महिलाएं प्रेग्नेंसी में यूटीआई के लक्षणों को पहचान नहीं पाती हैं। इसलिए उपर बताए गए लक्षणों में से कोई भी दिखे तो डॉक्टर से परामर्श जरूर करें। गर्भावस्था के दौरान की इस मुख्य समस्या का इलाज समय पर नहीं कराया जाए तो यह परेशानी गंभीर हो सकती है।
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6. प्रेग्नेंसी में यूरिन इंफेक्शन: फलों के सेवन से इंफेक्शन में राहत
उन फल और सब्जियों का सेवन करें, जिनमें विटामिन-सी (जैसे-आंवला, संतरे, नींबू आदि) की मात्रा अधिक होती है। विटामिन-सी यूरिन इंफेक्शन पैदा करने वाले बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करता है।
क्रैनबेरी जूस प्रेग्नेंसी में यूटीआई (UTIs) से राहत दिलाने में काफी मदद करता है। इसमें मौजूद में विटामिन-सी, ई और बीटा कैरोटीन मूत्रमार्ग के संक्रमण में लाभदायक साबित होता है। इसके अलावा यूरिन इंफेक्शन (urine infection) से निजात पाने के लिए डायट में प्रोबायोटिक्स (probiotic) शामिल करें। अध्ययनों से पता चला है कि प्रोबायोटिक्स आंत में अच्छे बैक्टीरिया के स्तर को बढ़ा सकते हैं और एंटीबायोटिक उपयोग से जुड़े दुष्प्रभावों को कम कर सकते हैं।
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यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस और फ्रीक्वेंट यूरिनेशन की भी होती है समस्या
आपको बता दें कि प्रेग्नेंसी में यूटीआई के अलावा यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस और फ्रीक्वेंट यूरिनेशन की समस्या भी होती है। प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लड फ्लो बढ़ जाता है। बॉडी में खून की उचित मात्रा पहुंचाने के लिए ब्लड तेजी से दौड़ता है। इस दौरान किडनी को भी एक्ट्रा फ्लूड बनाने की जरूरत पड़ती है। प्रेग्नेंसी के दौरान एक्सट्रा फ्लूड बनने के कारण आपको बार-बार एहसास होगा कि बाथरूम जाने की आवश्यकता है। यह परेशानी डिलिवरी के बाद भी बनी रह सकती है। हालांकि, कुछ समय बाद यह ठीक हो जाता है।
हमें उम्मीद है कि प्रेग्नेंसी में यूटीआई और इसके उपचार पर आधारित यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। प्रेग्नेंसी के दौरान कई समस्याएं जैसे बालों का झड़ना, स्ट्रेच मार्क होना, खुजली और थकान होना आम है, लेकिन यूरिन इंफेक्शन को इग्नोर नहीं किया जाना चाहिए। अगर इंफेक्शन ज्यादा बिगड़ जाता है तो इससे किडनी भी अफेक्ट हो सकती है और इसका असर होने वाले बच्चे पर भी हो सकता है। प्रेग्नेंसी में यूटीआई से जुड़ी किसी प्रकार की अन्य जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।