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महिलाओं की हेल्दी डायट से हाेता है एनीमिया का खतरा कम
शरीर में लौह तत्व (आयरन) की कमी से एनीमिया हो सकता है और रक्त में हीमोग्लोबिन का स्तर नीचे गिर सकता है। त्वचा, बाल और नाखूनों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए शरीर को लौह तत्व की भी आवश्यकता होती है। महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान बहुत अधिक खून की कमी होती है, विशेष रूप से प्रसव की उम्र और स्तनपान के दौरान महिलाओं को पुरुषों की तुलना में दोगुनी मात्रा में लौह तत्व की आवश्यकता होती है। दुर्भाग्य से, अधिकांश महिलाएं आयरन की दैनिक आवश्यकता को पूरा करने में असमर्थ हैं क्योंकि एनीमिया महिलाओं में सबसे अधिक होने वाली बीमारी है। महिलाओं की हेल्दी डायट में आयरन से भरपूर आहार के साथ आयरन सप्लीमेंट का सेवन करना भी जरूरी है।
महिलाओं की हेल्दी डायट में प्रोटीन है जरूरी
भारत में लगभग 70% महिलाएं प्रोटीन की कमी की वजह से हायर बॉडी फैट%, कम मेटाबॉलिज्म और मांसपेशियों के कम द्रव्यमान से जूझ रही हैं। प्रोटीन बालों, त्वचा और नाखूनों का बिल्डिंग ब्लॉक भी है। प्रोटीन की कमी वाले आहार से हड्डियों में फ्रेक्चर होने जोखिम अधिक हो जाता है। चूंकि, प्रोटीन एक महत्वपूर्ण मैक्रोन्यूट्रिएंट है और अधिकांश महिलाओं में इसकी कमी है, प्राकृतिक प्रोटीन को सामान्य आहार में शामिल करने की सिफारिश की जाती है। आपके शरीर के प्रतिकिलो वजन के मुकाबले प्रतिदिन 1-1.2 ग्राम प्रोटीन की सिफारिश की जाती है। इसलिए यदि आप 55 किलो की हैं और आपकी जीवनशैली मध्यम रूप से सक्रिय हैं तो दैनिक आधार पर कम से कम 60 ग्राम प्रोटीन लेना ही चाहिए।
महिलाओं की हेल्दी डायट में प्रोटीन की भी आवश्यक मात्रा बहुत जरूरी है। प्रोटीन का ही एक प्रकार के रूप में पूरक आहार है जिसे कोलेजन कहते हैं। कोलेजन शरीर में रेशेदार प्रोटीन का सबसे प्रचलित रूप है जो शरीर को साथ मिलाकर एक इकाई के रूप में एकजुट रखने को जिम्मेदार है। महिलाओं के लिए कोलेजन की खुराक के कई स्वास्थ्य लाभ हैं। कोलेजन सेलुलर हेल्थ और सेल डेवलपमेंट को सपोर्ट देकर परफोरेटेड एलिमेंटरी कैनल की मरम्मत में मदद करता है। यह शरीर की नमी कायम रखने और लचीलेपन में वृद्धि के जरिये बालों और नाखूनों के समग्र अपीयरेंस को बेहतर बनाने में भी मदद करता है। यह जॉइंट मोबिलिटी और हेल्दी इनफ्लैमेटरी रेस्पांस को सपोर्ट करने में भी मदद करता है। यह आर्टरी के फैट को कम कर हृदय को स्वस्थ बनाए रखने में और सेल्स की मरम्मत में मदद करता है। यह बोन-मिनरल डेंसिटी को बढ़ाकर हड्डी के निर्माण और मरम्मत में भी सहायक होता है और यह महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को कम करता है। महिलाओं की हेल्दी डायट से इस समस्या के होने का खतरा भी कम होता है।
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