वैसे पसीना आना आम बात है, लेकिन अगर किसी को जरूरत से ज्यादा पसीना आने लगता है तो यह भी शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल में बढ़ने का संकेत हो सकता है। इसे नार्मल समझकर नजरअंदाज न करें। तुरंत अपने कोलेस्ट्रॉल की जांच कराएं। कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लक्षण (Symptoms of High Cholesterol) में बहुत अधिक पसीना आना भी सामान्य है क्योंकि मोटापे की वजह से अक्सर ऐसा होता है।
कॉर्निया में ग्रे कलर का रिंग:
इनके बेहद नजदीक खड़े होकर अपनी आंखों को ध्यान से देखें। क्या आपको अपनी आंखों के सफेद भाग जिसे कॉर्निया कहते हैं के ईर्द-गिर्द ग्रे कलर का रिंग या आर्क जैसा कुछ दिखता है? वैसे तो यह स्थिति बुजुर्गों में आम बात है लेकिन ४५ साल या कम उम्र के लोगों की आंखों में अगर यह दिखे तो समझ जाएं कि आपका कलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ गया है।
पैरों में लगातार दर्द भी है कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लक्षण:
बिना बात के कभी भी पैरों में दर्द रहना या हर समय दर्द रहना भी बढ़े कोलेस्ट्रॉल का लक्षण होता है। इस दर्द को आप हल्के में लेकर खुद से पेनकिलर ले लेते हैं।बार बार पेनकिलर लेना भी शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। इसीलिए ऐसा करना समझदारी नहीं है,आपको तुरंत अपने डॉक्टर को संपर्क करना चाहिए कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लक्षण (Symptoms of High Cholesterol) में आपको पैरों में लगातार दर्द भी महसूस हो सकता है।
पलकों पर पीले रंग का ग्रोथ:
क्या आपने भी अपनी आंखों की ऊपर वाली या फिर नीचे वाली पलकों पर पीले रंग की ग्रोथ देखी है जिसमें किसी तरह का दर्द नहीं होता? घबराइए नहीं इससे आपकी आंखों की रोशनी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा लेकिन यह ग्रोथ इस बात का साफ संकेत है कि आपके खून में कलेस्ट्रॉल की मात्रा बहुत अधिक बढ़ गई है। वैसे तो ऐसिड या लेजर का इस्तेमाल कर इन्हें हटाया जा सकता है लेकिन अगर आप चाहते हैं कि ये येलो-कलर्ड ग्रोथ पूरी तरह से खत्म हो जाए तो आपको अपने कलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करना होगा
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हाय कोलेस्ट्रॉल के बचाव के तरीके (Tips to control High Cholesterol)
डायट (Diet) में करें ये बदलाव: अपनी डायट में सैचुरेटेड फैट की मात्रा को कम कर दें। इसके अलावा ट्रांस फैट को डायट से बिलकुल बाहर कर दें। ओमेगा-3 फैटी एसिड (Omega 3 fatty acid) युक्त खाने की चीजों को डायट में शामिल करें। सॉल्युबल फाइबर का सेवन करें।
रोजाना एक्सरसाइज (Workout) करें: एक्सरसाइज कोलेस्ट्रॉल को बेहतर करता है। रोजाना आधा घंटा एक्सरसाइज जरूर करें।
स्मोकिंग (Smoking): एचडीएल कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित करने के लिए स्मोकिंग को बंद कर दें।
वजन को मेंटेन रखना है जरूरी: हाय कोलेस्ट्रॉल से बचाव के लिए वजन को मेंटेन रखना भी बेहद आवश्यक है।
कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित करने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव करना भी काफी नहीं होता है। ऐसे में डॉक्टर से कंसल्ट करें। डॉक्टर आपको कुछ ऐसी दवाएं रिकमेंड कर सकते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) को कम करने में मदद करेंगी। इन दवाओं के साथ उपरोक्त बताए गए बचाव को भी फॉलो करें। लाइफस्टाइल में इन बदलावों को करने से आपकी दवा की डोज कम हो सकती है। हाय कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol) से जुड़ी यदि आप अन्य कोई जानकारी पाना चाहते हैं तो इसके लिए अपने डॉक्टर से कंसल्ट करें।
हेल्दी रहने के लिए हेल्दी डायट फॉलो करना जरूरी है, लेकिन इसके साथ ही कब क्या खाएं ये जानना है जरूरी है। इसलिए नीचे दिए वीडियो लिंक पर क्लिक करें।