अर्थराइटिस क्या है? (What is Arthritis)
बर्साइटिस और अर्थराइटिस (Bursitis and Arthritis) में अब जानते हैं अर्थराइटिस के बारे में। अर्थराइटिस में 100 से अधिक रोग शामिल हैं। इसका सबसे मुख्य लक्षण है जोड़ों में दर्द। इस समस्या के होने पर शरीर के एक से अधिक जोड़ों में सूजन हो सकती है। इसके साथ ही दर्द, अकड़न और उस अंग को हिला न पाना भी इसके लक्षण हैं। जो समय के साथ बदतर हो जाते हैं। अर्थराइटिस के विभिन्न प्रकार यह हैं:
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रयूमेटाइड अर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis)
यह एक ऑटोइम्यून डिजीज है, जिसमें इम्यून सिस्टम शरीर में हेल्दी सेल्स पर अटैक करता है। रयूमेटाइड अर्थराइटिस के कारण एक ही समय में कई जोड़ों पर असर होता है। यह रोग आमतौर पर हाथों, कलाई और घुटनों के जोड़ों को प्रभावित करता है। इस समस्या के कारण जोड़ों की लायनिंग सूज जाती है। जिसके कारण जॉइंट टिश्यू डैमेज हो सकते हैं। इससे क्रॉनिक दर्द, डेफोर्मिटी या हिलने में समस्या भी हो सकती है। रयूमेटाइड अर्थराइटिस के लक्षणों में जोड़ों में दर्द, सूजन, अकड़न, थकावट और हल्का बुखार भी शामिल है। इसके कारण शरीर के अन्य टिश्यूस भी प्रभावित हो सकते हैं, जिससे फेफड़ों, हार्ट और आंखों में परेशानी हो सकती है।
ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis)
ऑस्टियोआर्थराइटिस, अर्थराइटिस का सबसे सामान्य प्रकार हैं जो अधिकतर साठ साल की उम्र से अधिक लोगों में देखने को मिलता है। यह समस्या अधिकतर हाथ, कूल्हे और घुटने में होती है। ऑस्टियोआर्थराइटिस की स्थिति में जॉइंट्स में कार्टिलेज टूटने लगती है और अंडरलाइंग बोन में बदलाव आने लगते हैं। इस बीमारी के कारण दर्द, अकड़न और सूजन होती है। कुछ मामलों में इसके कारण चलने-फिरने में भी समस्या हो सकती है।
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बर्साइटिस और अर्थराइटिस में क्या समानताएं हैं? (Arthritis and Bursitis)
बर्साइटिस और अर्थराइटिस (Bursitis and Arthritis) दोनों रोग कई मामलों में एक जैसे हैं। इन स्थितियों के कई ओवरलैपिंग लक्षण होते हैं और यह शरीर की एक ही जगह को प्रभावित करते हैं। जिसके कारण इनका अंतर कर पाना मुश्किल हो जाता है। यह ओवरलैपिंग लक्षण इस प्रकार हैं
- जोड़ों में दर्द और खुजली (Pain and Aching in Joints)
- अकड़न (Stiffness)
- सूजन (Swelling)
- लालिमा (Redness)
इसके साथ ही बर्साइटिस और अर्थराइटिस (Bursitis and Arthritis) दोनों अधिकतर शरीर के कुछ अंगों पर ही अधिक प्रभाव डालते हैं, जैसे कंधे, घुटने, कलाई, कूल्हे। क्लीवलैंड क्लिनिक (Cleveland Clinic) के अनुसार बर्साइटिस और अर्थराइटिस (Bursitis and Arthritis) दोनों स्थितियां जोड़ों को प्रभावित करती हैं। किंतु, अर्थराइटिस के कारण होने वाला नुकसान परमानेंट होता है। जबकि, अधिकतर मामलों में बर्साइटिस शार्ट टर्म समस्या है। जिससे हुआ नुकसान या परेशानी अधिक समय तक नहीं रहती। खासतौर पर अगर प्रभावित स्थान पर दबाव नहीं डाला जाता है तो इसमें रोगी की स्थिति जल्दी सुधर जाती है। अब जानते हैं कि इन दोनों के बीच में क्या अंतर है:
बर्साइटिस और अर्थराइटिस में अंतर (Difference in Arthritis and Bursitis)
बर्साइटिस और अर्थराइटिस (Bursitis and Arthritis) के बीच में सबसे बड़ा अंतर है सूजन का स्थान। अर्थराइटिस में यह सूजन उस जोड़ में होती है जबकि बर्साइटिस में यह समस्या बरसै में होती है। इसके साथ ही इन दोनों में बहुत से अंतर हैं, जैसे:
- बर्साइटिस और अर्थराइटिस (Bursitis and Arthritis) एक जैसे जोड़ों को ही प्रभावित करते हैं। लेकिन, इनमे भी कुछ अंतर है जैसे अर्थराइटिस अधिकतर घुटने, कूल्हे, छोटे जोड़ों को प्रभावित करता है। जबकि बर्साइटिस का कंधे, कूल्हे, कोहनी और घुटनों पर अधिक असर होता है
- बर्साइटिस की समस्या अचानक हो सकती है और आमतौर पर यह एक एक्यूट कंडीशन है। दूसरी ओर, अर्थराइटिस आमतौर पर एक धीरे-धीरे विकसित होने वाली बीमारी है। लेकिन, इसके कुछ अपवाद भी हैं जैसे सेप्टिक गठिया (Septic Arthritis) जो तेजी से बढ़ता है।
- अर्थराइटिस से जोड़ों को होने वाला नुकसान स्थायी होता है। जबकि बर्साइटिस एक शार्ट टर्म समस्या है। अर्थराइटिस के कारण होने वाला नुकसान ठीक नहीं किया जा सकता। जबकि बर्साइटिस की समस्या जल्दी ठीक हो जाती है।
- अर्थराइटिस में जहां लक्षण समय के साथ बदतर होते हैं। दूसरी ओर, बर्साइटिस में यह लक्षण कुछ ही दिनों तक रहते हैं।
- अर्थराइटिस के लक्षणों को मैनेज करने के लिए डॉक्टर की सलाह और उपचार की जरूरत होती है। जबकि बर्साइटिस के लक्षण घर में ही उपचार से ठीक हो जाते हैं।
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