ड्यूकेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (DMD) एक दुलर्भ बीमारी है, जो महिलाओं के मुकाबले पुरुषों को मुख्य रूप से प्रभावित कर सकती है। आंकड़ों के अनुसार, 3 से 5 वर्ष की आयु में इसके लक्षण सामने आ सकते हैं। शुरू में इसकी वजह से शारीरिक तौर पर किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ सकता है। उदाहरण के लिए, अगर किसी बच्चे को यह अनुवांशिक बीमारी होती है, तो वह आसानी से चलना, खड़ा होना व दौड़ना सीख सकता है, पर वह बढ़ती उम्र के साथ इस तरह की किसी भी गतिविधि को करने में परेशानी महसूस कर सकता है। वह शरीरिक रूप से किसी भी कार्य को करने में असमर्थ भी हो सकता है।
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डाइस्ट्रोफिन प्रोटीन क्या है?
डाइस्ट्रोफिन एक ऐसा प्रोटीन है, जो मुख्य रूप से मांसपेशियों की कोशिकाओं के ऊपरी परत पर होता है। यह कई सारे प्रोटीन से मिलकर बना होता है, जो मांसपेशियों तक अन्य प्रोटीन को पहुंचने में मदद करता रहता है। यह मुख्य रूप से कंकाल यानी हड्डियों की मांसपेशियों और हृदय की मांसपेशियों में स्थित होता है। साथ ही, मस्तिष्क की तंत्रिका कोशिकाओं में भी इस प्रोटीन की थोड़ी मात्रा पाई जाती है।
वहीं, अगर किसी कारण इसकी मात्रा कम होने लगे या मांसपेशियों में इसका निर्माण होना बंद हो जाए, तो इससे स्केट्ल और हृदय की मांसपेशियों का विकास व उनका कार्य प्रभावित हो सकता है। इसकी वजह से मांसपेशियां लचीली व कमजोर हो सकती है, जो आसानी से टूट भी सकती हैं।
ड्यूकेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के कारण क्या है? (Cause of Duchenne Muscular Dystrophy)
ड्यूकेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी होने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैंः