के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
ऑस्टियोअर्थराइटिस (Osteoarthritis) गठिया का सबसे आम रूप है। यह तब होता है जब जोड़ों के बीच कार्टिलेज क्षतिग्रस्त हो जाता है, जिससे जोड़ों में दर्द और सूजन के साथ-साथ उनकी हिलने-डुलने की गति में भी कमी आती है। ऑस्टियोअर्थराइटिस शरीर के किसी भी जोड़ को प्रभावित कर सकता है लेकिन, यह सबसे अधिक हाथों, घुटनों, कूल्हों और रीढ़ के जोड़ों को प्रभावित करता है।
ऑस्टियोअर्थराइटिस (Osteoarthritis) एक आम बीमारी है। नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ ऑस्टियोअर्थराइटिस एंड मस्कुलोस्केलेटल एंड स्किन डिजीज के अनुसार, 45 वर्ष की आयु से पहले, पुरुषों में ऑस्टियोअर्थराइटिस आम है। वहीं, महिलाओं में 45 के बाद यह काफी सामान्य बीमारी है। यह किसी भी उम्र में प्रभावित कर सकता है लेकिन, 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में यह बहुत ही आम है। इसके कारणों को कम करके इस बीमारी से कुछ राहत पाई जा सकती है। अधिक जानकारी के लिए अपने चिकित्सक से सलाह लें।
और पढ़ें : Rheumatoid arthritis : रयूमेटाइड अर्थराइटिस क्या है?जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय
ऑस्टियोअर्थराइटिस (Osteoarthritis) के सामान्य लक्षण (Osteoarthritis Symptoms) हैं :
हो सकता है ऊपर दिए गए लक्षणों में कुछ लक्षण शामिल न हो। यदि आपको किसी भी लक्षण के बारे में किसी भी तरह की चिंता हो, तो कृपया डॉक्टर से परामर्श करें।
और पढ़ें : आर्थराइटिस के दर्द से ये एक्सरसाइज दिलाएंगी निजात
यदि आपको नीचे बताए गए कोई भी लक्षण दिखाई दें, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें। हर किसी का शरीर अलग-अलग तरीके से काम करता है इसलिए, अपनी बीमारी के बारे में हमेशा अपने डॉक्टर से चर्चा करना सबसे अच्छा रहता है।
ऑस्टियोअर्थराइटिस सुरक्षात्मक कार्टिलेज (हड्डियों के अंतिम सिरे को कवर करने वाला एक रबरयुक्त पदार्थ) के टूटने के कारण होता है। यह जोड़ों की सुरक्षा करता है और जोड़ों को हिलाने-डुलाने में मदद करता है। ऑस्टियोअर्थराइटिस में कार्टिलेज की सतह खुरदरी हो जाने से हड्डी पर रगड़ पड़ती है और जोड़ों पर तनाव बढ़ता है, जिससे जोड़ों की गतिशीलता प्रभावित हो जाती है।
और पढ़ें: Bursitis (iliopsoas): बर्साइटिस (इलिओप्सोएस) क्या है?
दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
डॉक्टर आपके लक्षणों के बारे में जानकारी करेगा और शरीर की चांज करेगा। हो सकता है कि वह कुछ और भी जरूरी टेस्ट भी करे।
ऑस्टियोअर्थराइटिस (Osteoarthritis) के निदान के लिए नीचे बताए गए परीक्षण किए जा सकते हैं :
ऑस्टियोअर्थराइटिस का कोई इलाज नहीं है लेकिन, इसके लक्षणों पर काबू पाकर इस बीमारी से निपटा जा सकता है। ऑस्टियोअर्थराइटिस के मुख्य उपचारों में शामिल हैं:
जीवनशैली के उपाय: ऑस्टियोअर्थराइटिस में वैसे व्यायाम करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है लेकिन, इसके मरीजों के लिए व्यायाम सबसे बेहतर उपचारों में से एक है, चाहे मरीज की उम्र व वजन कितना भी हो। नियमित व्यायाम आपको सक्रिय रखता है, मांसपेशियों और जोड़ों को मजबूत बनाता है और आमतौर पर लक्षणों को सुधारने में मदद करता है। डॉक्टर आपको एक एक्सरसाइज बता सकते है, जो बीमारी के लक्षणों को कम करने में मदद करता है।
वजन को संतुलित रखना: वजन कम करने से ऑस्टियोअर्थराइटिस से पीड़ित लोगों को दर्द कम करने में मदद मिल सकती है। डॉक्टर से सलाह लें कि कैसे धीरे-धीरे और सुरक्षित रूप से वजन कम किया जा सकता है।
जहां पर कोई उपचार काम न कर पाएं या फिर जोड़ बहुत ज्यादा क्षतिग्रस्त हों, तो ऐसे मामलों में सर्जरी की जाती है। ऑस्टियोअर्थराइटिस में सर्जरी के बाद चलने-फिरने में काफी सुधार होता है।
शोध के अनुसार एक्यूपंक्चर से ऑस्टियोअर्थराइटिस के दर्द में राहत मिलती है और घुटने में सुधार आता है।
कुछ अध्ययनों से पता चला है कि कॉन्ड्रोइटिन और ग्लूकोसामाइन जैसे न्यूट्रिशन सप्लिमेंट को डायट में शामिल करने से ऑस्टियोअर्थराइटिस में लाभ मिलता है।
थेरिपी:
और पढ़ें: क्या है हड्डियों की बीमारी ऑस्टियोपोरोसिस? जानें इसके लक्षण
नीचे बताई गई जीवनशैली और घरेलू उपचार आपको ऑस्टियोअर्थराइटिस से निपटने में मदद कर सकते हैं:
उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और ऑस्टियोअर्थराइटिस से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।