backup og meta

जानिए किस तरह हेल्दी इम्यून सिस्टम के लिए जरूरी हैं प्रोबायोटिक्स

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Shruthi Shridhar


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 20/01/2022

    जानिए किस तरह हेल्दी इम्यून सिस्टम के लिए जरूरी हैं प्रोबायोटिक्स

    जब भी हम प्रोबायोटिक्स का नाम सुनते हैं तो हमें समझ नहीं आता है कि ये आखिर है क्या? अगर हम कहें कि ये एक बैक्टीरिया है, जोकि हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, तो गलत नहीं होगा। अक्सर लोगों को लगता है कि बैक्टीरिया हमारे स्वास्थ्य के नुकसानदेह है। लेकिन, कुछ प्रोबायोटिक्स जैसे अच्छे बैक्टीरिया भी होते हैं, जो हमारी अच्छी सेहत के लिए जरूरी होते हैं। प्रोबायोटिक्स को अच्छे बैक्टीरिया के रूप में जाना जाता है। गट  को स्वस्थ्य बनाए रखने में प्रोबायोटिक्स की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

    हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छे बैक्टीरिया को ‘अच्छा जीवाणु’ भी कहा जाता है। प्रोबायोटिक्स पाचन संबंधी क्रियाओं के साथ ही इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखने में भी मददगार है। मनुष्यों में हजारों प्रकार के बैक्टीरिया पाए जाते हैं। आंत में पाए जाने वाले बैक्टीरिया की संरचना को ‘माइक्रोबायोटा’ के नाम से भी जाना जाता है। आंत में कई प्रकार के बैक्टीरिया मौजूद होते हैं। इनका प्रकार हमारी जेनेटिक, कुछ दवाओं या सप्लिमेंट का सेवन,खान-पान, उम्र और भौगोलिक स्थिति पर भी निर्भर करता है।

    और पढ़ें : ट्रायग्लिसराइड की बीमारी से क्यों बढ़ता है हार्ट अटैक का खतरा?

    एक शोध में ये बात सामने आई है कि माइक्रोबायोम का प्रयोग कुछ बीमारियों के इलाज के रूप में भी किया जा सकता है।

    1. पाचन तंत्र में अहम भूमिका

    जब कभी भी आप डॉक्टर के पास दस्त यानी लूज मोशन का इलाज कराने गए होंगे तो डॉक्टर ने आपको दही खाने की सलाह दी होगी। जी हां, क्योंकि दही में प्रोबायोटिक्स होते हैं। ये पेट की खराबी को सही करने के साथ ही इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) और क्रोहन डिजीज (Crohn’s Disease) को भी नियंत्रित करता है।

    और पढ़ें : बच्चों की स्किन में जलन के लिए बेबी वाइप्स भी हो सकती हैं जिम्मेदार!

    2. हृदय के लिए

    रिसर्च में ऐसा पाया गया है कि कुछ बैक्टीरिया शरीर से अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल को हटाने का काम करते हैं। ये कोलेस्ट्रॉल को पचाने में भी साहयक हैं। इस तरह से ये हृदय को स्वस्थ्य रखने का काम करते हैं।

    3.मेंटल हेल्थ के लिए

    रिसर्च में ये बात सामने आई है कि प्रोबायोटिक्स सेरोटोनिन हार्मोन के लेवल को कंट्रोल करता है। ये मन में आने वाले नकारात्मक विचारों को कम करता है और आपकी मेंटल हेल्थ को अच्छा बनाए रखता है।

    और पढ़ें : क्या बच्चे के पेट में दर्द है ? कहीं गैस तो नहीं

    4. फैट कंट्रोल करने में सहायक है

    क्या बैक्टीरिया मोटापे से छुटकारा भी दिला सकता है? रिसर्च में ये बात सामने आई है कि मोटे और पतले लोगों के प्रोबायोटिक्स में अंतर होता है। ये बात साबित करती है कि कुछ प्रोबायोटिक्स मोटापे को कम करते हैं।

    5. संक्रमण से करे बचाव

    इसके अलावा प्रोबायोटिक युक्त पदार्थों के सेवन से संक्रमण से होने वाले रोगों पर नियंत्रण किया जा सकता है और उनके जोखिम भी कम किए जा सकते हैं। यह शरीर में लैक्टोज इंटोलरेंस को भी व्यवस्थित करते हैं। लैक्टोज की मात्रा के कारण की वजह से ही कई बार बच्चे और वयस्क दूध पचा नहीं पाते हैं, इसे लैक्टोस इंटोलरेंस कहते हैं। आमतौर पर दूध का सेवन छोटे बच्चों और नवजात शिशुओं के लिए बहुत ही जरूरी होता है क्योंकि यह कैल्शियम का सबसे उच्च स्रोत होता है।

    और पढ़ें : क्या एंटीबायोटिक्स कर सकती है गट बैक्टीरिया को प्रभावित?

