backup og meta

क्या है हड्डियों की बीमारी ऑस्टियोपोरोसिस? जानें इसके लक्षण

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Shruthi Shridhar


Lucky Singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 05/06/2020

    क्या है हड्डियों की बीमारी ऑस्टियोपोरोसिस? जानें इसके लक्षण

    ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) हड्डियों से जुड़ी एक बीमारी है। ऑस्टियोपोरोसिस के कारण हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। इसमें हड्डियां इतनी नाजुक हो जाती हैं कि गिरने या हल्का तनाव जैसे झुकने या खांसने से ही फ्रैक्चर हो सकता है। ऑस्टियोपोरोसिस की वजह से सबसे ज्याादा फ्रैक्चर कूल्हे, कलाई या रीढ़ की हड्डी में होते हैं। हड्डी एक लिविंग टिशु है, जो लगातार टूटता और दोबारा जुड़ जुड़ता रहता है। ऑस्टियोपोरोसिस  होने पर नई हड्डी का निर्माण पुरानी हड्डी के नुकसान की भरपाई नहीं कर पाता।

    ये भी पढ़े Bone spurs : बोन स्पर्स क्या है?

    तेजी से बढ़ रही ऑस्टियोपोसिस की समस्या

    ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या आमतौर पर मध्यम उम्र की महिलाओं में पाई जाती है। हालांकि, कम उम्र के लोग भी इस समस्या से पीड़ित हो सकते हैं, क्योंकि लगभग 25 वर्ष की उम्र में पहुंचने तक हड्डियों का घनत्व (bone density) सबसे चरम पर होता है और इसी दौरान शरीर में मजबूत हड्डियों का निर्माण होता है। आजकल ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या बहुत आम हो गई है और हड्डियों का द्रव्यमान कम होने पर इस बीमारी की संभावना बढ़ जाती है। ऑस्टियोपोरोसिस से सबसे ज्यादा महिलाएं पीड़ित होती हैं। 50 वर्ष से अधिक की उम्र में प्रत्येक दो में से एक महिला और आठ में से एक पुरुष ऑस्टियोपोरोसिस के शिकार हो जाते हैं।

    ये भी पढ़ें- क्यों होता है रीढ़ की हड्डी में दर्द, सोते समय किन बातों का रखें ख्याल

    ऑस्टियोपोरोसिस हर उम्र के पुरुष और महिलाओं को प्रभावित करता है। खासकर वृद्ध महिलाएं जिनका मेनोपॉज हो चुका है, उन्हें इस बीमारी का खतरा सबसे अधिक होता है। दवाएं, स्वस्थ आहार और वजन बढ़ाने वाले व्यायाम(weight gain exercises) हड्डियों के नुकसान को रोकने में मदद कर सकते हैं और पहले से ही कमजोर हड्डियों को और मजबूत कर सकते हैं।

    हड्डियों में अपने आप को खुद से रिपेयर करने की क्षमता होती है। नई हड्डी बनती है और पुरानी हड्डी टूट जाती है। जब आप युवा अवस्था में होते हैं, तो आपका शरीर नई हड्डी को तेजी से बनाता है क्योंकि यह पुरानी हड्डी को तोड़ देता है और आपका बोन मास (Bone Mass) बढ़ जाता है। 20 साल की शुरुआत के बाद यह प्रक्रिया धीमी हो जाती है, और ज्यादातर लोग 30 साल की उम्र तक अपने हाई बोन मास तक पहुंच जाते हैं। 

    ये भी पढ़ें- आर्थराइटिस के दर्द से ये एक्सरसाइज दिलाएंगी निजात

    शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाने पर हड्डियों की कोशिकाएं प्रभावित होने लगती हैं और हड्डियों का निर्माण होना बंद हो जाता है। इसके कारण हड्डियां कमजोर, लचीली और नाजुक हो जाती है और आसानी से टूट सकती हैं। आमतौर पर शुरुआत में हड्डी के नुकसान के कोई लक्षण नहीं होते हैं। लेकिन एक बार जब आपकी हड्डियां ऑस्टियोपोरोसिस से कमजोर हो जाती है, तो आप इन लक्षणों से इसे पहचान सकते हैं:

    • हड्डी टूटने की वजह से पीठ दर्द
    • बढ़ती उम्र के साथ शरीर में झुकाव आना  
    • झुका हुआ पॉश्चर
    • शरीर की हड्डियों का जल्दी टूटना

    महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस

    महिलाओं में ईस्ट्रोजन हार्मोन की कमी और पुरुषों में एंड्रोजन की कमी, ऑस्टियोपोरोसिस होने का मुख्य कारण होता है। विशेष रूप से  55 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में यह बीमारी होना आम है। महिलाओं में मेनोपॉज के बाद ईस्ट्रोजन का स्तर कम हो जाता है इसी कारण ऑस्टियोपोरोसिस का भी खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा उम्र बढ़ने के साथ शरीर में कैल्शियम एवं विटामिन डी की कमी, एक्सरसाइज न करना और उम्र बढ़ने पर अंतः स्त्रावी क्रियाओं (endocrine functions) में परिवर्तन के कारण भी यह बीमारी होती है। इसके अलावा थायरॉयड की समस्या, मांसपेशियों का कम इस्तेमाल, हड्डी का कैंसर (bone cancer) और कुछ दवाओं के इस्तेमाल एवं आहार में कैल्शियम की कमी के कारण यह बीमारी होती है।

