आर्थ्रोसिस और अर्थराइटिस के ये सभी मुख्य कारण माने जाते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है कि इसका इलाज संभव नहीं है। आर्थ्रोसिस और अर्थराइटिस (Arthrosis and Arthritis) के इलाज से पहले डॉक्टर टेस्ट की सलाह देते हैं।
और पढ़ें : आर्थोपेडिक सर्जरी के बाद जल्दी रिकवरी है संभव, बस अपनाएं कुछ आसान तरीके
आर्थ्रोसिस और अर्थराइटिस का डायग्नोसिस कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Arthrosis and Arthritis)
आर्थ्रोसिस और अर्थराइटिस का डायग्नोसिस के दौरान डॉक्टर पेशेंट से सबसे पहले उनकी मेडिकल हिस्ट्री और लक्षणों के बारे में पूछते हैं और फिर फैमिली मेडिकल हिस्ट्री पूछते हैं। इससे अर्थराइटिस की समस्या कौन से प्रकार की है, इसकी जानकरी मिलने में सहायता मिलती है। वहीं इसके अलावा टेस्ट करवाने की भी सलाह देते हैं। जैसे:
- ब्लड टेस्ट (Blood test) के माध्यम से सूजन (Inflammation) और संक्रमण (Infection) की जानकारी मिलती है।
- जॉइन्ट में मौजूद फ्लूइड की जांच।
- एक्स-रे (X-Ray) या एमआरआई (MRI) भी करवाने की सलाह डॉक्टर दे सकते हैं।
- जोड़ों से संबंधित परेशानी ज्यादा होने पर ऑर्थोस्कोपी (Arthroscopy) की जा सकती है। यह टेस्ट एक छोटे से कैमरे की मदद से की जाती है।
इनसभी टेस्ट के बाद और बीमारी की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए इलाज शुरू की जाती है।
और पढ़ें : ACL टेयर सर्जरी : घुटने की इस सर्जरी के बारे में जानने के लिए पढ़ें
आर्थ्रोसिस और अर्थराइटिस का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment for Arthrosis and Arthritis)
आर्थ्रोसिस और अर्थराइटिस का इलाज निम्नलिखित तरह से किया जा सकता है। जैसे:
- मेडिकेशन (Medication)- ओवर-द-काउंटर मिलने वाली दवाएं जैसे एसिटामिनोफेन (Acetaminophen) के सेवन की सलाह दी जा सकती है।
- फिजिकल थेरिपी (Physical therapy)- थेरिपी की मदद से जोड़ों से जुड़ी परेशानियों को दूर करने के लिए थेरिपी की सहायता ली जाती है।
- ऑक्यूपेशनल थेरिपी (Occupational therapy)- ऑक्यूपेशनल थेरिपी की मदद से पेशेंट के वर्क एनवायरमेंट और आदतों के बारे में पहले समझा जाता है और फिर उन्हें कैसे हेल्दी बनाया जाए, इसकी जानकारी पेशेंट को दी जाती है।
- ऑर्थोटिक्स (Orthotics)- ब्रेसिज, मोच या जूते की वजह से होने वाली परेशानियों को ऑर्थोटिक्स की मदद से दूर की जाती है।
- जॉइन्ट सर्जरी (Joint surgery)- अगर किसी पेशेंट की जॉइन्ट पूरी तरह से डैमेज हो चुकी है, तो ऐसी स्थिति में सर्जरी की सलाह दी जाती है।
इन अलग-अलग तरहों से पेशेंट के हेल्थ कंडिशन और बीमारी की गंभीरता को ध्यान में रखकर इलाज किया जाता है।
दवाओं, फिजिकल थेरिपी और अन्य उपचारों के लिए अपने विकल्पों के बारे में अपने डॉक्टर से जरूर बात करें। आमतौर पर आप गठिया (Arthritis) की समस्या या इसके किसी भी टाइप के साथ पेशेंट हेल्दी लाइफ स्टाइल मेंटेन कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए कुछ हेल्दी टिप्स फॉलो करने की आदत आपको डालनी होगी।
और पढ़ें : अर्थराइटिस का आयुर्वेदिक इलाज कैसे करें? जानें क्या करें और क्या नहीं
आर्थ्रोसिस और अर्थराइटिस से राहत पाने के आसान टिप्स (Tips to avoid Arthrosis and Arthritis)-

इन छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर आर्थ्रोसिस और अर्थराइटिस से राहत पाया जा सकता है।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा। आर्थ्रोसिस और अर्थराइटिस (Arthrosis and Arthritis) से संबंधित जानकारियां और दोनों में क्या अंतर है यह भी आप समझ गयें होंगे। अगर आप आर्थ्रोसिस और अर्थराइटिस (Arthrosis and Arthritis) से जुड़े किसी अन्य सवालों का जवाब जानना चाहते हैं, तो आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं या अगर आप आर्थ्रोसिस और अर्थराइटिस से जुड़ी कोई अन्य जानकारी शेयर करना चाहते हैं, तो हमें जरूर बताएं।
शारीरिक पीड़ा को दूर करने का उपाय छिपा है योगासन में। हालांकि जबतक आप ठीक तरह से और नियमित रूप से योग नहीं करेंगे तबतक इसका लाभ आपको नहीं मिल सकता है। इसलिए नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक करें और एक्सपर्ट से जानिए योग से दर्द को कैसे दूर करें।