
आप क्या खा रहे हैं इसी के साथ इस बात पर भी ध्यान दें कि आप किस मात्रा में खा रहे हैं। कभी भी एक बार में हैवी डायट लेने से बचना चाहिए। इसी लिए डॉक्टर छोटे-छोटे मिल की सलह देते हैं। अपनी प्लेट में ज्यादा खाना लेना और उसे पेट भरने के बाद भी खाते रहना जरुरत से ज्यादा कैलोरी लेना होता है। इसे कंट्रोल करने के लिए प्लेट में कम मात्रा में खाना लें। लो कैलोरी, न्यूट्रिएंट्स से भरपूर सब्जियों और फलों को ज्यादा मात्रा में खाएं। हाई कैलोरी फूड, हाई सोडियम फूड का कम से कम मात्रा में सेवन करें। इस टिप को फॉलो करने से आपकी वेस्ट लाइन खुद-ब-खुद शेप में आ जाएगी।
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2. हृदय रोग का खतरा: अपनी डायट में सोडियम को करें कम

सोडियम की अधिक मात्रा लेना ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है, जिससे हृदय रोगों के होने का खतरा बढ़ता है। डायट में नमक कम करना भी बेहद फायदेमंद है। खाने में कभी भी ऊपर से नमक न डालें। खाने को पकाते समय नॉर्मल नमक जाएगा। सैलेड, बटर मिल्क, पापड़ में ऊपर से नमक का प्रयोग न करें। प्रोसेस्ड फूड जैसे फ्रोजन सूप और सब्जियों में जो नमक होता है वो हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है। फ्रेश खाना खाने की कोशिश करें। अपना सूप खुद बनाएं और इसमें नमक को कम मात्रा में प्रयोग करें। ऐसा करने से हृदय रोग का खतरा कम होता है।
3. हृदय रोग का खतरा: लो फैट प्रोटीन युक्त खाने को करें डायट में शामिल

फीश, लीन मीट, लो फैट डेयरी प्रोडक्ट्स और अंडे प्रोटीन के स्त्रोत हैं। लो फैट फूड को चुनने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखें। जैसे जब आप दूध खरीद रहे हैं तो फूल क्रीम की जगह लो फैट दूध लें। फ्राइड चिकन की जगह चिकन ब्रेस्ट का सेवन करें। मटर, बींस और दाल भी प्रोटीन के अच्छे स्त्रोत है। इनमें फैट कम होता है और कोलेस्ट्रॉल नहीं होता। आप मीट से मिलने वाले प्रोटीन की जगह वेज चीजों को भी डायट में शामिल कर सकते हैं। जैसे हैमबर्गर की जगह सोयाबीन बर्गर लें। ये शरीर में फाइबर की मात्रा बढ़ाने के साथ फैट और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करेगा ।