हेल्दी फैट न केवल अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है बल्कि खून में HDL (गुड कोलेस्ट्रॉल) पार्टिकल को भी बढ़ाता है। इसीलिए HDL का उच्च स्तर कोई बुरा संकेत नहीं होता है। हालांकि, LDL या ट्राइग्लिसराइड्स का उच्च स्तर खराब स्वास्थ्य और हृदय रोग के बढ़ते खतरे का संकेत हो सकता है।
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लो फैट डायट (Low fat diet)
लो फैट डायट अनिवार्य रूप से अनहेल्दी नहीं हैं। रिसर्च में यह पाया गया है की लो फैट डाइट वजन कम करने में बेहद प्रभावशाली होती हैं। हालांकि, किसी भी चीज को जरूरत से ज्यादा किया जाए तो वह हानिकारक हो सकती है। इसीलिए बेहद कम वसा वाली डायट को भी अच्छा नहीं माना जाता है।
जो लोग लो फैट डायट (Low fat diet) फॉलो करते हैं उनके ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर कम होता है। हालांकि, हमारे शरीर के लिए फैट एक जरूरी पोषक तत्व है जिसके चलते हमे इसे कुछ मात्रा में जरूर लेना चाहिए। ऐसे में केवल हेल्दी फैट का ही चयन करें।
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लंबे समय तक फास्ट रखना
कुछ लोग अक्सर खाने और पीने से परहेज करने के लिए फास्टिंग का इस्तेमाल करते हैं, तो कई अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए। व्रत रखने के ढेर सारे फायदे हो सकते हैं जैसे की खून में शुगर की मात्रा कम होना और वजन कम करने के लिए लिपिड लेवल का कम होना।
2010 में की गई एक स्टडी में यह पाया गया की जो लोग एक दिन छोड़ कर एक दिन फास्ट रखते हैं उनमें 8 हफ्तों के अंदर ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर 32 प्रतिशत तक कम हो गया।
लंबे समय तक फास्ट करने से अधिक उत्तेजित परिणाम सामने आ सकते हैं। जिन लोगो का ट्राइग्लिसराइड्स लेवल (Triglycerides level) पहले से ही सामान्य होता है उनमें फास्टिंग से इसका स्तर बेहद कम हो सकता है।
ऐसे में लंबे समय तक फास्ट करने या एक दिन छोड़ कर एक दिन फास्ट करने से थोड़े समय के लिए फास्टिंग करना भी उतना ही प्रभावशाली माना जाता है और इससे ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर (Triglycerides level) भी अत्यधिक कम नहीं होता है।
यानि की पुरे एक दिन भूखे पेट रहने से बेहतर है कि आप प्रतिदिन 8 या 16 घंटों का व्रत रखें।
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कब दिखाएं डॉक्टर को?
यूं तो हाय ट्राइग्लिसराइड्स (High Triglycerides) बढ़ने के अक्सर कोई लक्षण नहीं होते। लेकिन, अगर यह बीमारी फैमिली हिस्ट्री के कारण लगी है, तो आप अपनी स्किन के अंदर जमा हुआ फैट देख सकते हैं। वहीं, अगर आपको रात में खर्राटे आते हैं, आपका वजन बहुत ज्यादा, आपको सीने में दर्द होता है और आप अत्यधिक शराब और सिगरेट लेते हैं तो आपको ट्राइग्लिसराइड्स और कोलेस्ट्रॉल की जांच करा लेनी चाहिए।
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ऐसे कम कर सकते हैं ट्राइग्लिसराइड्स (Tips to control Triglycerides)
आप वजन घटाकर, संतुलित आहार और खूब व्यायाम कर अपने ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर कम कर सकते हैं। आपको अपना ट्राइग्लिसराइड्स कम करने के लिए दवा लेने की जरुरत पड़ सकती है। इसके अलावा शराब-सिगरेट, मांसाहार, फैट वाला भोजन एवं अत्यधिक भोजन पर पाबंदी लगाकर भी ट्राइग्लिसराइड्स कम किया जा सकता है।
बढ़ा हुआ ट्राइग्लिसराइड्स क्यों है खतरनाक? (Risk factor of High Triglycerides)
हमारा शरीर ट्राइग्लिसराइड्स फैट का इस्तेमाल करके ऊर्जा पैदा करता है। बेहतर सेहत के लिए कुछ ट्राइग्लिसराइड्स जरूरी हैं। लेकिन, इसकी ज्यादा मात्रा शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है। ट्राइग्लिसराइड्स की बीमारी से दिल की बीमारी का खतरा पैदा हो सकता है। साथ ही हाई ब्लड प्रेशर और हाई ब्लड शुगर भी एक साथ हो सकते हैं। कमर पर फैट जम जाता है, गुड कोलेस्ट्रॉल लेवल कम हो जाता है और ट्राइग्लिसराइड्स का लेवल बढ़ जाता है। इस कॉम्बिनेशन को मेटाबॉलिक सिंड्रोम कहते हैं। मेटाबॉलिक सिंड्रोम से डायबिटीज़, स्ट्रोक और दिल की बीमारियां (Heart disease) होने का खतरा बढ़ता है।