    प्रोबायोटिक के अन्य लाभ

    प्रोबायोटिक में लैक्टिक अम्ल जीवाणु पाए जाते हैं जो दूध में उपस्थित लैक्टोज शुगर को लैक्टिक अम्ल में बदल देते है। प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थों के सेवन से कोलोन कैंसर से बचाव किया जा सकता है। किए गई कई शोधों में इसका दावा भी किया गया है। यह कोलेस्ट्रोल पर भी नियंत्रण करने के साथ-साथ ब्लड प्रेशर के लेवन को भी सामान्य बनाए रखने में शरीर की मदद करता है और प्रतिरक्षा तंत्र की स्वास्थ्य के लिए भी यह लाभकारी होता है। लैक्टोबैसिलस और बाइफीडोबैक्ट्रियम युक्त खाद्य पदार्थ डायरिया की रोकथाम करने में भी मददगार होते हैं।

    आज बाजार में प्रोबायोटिक्स के नाम पर कई सप्ल्मिेंट मौजूद हैं। सबसे अच्छा तरीका है कि आप प्रोबायोटिक युक्त खाद्य पदार्थ जैसे दही, केफिर और अन्य किण्वित खाद्य पदार्थों का सेवन करें। अपने आहार में प्रोबायोटिक्स को शामिल करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।

    और पढ़ें : अगर बार-बार बीमार पड़ता है आपका बच्चा, तो उसे हो सकती है ये परेशानी

    प्रोबायोटिक्स के रूप में करें इन खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल

    दही

    दही प्रोबायोटिक का सबसे बेहतर स्त्रोत होता है। आजकल बाजार में बिकने वाली प्रोबायोटिक दही के साथ-साथ घर पर इसे काफी असानी से बनाया जा सकता है। दूध से दही बनने की प्रक्रिया में ‘लेक्टोबेसिलस जीवाणु’ अपनी भूमिका निभाया करते हैं। साथ ही, दही में पाए जाने वाले प्रोबायोटिक्स तत्व हमारे डाइजेशन को भी तंदुरूस्त बनाए रखते हैं। इसके सेवन से पेट भी भरा-भार रहता है। अगर किसी को बार-बार या बहुत जल्दी भूख लगने की आदत है, तो दही उनके इस आदत को भी सुधार सकती है।

    और पढ़ें : क्या आप महसूस कर रहे हैं पेट में जलन, इंफ्लमेटरी बाउल डिजीज हो सकता है कारण

    पनीर

    पनीर भी दही की ही तरह डेयरी प्रोडक्ट है। इसमें भी प्रोटीन की भरपूर मात्रा होती है। चीज के मुकाबले पनीर और योगर्ट में कैलोरी भी कम होती है तो यह फैट भी कम बढ़ाता है। गाय के दूध से बने 100 ग्राम पनीर में लगभग 18.3 ग्राम प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है, जो एक सामान्य आखार के अंडे से कहीं ज्यादा भी है। पनीर का सेवन आप कई तरह के पकवानों के तौर पर कर सकते हैं। इसका इश्तेमाल सब्जी, सलाद या पकौड़ों के तौर पर किया जा सकता है। इसके अलावा अगर पनीर को फल और अखरोट के साथ मिला कर या जैतून के तेल और ककड़ी के साथ खाया जाए, तो प्री-बॉयटिक्स और प्रोबायोटिक्स संतुलित किया जा सकता है।

    और पढ़ें : Crohn’s Disease : क्रोहन रोग क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और इलाज

    केफिर

    केफिर भी दही की ही तरह फर्मेन्टेड डेयरी उत्‍पाद होता है। यह बकरी के दूध और अनाज का एक मिश्रण होता है। केफिर में एंटीऑक्‍सीडेंट की उच्च मात्रा पाई जाती है। साथ ही इसमें लैक्टोबैसिलस और बीफीडस नामक बैक्‍टीरिया की भी भरपूर मात्रा होती है। हालांकि, मार्केट में इसकी खरीददारी करते समय इसकी क्वालिटी के बारे में अच्छे से जान लेना बेहतर हो सकता है।

    और पढ़ें : Hyperacidity : हायपर एसिडिटी या पेट में जलन​ क्या है?

    मिसो सूप

    डेयरी उत्पादों के अलावा मिसो सूप में भी प्रोबायोटिक्स की उच्च मात्रा पाई जाती है। यह एक परंपरागत जापानी दवाई होती है। जिसका इस्तेमाल आमतौर पर पाचन प्रक्रिया को मजबूत बनाने और उससे जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है। इसे बनाने के लिए गर्म पानी में एक चम्‍मच मिसो फर्मेन्टेड राई, बींस, चावल या जौ का इस्तेमाल किया जाता है।

    हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

    Dr. Shruthi Shridhar


    Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 20/01/2022

    advertisement iconadvertisement

    Was this article helpful?

    advertisement iconadvertisement
    advertisement iconadvertisement