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यूरिन इंफेक्शन से बचने के 9 घरेलू उपाय

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 09/11/2021

    यूरिन इंफेक्शन से बचने के 9 घरेलू उपाय

    यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) महिलाओं में होने वाली सबसे सामान्य बीमारी है। वर्ल्ड हेल्थ ओर्गनइजेशन (WHO) के रिपोर्ट के अनुसार तकरीबन 50 प्रतिशत महिलाओं को कभी ना कभी यूरिन इंफेक्शन की परेशानी हुई है। यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का मुख्य कारण सफाई (हाइजीन) नहीं रखना माना जाता है। यूरिन में होने वाले संक्रमण को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। जितनी जल्दी हो सके यूरिन इंफेक्शन के उपचार के लिए कुछ होम रेमेडीज भी अपनाई जा सकती हैं। लेकिन, यूरिन इंफेक्शन (urine infection) के उपचार अपनाने से पहले इसके लक्षण और कारण को समझना जरूरी है।

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    यूरिन इंफेक्शन के लक्षण-

    यूरिन इंफेक्शन के उपचार से पहले यूटीआई (UTIs) के लक्षणों को समझना जरूरी है। संक्रमण के समय दिखने वाले कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं –

    1. बार-बार टॉयलेट जाना।
    2. पेशाब करने में दर्द या जलन महसूस होना।
    3. पेट के निचले हिस्से में हल्का दर्द होना
    4. ज्यादा देर तक टॉयलेट पास होना।
    5. कभी-कभी बुखार आना।
    6. पेशाब के दौरान दर्द या जलन होना।
    7. यूरिन पास होने में ज्यादा समय लगना।
    8. पेट के निचले हिस्से में दर्द होना

    गर्भावस्था में यूरिन इंफेक्शन

    गर्भवती महिला में यूरिन इंफेक्शन होने की आशंका ज्यादा होती है। वहीं, 20 से 50 उम्र की महिलाओं में भी यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। बात की जाए प्रेग्नेंसी की तो यूटीआई का खतरा ज्यादातर छठे सप्ताह से 24वें सप्ताह के बीच हो सकता है। इसलिए, गर्भावस्था के दौरान साफ-सफाई का खास ख्याल रखें। गर्भावस्था में यूरिन इंफेक्शन गर्भस्थ शिशु के विकास पर असर डाल सकता है। ऐसे में गर्भ में पल रहे शिशु की सेहत प्रभावित हो सकती है।

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    यूरिन इंफेक्शन से बचने के उपाय

    1. यूरिन इंफेक्शन के उपचार के रूप में रोजाना दो से तीन लीटर पानी और जूस पीने की आदत डालें।   
    2. पानी और जूस के अधिक सेवन से बार- बार टॉयलेट जाना होगा। ऐसे में पेशाब को रोके नहीं इससे भी इंफेक्शन होता है। 
    3. हाइजीन का ख्याल रखें और कॉटन (सूती) अंडरगारमेंट का ही उपयोग करें। 
    4. खान-पान का विशेष ध्यान रखें। ज्यादा मसालेदार खाने से परहेज करें। 
    5. उन फल और सब्जियों का सेवन करें, जिनमें विटामिन-सी (जैसे-आंवला, संतरे, नींबू आदि) की मात्रा अधिक होती है। विटामिन-सी यूरिन इंफेक्शन पैदा करने वाले बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करता है। 
    6. औषधियों में शामिल आंवले के पाउडर और इलाइची पाउडर को एक साथ मिलाकर इस मिश्रण को पानी में मिक्स कर के पीने से फायदा मिलता है। 
    7. महिला हों या पुरुष दोनों को ही अपने प्राइवेट पार्ट की सफाई का ध्यान रखना चाहिए। यूरिन इंफेक्शन हाइजीन नहीं रखने की वजह से भी होता है। 
    8. डीहाइड्रेशन से बचने के लिए नारियल पानी पीने की आदत डालें। नारियल पानी में मौजूद विटामिन, मिनरल, साइटोकाइन, एमिनो एसिड (amino acid) और एलेक्ट्रोलाइट्स आवश्यक मात्रा में मौजूद होते हैं। इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होगी।     
    9. क्रैनबेरी जूस यूटीआई (UTIs) से राहत दिलाने में काफी मदद करता है। इसमें मौजूद में विटामिन-सी, ई और बीटा कैरोटीन मूत्रमार्ग के संक्रमण में लाभदायक साबित होता है। इसके अलावा यूरिन इंफेक्शन (urine infection) से निजात पाने के लिए डायट में प्रोबायोटिक्स (probiotic) शामिल करें। अध्ययनों से पता चला है कि प्रोबायोटिक्स आंत में अच्छे बैक्टीरिया के स्तर को बढ़ा सकते हैं और एंटीबायोटिक उपयोग से जुड़े दुष्प्रभावों को कम कर सकते हैं।

