के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Pooja Bhardwaj
सिकल सेल, जिसे सिकल सेल एनीमिया (Sickle Cell Anemia) भी कहा जाता है। एक वंशानुगत (हेरिडिटरी) एनीमिया है। यह वह स्थिति होती है, जिसमें शरीर के अन्य भागों में ऑक्सिजन ले जाने के लिए पर्याप्त हेल्दी रेड ब्लड सेल्स (RBC) नहीं बचती।
आम तौर पर रेड ब्लड सेल्स गोल होती हैं और ब्लड वेसल्स के माध्यम से आसानी से आगे बढ़ सकती हैं, जिससे शरीर के सभी हिस्सों में ऑक्सिजन (Oxygen) ले जाने में मदद मिलती है। सिकल सेल एनीमिया (Sickle Cell Anemia) होने पर ये कोशिकाएं सिकल के शेप में बदल जाती हैं और कठोर और चिपचिपी हो जाती हैं। इन असामान्य आकार की कोशिकाओं को पतली ब्लड वेसल्स में जाने में परेशानी हो सकती है, जिससे शरीर के कुछ हिस्सों में ब्लड सर्क्यूलेशन और ऑक्सिजन का जाना धीमा हो सकता है या रुक सकता है। इस स्थिति में पर्याप्त मात्रा में ब्लड न मिलने पर टिश्यू डैमेज होने के साथ ही अंगों को नुकसान पहुंचता है।
सिकल सेल एनीमिया से ग्रसित जीन मुख्य रूप से अफ्रीका, भारत, भूमध्यसागरीय, सऊदी अरब, कतर द्वीप कैरिबियन, मध्य अमेरिका और दक्षिण अमेरिका के लोगों में देखें गए हैं। सिकल सेल वाले मरीजों में सबसे ज्यादा वे लोग होते है जिनका कलर कॉम्पलेक्शन डार्क होता है।
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ऊपर बताए गए लक्षणों के अतिरिक्त कुछ अन्य लक्षण भी हो सकते हैं। यदि आपको इनमें से कोई लक्षण नजर आता है तो कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें
हालांकि सिकल सेल एनीमिया (Sickle Cell Anemia) का आमतौर पर बचपन में निदान किया जाता है। लेकिन, यदि आप इनमें से किसी भी समस्या का सामना करते हैं, तो अपने चिकित्सक को तुरंत दिखाए :
यदि आपके कोई प्रश्न हैं, तो कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें। हर किसी का शरीर अलग तरह से कार्य करता है। ऐसे में हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करना अच्छा होता है।
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सिकल सेल एनीमिया (Sickle Cell Anemia) जीन में परिवर्तन (म्युटेशन) के कारण होता है, जो हीमोग्लोबिन (प्रोटीन बीटा-ग्लोबिन) बनाता है। यह एक आयरन युक्त कंपाउंड है और इसी से ब्लड का कलर रेड होता है। हीमोग्लोबिन (Haemoglobin) रेड ब्लड सेल्स (RBC) को फेफड़ों से शरीर के अन्य भागों तक ऑक्सिजन पहुंचाने में मदद करता है। जब आप को सिकल सेल एनीमिया होता है, तो एब्नार्मल हीमोग्लोबिन रेड ब्लड सेल्स को कठोर, चिपचिपा और विकृत (डेफोर्म्ड) बना देता है। सिकल सेल के जीन पीढ़ी दर पीढ़ी विरासत में मिलते हैं।
ऐसे मामले जहां माता -पिता दोनों में सिकल जीन मौजूद होते हैं, उनके बच्चों के साथ निम्न परिस्थितियां हो सकती हैं –
25 % बच्चों में बीमारी की संभावना नहीं होती है।
50 % बच्चे छिपे हुए अनुवांशिक कारक लेकर पैदा होते हैं पर इनमें कोई बाहरी लक्षण नजर नहीं आता।
25 % बच्चे सिकल सेल के साथ पैदा होते हैं।
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सिकल सेल के लिए जोखिम बढ़ाने वाला एकमात्र कारण माता-पिता में सिकल सेल होना है। माता-पिता में सिकल ट्रेट होने का मतलब है कि उनके पास एक जीन हीमोग्लोबिन का है और एक जीन एब्नार्मल हीमोग्लोबिन का। इसलिए ब्लड में नार्मल और एब्नार्मल दोनों ही हीमोग्लोबिन मौजूद होते हैं।
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डॉक्टर सिकल सेल और हीमोग्लोबिन म्यूटेशन देखने के लिए मेडिकल हिस्ट्री और आपके परिवार के ब्लड टेस्ट (Blood test) के आधार पर सिकल सेल का पता करेंगे।
यदि आप बच्चे के जन्म के तुरंत बाद उसका ब्लड टेस्ट करवा दें, तो तुरंत ही इसका पता चल सकता है।
एक ब्लड टेस्ट के जरिए भी हिमोग्लोबिन एस का पता लगाया जा सकता है, जो सिकल सेल एनीमिया का कारण बनता है।
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यदि आपको खून से जुड़ी बीमारी से कोई प्रश्न पूछना हैं, तो बेहतर समाधान के लिए कृपया अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
शरीर को पोषक तत्वों कमी ना हो, इसलिए पौष्टिक खाद्य पदार्थों का सेवन जरूरी होता है। नीचे दिए इस वीडियो लिंक को क्लिक कर जानें कब और क्या खाएं, जिससे स्वस्थ रहना होगा आसान।
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