आलू बुखारा पर रिसर्च
एक अन्य अध्ययन के मुताबिक, हाई कोलेस्ट्रॉल से पीढ़ित लोगों ने आठ हफ्तों तक प्रतिदिन 12 आलू बुखारा का सेवन किया। इन लोगों के एलडीएल कोलेस्ट्रॉल में भी वही कमी दर्ज की गई। जानवरों पर हुए समान अध्ययनों में कुछ इसी प्रकार के नतीजे सामने निकलकर आए। जानवरों पर हुए अध्ययन में चूहों को सूखे आलू बुखारा का पाउडर और इसका अर्क दिया गया, जिससे उनका बुरा कोलेस्ट्रॉल कम हुआ और अच्छा कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) में इजाफा हुआ। हालांकि, इन नतीजों की मनुष्यों से तुलना नहीं की जा सकती। हार्ट की बीमारियों के कारकों को कम करने में आलू बुखारा काफी कारगर है, क्योंकि इसमें अधिक मात्रा में फाइबर, पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं।
आलू बुखारा पर और अध्ययन की जरूरत
ह्रदय की सुरक्षा को लेकर आलू बुखारा की प्रभाविकता का विस्तृत अध्ययन करने की आवश्यकता है। जैसाकि ऊपर पहले ही बता दिया गया है कि आलू बुखारा में मौजूद पानी अघुलनशील होता है, जो आंत में स्टूल के साथ मिलकर इसकी गति को बढ़ा देता है। इससे कोलन कैंसर और बवासीर का खतरा कम होता है। बड़ी आंत में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया के लिए आलू बुखारा भोजन भी मुहैया कराता है। यह फाइबर फैटी एसिड की एक छोटी चैन का निर्माण करते हैं, जिसे बुटायरिक एसिड (butyric acid) कहा जाता है। यह एसिड बड़ी आंत के बैक्टीरिया को प्राथमिक रूप से भोजन प्रदान करने का कार्य करते हैं। साथ ही इससे कोलन को स्वास्थ रखने में मदद मिलती है।
लिवर कोशिकाओं के लिए आलू बुखारा के फायदे
यह बैक्टीरिया अन्य दो प्रकार की फैटी एसिड प्रोपिओनिक (propionic) और एसेटिक एसिड (acetic acid) बनाते हैं। लिवर और मासपेशियों की कोशिकाएं इनका इस्तेमाल भोजन के रूप में करती हैं। प्रोपिओनिक एसिड कोलेस्ट्रॉल को कम करने का काम करता है। जानवरों पर हुए शोध में पता चला कि यह एचएमजी-सीओए (HMG-CoA) को रोक देता है। यह एक एंजायम होता है, जो लिवर में कोलेस्ट्रॉल को बनाने का कार्य करता है। इस एंजायम की गतिविधियों को धीमा करके प्रोपिओनिक एसिड ब्लड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है।
इसके अतिरिक्त, आलू बुखारा में मौजूद फाइबर पित्त (बाइल) के एसिड को फेसेस (Feces) के माध्यम से बॉडी से निकाल देता है। बाइस एसिड्स एक प्रकार के कपाउंड होते हैं, जिनका इस्तेमाल फैट को पचाने के लिए किया जाता है। लिवर इन्हें कोलेस्ट्रॉल से बनाता है।
और पढ़ें : क्यों जरूरी है ब्रीच बेबी डिलिवरी के लिए सी-सेक्शन?
प्रेग्नेंसी में आलू बुखारा के फायदे
गर्भावस्था के दौरान आलू बुखारा खाना गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद हो सकता है। आलू बुखारा में उच्च गुणवत्ता वाले पोषक तत्व होते हैं, जिसकी चलते प्रेग्नेंसी के दौरान आलू बुखारा का सेवन करने की सलाह दी जाती है। हालांकि गुर्दे की बीमारी से परेशान महिलाओं को आलू बुखारा का सेवन सावधानीपूर्ण करना चाहिए। यदि आपको गुर्दे की समस्या है तो अपनी डायट में इसे शामिल करने से पहले आपको एक बार डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए। प्रेग्नेंसी में आलू बुखारा के फायदे अनेकों हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह है, इसमें मौजूद पोषक तत्व।
मां और शिशु के लिए आलू बुखारा के फायदे
प्रेग्नेंसी के दौरान मां और शिशु के लिए आलू बुखारा के दर्जनों फायदे हो सकते हैं। इसमें खनिज पदार्थ जैसे पोटैशियम, विटामिन सी, विटामिन के, विटामिन ए भरपूर मात्रा में होता है। इसमें फाइबर के अलावा, निओ क्लोरोगजेनिक (Neo Clorogenic) और क्लोरोजेनिक एसिड (Chlorogenic acid) जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। यह एंटीऑक्सीडेंट्स बीमारियों के खतरों को कम करते हैं। सूखा और ताजा आलू बुखारा दोनों ही हेल्दी होते हैं। हर 100 ग्राम लुसियस आलू बुखारा में 46 कैलोरी होती हैं। इसमें किसी भी प्रकार का फैट नहीं होता है। यह बॉडी में आयरन लेने की क्षमता को भी बढ़ाते हैं।
गर्भावस्था में आलू बुखारा के फायदे