    किन बातों का रखें ध्यान-

    यूरिन इंफेक्शन से बचने के लिए नीचे बताई गई बातों पर ध्यान दें –

    • पेशाब आने पर रोके नहीं क्योंकि अकसर महिलाएं यूरिन रोकती हैं, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है और इससे किडनी की सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है।
    • टॉयलेट को क्लीन रखें और अगर किसी अन्य जगह जैसे मॉल, ऑफिस या कहीं बाहर का टॉयलेट इस्तेमाल करने से पहले साफ-सफाई का ध्यान रखें। इनमें मौजूद बैक्टीरिया संक्रमण को और बढ़ा सकते हैं।
    • महिलाओं  को पीरियड्स के दौरान हाइजीन का ध्यान रखना चाहिए। एक ही पैड (नैपकिन) का इस्तेमाल लंबे वक्त तक नहीं करें। इससे भी इंफेक्शन होने की संभावना होती है।
    • अंडरगार्मेंट्स कॉटन (सूती) के ही इस्तेमाल करें। सिंथेटिक (synthetic) और टाइट अंडरगार्मेंट्स का इस्तेमाल न करें।           
    • यूरिन इंफेक्शन से बचने के लिए चाय और कॉफी से परहेज करें। जिन महिलाओं को यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (urinary tract infection) की समस्या रहती है उन्हें कैफीन युक्त चीजें लेने से मना किया जाता है क्योंकि कैफीन यूरिनरी ट्रैक्ट (मूत्र मार्ग) में जलन पैदा कर सकता है। साथ ही इससे डीहाइड्रेशन (dehydration) की समस्या भी हो सकती है।
  • सेक्शुअल इंटरकोर्स से पहले और बाद में यूरिन पास करना और वजाइना के आसपास को साफ करना जरूरी है।
  • टाइट कपड़े पहनने की वजह से भी यूरिनरी इंफेक्शन (urinary infection) हो सकता है। इसलिए, हमेशा ढीलें और कॉटन के कपड़े ही पहनें जो आपके लिए आरामदायक हो।
  • वजाइना (vagina) के आसपास हिस्से में ऐंटीसेप्टिक क्रीम (antiseptic cream), कठोर साबुन, किसी तरह का स्प्रे, डियो या पाउडर जैसी चीजों का इस्तेमाल बिल्कुल भी न करें।
  • यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन ब्लैडर के सिकुड़ने की वजह होता है। ये समस्या महिलाओं में पुरुषों की तुलना में ज्यादा होती है। अगर इसे नजरअंदाज किया जाए तो ये एक गंभीर समस्या हो सकती है। यूरिन इंफेक्शन का असर सबसे पहले किडनी पर पड़ता है जिससे क्रोनिक किडनी की समस्या शुरू हो सकती है।

    यूरिन इंफेक्शन से पहले किडनी में इंफेक्शन शुरू होता है। फिर यह इंफेक्शन धीरे-धीरे पूरे शरीर को संक्रमित करता है। इसलिए यूरिन इंफेक्शन होने पर यूरोलॉजिस्ट से सलाह लेकर जांच करवाना उचित होगा।  

    यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन महिलाओं में होने वाली आम समस्या है। लेकिन, यह काफी परेशान कर देने वाली समस्या है और इसका इलाज समय पर न किया जाए तो कुछ और समस्याएं जन्म ले सकती हैं। इसलिए, अगर आपको यूरिन इंफेक्शन जल्दी-जल्दी होता है तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। अगर शुरुआत में की यूटीआई को नजरअंदाज न करके इसका इलाज करवा लिया जाए तो इस समस्या को जड़ से खत्म किया जा सकता है। साथ ही साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। कभी-कभी यह कुछ और स्वास्थ्य कारणों की भी वजह बन सकता है। हालांकि, हायड्रेट रहना, कुछ स्वस्थ आदतों को फॉलो करना और आहार में कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों को शामिल करना (जो यूटीआई की संभावना को कम करते हों) आपको यूरिन इंफेक्शन होने से बचा सकता है।

    डिस्क्लेमर

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