थोड़ा वजन घटाने में मदद करता है
वजन कम करने में समय लग सकता है, लेकिन धीरे-धीरे कम होने वाला वजन अर्थराइटिस की असुविधा को कम कर सकता है, और इसे विकसित करने के आपके जोखिम को भी कम कर सकता है। वजन घटाने से डाटबिटीज, हृदय रोग और कुछ कैंसर के विकास के आपके जोखिम को कम करने में मदद मिलती है। बढ़ी हुई शारीरिक गतिविधि और कम कैलोरी के सेवन के माध्यम से एक से दो किलो वजन घटाने का लक्ष्य निर्धारित करें। आपके जोड़ों और आपके शरीर के बाकी हिस्से आपको धन्यवाद देंगे।
अर्थराइटिस के लिए वजन कम करने के पांच फायदेः
दर्द में कमीः कम शरीर का वजन अक्सर कम दर्द के बराबर होता है। 18 महीने में
डायट और एक्सरसाइज के माध्यम से वजन कम करने वाले ऑस्टियोअर्थराइटिस वाले वयस्कों ने घुटने के दर्द में कमी की सूचना दी। सितंबर 2013 जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (जेएएमए) में एक अध्ययन में यह नोट किया गया है। डॉ लोसर के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने पाया कि आपके शरीर के वजन का सिर्फ 10 प्रतिशत हिस्सा गिरने से फर्क पड़ता है। लोसर बताते हैं, “जिन लोगों को दर्द और कार्य में सबसे अधिक सुधार था, वे डायट और एक्सरसाइज दोनों फॉलों करते थे।”
बेहतर ज्वाइंट फंक्शनः वजन में कमी से ज्वाइंट फंक्शन में सुधार दिखाई देता है। अपने JAMA अध्ययन में लोसर ने पाया कि घुटने के जोड़ के अंदर दबाव वजन घटाने के साथ बेहतर हुआ। हालांकि सबसे अच्छा परिणाम तब आया जब व्यायाम और डायट दोनों शामिल थे, बस वजन कम करने से घुटने के कार्य में काफी सुधार हुआ।अपनी रिसर्च में डॉ लोसर कहते हैं कि अगर आप अधिक वजन वाले हैं और अर्थराइटिस है तो कैलोरी और फैट का सेवन कम करना जरुरी है। एक सप्ताह में एक से दो किलो कम करने के लिए, खुद को समय दें, छह महीने एक सही समय सीमा वजन कम करने के लिए। सबसे महत्वपूर्ण बात, पर्मानेंट राहत के लिए आपको अपनी जीवन शैली को बदलने की जरुरत है।
बेहतर महसूस करनाः डायट और व्यायाम के माध्यम से वजन कम करने के बाद, ना केवल शरीर में सुधार आता है बल्कि दर्द पैदा करने वाले सूजन में भी कमी आती है। अपने डाटय चार्ट को ठीक तरह से फॉलो करने की ज़रूरत नहीं है, जिसमें हफ्ते में तीन बार एरोबिक्स और वेट ट्रेनिंग शामिल है। बल्कि, आप पूरे सप्ताह में बराबर मात्रा में एक्सरसाइज कर सकते हैं।
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सूजन में कमीः जब आप अधिक वजन हैं और अर्थराइटिस होता है, तो आपके पूरे शरीर में सूजन के लक्षण दिखाई देते हैं, जो रासायनिक मार्कर बनाता है जिससे शोधकर्ता यह पता लगाने के लिए ट्रैक कर सकते हैं कि आपके पैर में कितनी सूजन है। इन मार्करों में से एक इंटरल्यूकिन -6 (IL-6) है। लोसर और उनके साथी शोधकर्ता यह देखने में सक्षम थे कि IL-6 का स्तर प्रतिभागियों के 18 महीने के व्यायाम और वजन घटाने के दौरान कम हो गया था। लेप्टिन एक और कारण है जिसके बारे में शोधकर्ता बारीकी से जांच कर रहे हैं।
बेहतर हृदय स्वास्थ्यः ओक्लाहोमा सिटी के ओक्लाहोमा मेडिकल रिसर्च फाउंडेशन के फ्री रेडिकल बायोलॉजी एंड एजिंग प्रोग्राम के शोधकर्ता टिम ग्रिफिन, पीएचडी के अनुसार, शोधकर्ता अर्थराइटिस, वजन और मेटाबॉलिक सिंड्रोम के बीच के संबंधों के बारे में बताते हैं।
अब तक जो निष्कर्श निकाला गया है वह यह है कि मोटापा अर्थराइटिस को बढ़ाने में योगदान देता है,और इसका सबसे ज्यादा असर घुटने पर होता है। वजन घटाने से अर्थराइटिस के दोनों लक्षणों में सुधार होता है और यह रोग के असर को धीमा कर सकता है। तो अगर आप मोटापे से ग्रसित हैं तो जल्द ही अपनी डायट और एक्सरसाइज के माध्यम से मोटापे पर कंट्रोल कर सकते हैं।
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