इसके अलावा, जब उन रोगियों के साथ तुलना की जाती है, जो जागते समय अपनी दवा का सेवन करते हैं। उनका ब्लड प्रेशर रात में अधिक हो जाता है। रिसर्च के फॉलोअप के दौरान रात के समय सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर में इतनी कमी से हृदय रोग के जोखिम को कम करता है,जो इस रिसर्च का एक महत्वपूर्ण पहलू था।
शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन रोगियों ने रात में अपनी दवाईयों का सेवन किया, उनमें हार्ट अटैक, मायोकार्डियल इनफ्रेक्स, स्ट्रोक आदि बीमारियों का खतरा 45 प्रतिशत तक कम हो गया था, उन रोगियों के मुकाबले जो जागने पर अपनी दवाएं सुबह लेते थे।
शोधकर्ताओं ने उन कारणों को भी ध्यान में रखा जो परिणामों को प्रभावित कर सकती हैं जैसे सेक्स, उम्र, टाइप -2 डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल का स्तर, धूम्रपान की आदतें और किडनी हैल्थ।
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यूनिवर्सिटी ऑफ विगो, स्पेन के बायोइंजीनियरिंग एंड क्रोनोबायोलॉजी लैब्स के निदेशक प्रोफेसर रामोन सी हर्मिडा के अनुसार, “इस अध्ययन के नतीजे बताते हैं कि जो मरीज नियमित रूप से सोते समय अपनी ब्लड प्रेशर की दवा लेते हैं, उनमें ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है और सबसे महत्वपूर्ण बात, दिल और ब्लड वैसल की समस्याओं से किसी की मौत या बीमारी के जोखिम में काफी कमी आई है। ”
ब्लड प्रेशर क्या है?
हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन एक तरह का साइलेंट किलर माना जाता है। कई लोग इस बीमारी को गंभीरता से नहीं लेते हैं, लेकिन ये शरीर को कई तरीकों से नुकसान पहुंचा सकता है। हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) और लो ब्लड प्रेशर (Low Blood Pressure) होने पर आप क्या उपाय करते हैं? दवाईयों का सेवन हाई ब्लड प्रेशर को परमानेंट सॉल्यूशन नहीं है। हां, कुछ समय के लिए ब्लड प्रेशर की दवा की मदद से बीपी कंट्रोल में रख सकते हैं, लेकिन यह इसे जड़ से खत्म करने में मददगार साबित नहीं हो सकती। दवाईयों का सेवन कई तरह की बीमारियों को शरीर में पैदा कर सकता है, जैसे- दिल का दौरा, दिल की बीमारियां, किडनी की समस्या, ब्लड क्लोट्स व अन्य इसमें शामिल हैं। ब्लड प्रेशर की दवा का सेवन डॉक्टर के सलाह अनुसार करें।