंदर दवा इंजेक्ट कर सकते हैं। जैसे, कोर्टिकोस्टेरॉयड (Corticosteroids) और सप्लिमेंटल लूब्रीकेशन (Supplemental lubrication)। हालांकि, इसकी खुराक हफ्तों या महीनों के अंतराल पर आपको एक बार या एक बार से अधिक दी जा सकती है।
कुछ गंभीर मामलों में आपके डॉक्टर सर्जरी का भी सुझाव दे सकते हैं, जैसेः
आर्थरोस्कोपिक सर्जरी की प्रक्रिया से घुटनें के जोड़ों से ढीलेपन को निकाला जाता है और खराब हुए कार्टिलेज को ठीक किया जाता है यह उसे बाहर निकाल दिया जाता है और लिगामेंट्स को स्थापित किया जाता है।
टोटल नी रिप्लेसमेंट की प्रक्रिया में जांघों की हड्डी, पिंडली की हड्डी और घुटने की खराब हुई हड्डी और कार्टिलेज को काटकर निकाल दिया जाता है और उन्हें कृत्रिम अंगों से बदल दिया जाता है। जो मिश्र धातु, हाई-ग्रेड प्लास्टिक और पॉलिमर से बने हो सकते हैं।
अगर आपका इससे जुड़ा किसी तरह का कोई सवाल है, तो इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर या फिजियोथेरेपिस्ट से परामर्श करें। हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।
डिस्क्लेमर
हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।