निदान और उपचार
दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने चिकित्सक से संपर्क करें और सलाह लें।
स्ट्रेस फ्रैक्चर का निदान कैसे किया जाता है ?
डॉक्टर्स मेडिकल हिस्ट्री देखकर और शारीरिक जांच के अलावा निम्लिखित टेस्ट कर स्ट्रेस फ्रैक्चर की स्थति को समझ सकते हैं:
- एक्स-रे (X-rays)- एक्स-रे से स्ट्रेस फ्रैक्चर की स्थिति को समझा जाता है। इसे ठीक होने में एक सप्ताह या एक महीने तक का वक्त लग सकता है।
- बोन स्कैन– बोन स्कैन के पहले इंट्रावेनस में रेडियोएक्टिव की खुराक (डोस) दी जाती है। इसे उन हिस्सों को समझने में आसानी होती है जहां स्ट्रेस फ्रैक्चर हुआ है। स्ट्रेस फ्रेक्चर होने पर अन्य टेस्ट भी किये जाते हैं।
- मेग्नेटिक रेजोनेंस इमेज (MRI)– इसमें रेडियो वेव्स का प्रयोग किया जाता है। इससे इंजरी के पहले सप्ताह ही फ्रैक्चर की जानकारी मिल सकती है। इससे स्ट्रेस फ्रेक्चर और सॉफ्ट टिशू में आई चोट को समझना आसान हो जाता है।
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स्ट्रेस फ्रैक्चर (Stress fracture) का इलाज कैसे किया जाता है ?
स्ट्रेस फ्रैक्चर की परेशानी ज्यादा होने पर सर्जरी की जा सकती है। चलने में परेशानी होने पर वॉकिंग बोट जैसे अन्य चीजों का सहारा लिया जा सकता है। स्ट्रेस फ्रैक्चर सर्जरी में आमतौर पर 30 मिनट से 1 घंटे तक का समय लग सकता है। इसके लिए प्रभावित जगह पर चीरा लगाया जाता है और ऑपरेशन का प्रॉसेज होता है ताकि टूटी हई हड्डी को जोड़कर रिपेयर किया जा सके। फ्रैक्चर को ठीक करने के लिए आमतौर पर डॉक्टर स्क्रू और प्लेट का इस्तेमाल किया जाता है।
जीवनशैली में बदलाव और घरेलू उपचार
निम्नलिखित टिप्स अपनाकर स्ट्रेस फ्रैक्चर से बचा जा सकता है:
- अत्यधिक वजन नहीं उठायें।
- सूजन को कम करने और दर्द से राहत पाने के लिए डॉक्टर आवश्यकतानुसार चोट वाले स्थान पर आइस पैक लगाने की सलाह दे सकते हैं- दिन में 15 मिनट के लिए 3 से 4 बार सिकाई की सलाह दी जा सकती है।
- पेशेंट को ठीक होने के बाद भी तेजी से कोई भी काम नहीं करना चाहिए।
- अत्यधिक वजन और एक्सरसाइज भी हल्की करनी चाहिए।
- स्ट्रेस फ्रैक्चर कभी-कभी कैल्शियम की कमी से होता है। कैल्शियम की कमी का इलाज करना हो तो हर घर में पकने वाले पालक को नियमित रूप से अपने आहार में शामिल करें। इसमें 250 ग्राम कैल्शियम पाया जाता है। इससे शरीर में कैल्शियम का स्तर संतुलित रखा जा सकता है। कई लोगों को पालक की सब्जी या साग पसंद नहीं होता, उन्हें पालक से बनी सलाद का सेवन करना चाहिए।
- दूध तथा दही दोनों में अलग-अलग 125 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है। यह मात्रा शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में बहुत महत्वपूर्ण है। कम वसा वाले दही (योगर्ट) में कैल्शियम भरपूर मात्रा पाया जाता है।
- कैल्शियम की कमी का इलाज कई प्रकार की बीजों के सेवन से किया जा सकता है। इनमें से सबसे प्रमुख है शीशम के बीज, अलसी के बीज, तरबूज के बीज। इनमें से सिर्फ शीशम के बीज में लगभग 975 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है। जिससे हड्डियां मजबूत होंगी।