के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
यूरिक एसिड (Uric Acid) या यूरिक अम्ल एक कार्बनिक यौगिक है, जिसकी मात्रा हमारे खून में पाई जाती है। यह कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सिजन और नाइट्रोजन जैसे तत्वों से मिलकर बना होता है। इसका अणुसूत्र C5H4N4O3 होता है। यह एक प्रकार का यौगिक है, जो हमारे शरीर को प्रोटीन से एमिनो एसिड (Amino acid) के रूप में मिलता है। शरीर के पाचन प्रक्रिया के दौरान प्रोटीन टूटता है। इस दौरान शरीर में प्यूरीन नामक पदार्थ टूटता है, जो हमारे शरीर में यूरिक एसिड (Uric acid) का निर्माण करता है। हालांकि ऐसी कई वजहें है जिसकी वजह से शरीर में यूरिक अम्ल का स्तर बढ़ सकता है। ब्लड में यूरिक एसिड का नॉर्मल अपर लिम 6.8mg/dL होता है, जिसे हाइपरयूरिसीमिया (Hyperuricemia) कहते हैं।
प्यूरीन सामान्य रूप से शरीर में उत्पन्न होता है और कुछ खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों में भी पाया जा सकता है। प्यूरीन की उच्च सामग्री वाले खाद्य पदार्थों में रेड मीट (लाल रंग के मांस), सी फूड, रेड वाइन, दाल, राजमा, मशरूम, गोभी, टमाटर, पालक, मटर, पनीर, भिंडी, अरबी, चावल, सूखे सेम (बीन्स), बीयर आदि जैसे खाद्य पदार्थ शामिल हो सकते हैं, जो शरीर में यूरिक एसिड का लेवल काफी बढ़ा सकते हैं। शरीर में यूरिक एसिड का लेवल बढ़ने से गठिया, डायबिटीज (Diabetes), हार्ट प्राब्लम्स (Heart problem), किडनी की बीमारियों (Kidney disease) के होने का जोखिम भी बढ़ सकता है।
सामान्य तौर पर, अधिकांश मात्रा में यूरिक अम्ल रक्त में घुल कर किडनी तक जाता है और वहां से यूरिन के जरिए शरीर से बाहर निकल जाता है, लेकिन अगर किसी कारण शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा अधिक बढ़ जाती है यूरिन के जरिए उसकी पर्याप्त मात्रा में नहीं निकाल पाती है, जिससे हम बीमार हो सकते हैं।
इसके अलावा शरीर में यूरिक अम्ल के बढ़ने से भविष्य में निम्न स्वास्थ्य स्थितियों के होने का जोखिम भी बढ़ सकता है, जिसमें शामिल हैः
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शरीर में हाइपरयूरिसीमिया (यूरिक एसिड) की मात्रा बढ़ने से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती है, जिसे पहचान कर हम इसके लक्षणों को नोटिस कर सकते हैं, जो गंभीर स्थिति होने पर गाउट के भी लक्षण हो सकते हैं, जिसमें शामिल हो सकते हैंः
कुछ स्थितियों में यह किडनी स्टोन का भी कारण बन सकता है, जिसके निम्न लक्षण हो सकते हैंः
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इसके अलावा, अगर आपको किसी भी प्रकार का कैंसर है और इस दौरान शरीर में यूरिक अम्ल की मात्रा बढ़ती है, तो आपको निम्न लक्षण दिखाई दे सकते हैं जिनमें शामिल हैंः
ध्यान रखें कि, शरीर में हाइपरयूरिसीमिया (यूरिक एसिड) होने के सभी तरह के लक्षण यहां नहीं बताए गए हो सकते हैं। हर व्यक्ति में इसके लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। अगर ऊपर बताए गई किसी भी लक्षण पर आपको कोई संदेह है, तो कृपया इस बारे में अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
शरीर में यूरिक ऐसिड बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं जिनमें खान-पान से लेकर अनुवांशिकता का कारण भी शामिल हो सकते हैं, जैसेः
हाइपरयूरिसीमिया का परीक्षण करने के लिए आपके डॉक्टर आपको निम्न टेस्ट की सलाह दे सकते हैंः
शरीर में यूरिक एसिड की बढ़ी हुई मात्रा का पता लगाने के लिए आपको यूरिक एसिड ब्लड टेस्ट करवाने की आवश्यकता हो सकती है। यह एक प्रकार का ब्लड टेस्ट (Blood test) होता है, जिसके जरिए आपके खून में यूरिक एसिड की मात्रा का पता लगाया जा सकता है। इस टेस्ट के लिए डॉक्टर आपके खून का नमूना लेते हैं।
यूरिक एसिड यूरिन टेस्ट परीक्षण यह देखने के लिए जांचता है कि आपके मूत्र में यूरिक एसिड का स्तर कितना है। इस टेस्ट के लिए आपको अपने यूरिन का सैंपल डॉक्टर को देना होता है।
हाइपरयूरिसीमिया (Hyperuricemia) के लेवल को बढ़ने से रोकने के लिए आप निम्न उपाय कर सकते हैं, जिनमें शामिल हैंः
कुछ शोध के मुताबिक खून में यूरिक एसिड (Uric acid) की मात्रा को कंट्रोल करने के लिए हरे और ताजे खीरे के जूस पीना काफी लाभकारी साबित हो सकता है।
हाइपरयूरिसीमिया (यूरिक एसिड) का उपचार करने के लिए आपके डॉक्टर आपको निम्न दवाओं के साथ कुछ जरूरी सलाह भी दे सकते हैं।
लेकिन, आपके खून में यूरिक एसिड का लेव अधिक हो गया है तो आपके डॉक्टर इसका उपचार करने के लिए आपको निम्नलिखित दवाएं की सलाह दे सकते हैं, जिनमें शामिल हैंः
अगर यूरिन अम्ल का लेवल बढ़ने के कारण गाउट (Gout) की समस्या हो गई है, तो आपके डॉक्टर आपको निम्न दवाओं की सलाह दे सकते हैंः
ये दवाएं गाउट संबंधी दर्द से राहत प्रदान करने में लाभकारी हो सकते हैं।
इसके अलावा भी आप अपने डॉक्टर के सलाह पर निम्न दवाओं का सेवन कर सकते हैंः
इसके अलावा अगर आपके खून में यूरिक एसिड लेवल बढ़े दो से तीन महीने ही हुए हैं, तो आपके डॉक्टर इसे कम करने के लिए आपको FEBUSTAT 40 एमजी के सेवन की सलाह भी दे सकते हैं।
अगर आपका इससे जुड़ा किसी तरह का कोई सवाल है, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।
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