के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
कंप्लीट कोलेस्ट्रॉल टेस्ट जिसे लिपिड पैनल या लिपिट प्रोफाइल भी कहते हैं, एक ब्लड टेस्ट है जो रक्त में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स की मात्रा को मापता है। कोलेस्ट्रॉल टेस्ट धमनियों में प्लैक्स बनने के आपके जोखिम को निर्धारित करने में मदद करता है, इन प्लैक्स की वजह से पूरे शरीर में धमनियां अवरूद्ध हो जाती है। हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल को कोई संकेत या लक्षण नहीं दिखता है, इसलिए कोलेस्ट्रॉल टेस्ट बहुत जरूरी है। हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल, हृदय रोग, स्ट्रोक, डिसलिपिडेमिया की संभावना को बढ़ा देता है।
हाई कोलेस्ट्रॉल का आमतौर पर कोई संकेत या लक्षण नहीं दिखता है। आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल हाई है या नहीं और हृदय रोग के संभावित खतरों का पता लगाने के लिए कंप्लीट कोलेस्ट्रॉल टेस्ट किया जाता है।
कंप्लीट कोलेस्ट्रॉल टेस्ट को लिपिड पैनल या लिपिड प्रोफाइल कहा जाता है, जिसमें रक्त में 4 प्रकार के फैट की गणना की जाती है-
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18 साल की उम्र से अधिक जिन व्यस्कों को हृदय रोग होने की संभावना रहती है, उन्हें हर 5 साल में कोलेस्ट्रॉल चेक करवाना चाहिए।
यदि आपका पहला टेस्ट रिजल्ट असामान्य आता है तो आपको और अधिक टेस्ट की ज़रूरत पड़ सकती है, या आपको हार्ट डिसीज का खतरा अधिक है इन कारणों से-
जिन लोगों को पहले स्ट्रोक या हार्ट अटैक आ चुका है उन्हें उपचार की प्रभावशीलता की जांच के लिए नियमित रूप से कोलेस्ट्रॉल टेस्ट करवाना चाहिए।
कोलेस्ट्रॉल टेस्ट में थोड़ा सा जोखिम है। जिस जगह से रक्त निकाला जाता है वहां दर्द या सूजन हो सकती है। दुर्लभ मामलों में संक्रमण हो सकता है।
कुछ मामलों में डॉक्टर आपको बिना कुछ खाए टेस्ट के लिए कह सकता है। यदि आप केवल अपना HDL और कुल कोलेस्ट्रॉल लेवल चेक करवा रहे हैं, तो टेस्ट से पहले खा सकते हैं। हालांकि, यदि आप कंप्लीट लिपिड प्रोफाइल करवा रहे हैं, तो आपको टेस्ट से 9 से 12 घंटे पहले कुछ भी खाने और पीने से परहेज करना चाहिए, पानी छोड़कर।
टेस्ट से पहले आपको डॉक्टर से बताना चाहिए:
यदि आप बर्थ कंट्रोल पिल्स जैसी कोई दवा ले रहे हैं जो कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ा देती है, तो टेस्ट से पहले डॉक्टर आपको इनका सेवन बंद करने के लिए कह सकता है।
कोलेस्ट्रॉल टेस्ट ब्लड टेस्ट है, जो आमतौर पर सुबह किया जाता है, क्योंकि अधिकतर टेस्ट के लिए आपको उपवास करना होता है। बांह की नस से ब्लड निकाला जाता है। सुई लगाने से पहले बांह के ऊपर एलास्टिक बैंड लगाया जाता है ताकि नस साफ दिखे।
नस में सुई डालकर ब्लड निकाला जाता है। फिर बैंड निकाल दिया जाता है जिससे ब्लड सर्कुलेशन पहले की तरह होने लगता है। पर्याप्त ब्लड निकालने के बाद सुई निकाल दी जाती है और उस जगह पर कॉटन या बैंडज लगाया जाता है।
पूरी प्रक्रिया में कुछ मिनट लगते हैं।
कोलेस्ट्रॉल टेस्ट के बाद किसी खास तरह के देखभाल की जरूरत नहीं होती है। आप खुद कार ड्राइव करके घर जा सकते हैं और सामान्य दिनचर्या शुरू कर सकते हैं। यदि टेस्ट से पहले आपने कुछ नहीं खाया है तो टेस्ट के बाद खाने के लिए कुछ स्नैक्स ले जाएं।
यदि आपके मन में कोलेस्ट्रॉल टेस्ट से जुड़ा कोई सवाल है, तो कृपया अधिक जानकारी और निर्देशों को बेहतर तरीके से समझने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
कोलेस्ट्रॉल लेवल को मिलिग्राम (mg) में मापा जाता है। यह रक्त के प्रति डेसिलीटर (dL) में मापा जाता है। अधिकांश व्यस्कों के लिए आदर्श परिणाम हैः
यदि आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल सामान्य सीमा से अधिक है, तो आपको हार्ट डिजीज, स्ट्रोक और एथेरोस्क्लेरोसिस का खतरा अधिक है। यदि आपके परिणाम असामान्य है तो डॉक्टर डायबिटीज के लिए आपको ब्लड ग्लूकोज की जांच के लिए कह सकता है। आपका थायरॉयड अंडरएक्टिव है या नहीं यह निर्धारित करने के लिए डॉक्टर थायरॉयड फंक्शन टेस्ट का आदेश दे सकता है।
कुछ मामलों में कोलेस्ट्रॉल टेस्ट के परिणाम गलत हो सकते हैं। गलत तरीके से उपवास करना, कुछ दवाएं, मानवीय गलती या कुछ अन्य कारणों की वजह से टेस्ट परिणाम गलत नकारात्मक या गलत तरीके से सकारात्मक आ सकते हैं। सिर्फ LDL की जांच की बजाय HDL और LDL दोनों कोलेस्ट्रॉल लेवल की जांच से अधिक सटीक परिणाम आते हैं।
सभी लैब और अस्पताल के आधार पर कोलेस्ट्रॉल टेस्ट की सामान्य सीमा अलग-अलग हो सकती है। परीक्षण परिणाम से जुड़े किसी भी सवाल के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकली सलाह या उपचार की सिफारिश नहीं करता है। अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो कृपया इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
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