    ये भी पढ़ें- बच्चों की स्ट्रॉन्ग हड्डियों के लिए अपनाएं ये 7 टिप्स

    ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण

    शुरुआत में ऑस्टियोपोरोसिस का कोई विशेष लक्षण नहीं दिखाई देता है लेकिन बाद में हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द, कमर और गर्दन में दर्द होना इस बीमारी के लक्षण हैं। गिरने और यहां तक छींकने पर भी व्यक्ति को हड्डियों में फ्रैक्चर महसूस होता है। जैसे ही इस बीमारी के लक्षण बढ़ने लगते हैं यह बीमारी अधिक गंभीर होने लगती है और दर्द भी बढ़ने लगता है। यह दर्द शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल सकता है। इसके अलावा कूल्हों, कलाई और रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर होना ऑस्टियोपोरोसिस का मुख्य लक्षण है।

    एक्सरसाइज से होने वाले फायदे

    • मांसपेशियों की ताकत को बढ़ाता है
    • शरीर का संतुलन बढ़ाता है
    • हड्डी के फ्रैक्चर का जोखिम कम करता है
    • बैठने और सोने का पॉश्चर ठीक करता है
    • दर्द से आराम देता है

    ऑस्टियोपोरोसिस में कर सकते हैं ये एक्सरसाइज

    • स्ट्रैंथ ट्रेनिंग
    • वजन के साथ एरोबिक्स ट्रेनिंग
    • फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइज
    • स्टेबिलिटी और बैलेंसिंग एक्सरसाइज

    ये भी पढ़ें- मानव शरीर की 300 हड्डियों से जुड़े रोचक तथ्य

    ऑस्टियोपोरोसिस में न करें ये एक्सरसाइज

  •  हाई इंपेक्ट एक्सरसाइज
  • बेंडिंग और ट्विस्टिंग
  • ऑस्टियोपोरोसिस में क्या खाएं 

    • कैल्शियम 
    • प्रोटीन
    • विटामिन डी
    • विटामिन सी
    • मैग्नीशियम
    • विटामीन के
    • जिंक

    ऑस्टियोपोरोसिस में क्या ना खाएंः

    ये भी पढ़ें- ऑस्यिोइंटिग्रेशन: क्या आप जानते हैं इसके बारे में?

    ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव

    1. ऑस्टियोपोरोसिस के इलाज में मिनरल के नुकसान को रोका जाता है और हड्डियों के घनत्व (Bone Mass) को बढ़ाया जाता है ताकि हड्डियां फ्रैक्चर न हों। इसके अलावा हड्डियों में दर्द को भी कम किया जाता है।
    2. लगभग 40 प्रतिशत महिलाओं ऑस्टियोपोरोसिस के कारण हड्डियों में फ्रैक्चर का अनुभव करती हैं। ऑस्टियोपोरोसिस के इलाज का उद्देश्य इन फ्रैक्चर को रोकना होता है।
    3. युवा वयस्कों (Adult) में ऑस्टियोपोरोसिस की बीमारी होने से बचाने के लिए उन्हें अपने भोजन में कैल्शियम लेने की सलाह दी जाती है। दूध, संतरे के रस और सामन (salmon) मछली में अच्छी मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है
    4. ऑस्टियोपोरोसिस से बचने के लिए हर उम्र के लोगों को टहलना, एक्सरसाइज करना, एरोबिक और तैराकी (swimming) के जरिए अपने शरीर के वजन को सामान्य रखना चाहिए।
    5. हर रोज एक्सरसाइज करने से ऑस्टियोपोरोसिस के कारण हड्डियों में होने वाले फ्रैक्चर से बचा जा सकता है।
    6. स्टडी में पाया गया है कि एक्सरसाइज करने से हड्डियों और मांसपेशियों में खिंचाव होता है, जिसके कारण हड्डियों का घनत्व बढ़ता है और ऑस्टियोपोरोसिस से छुटकारा मिलता है।

    एक्सरसाइज करने से ऑस्टियोपोरोसिस की परेशानी कम हो सकती है। कुछ एक्सरसाइज मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत करते हैं और कुछ आपके शरीर का संतुलन बेहतर करते हैं। व्यायाम और आहार से ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण कम किए जा सकते हैं।

    और भी पढ़ें- सभी उम्र के बच्चों में होती हैं ये 7 पोषक तत्वों की कमी

    जानिए किस तरह हमारी ये 9 आदतें कर रही हैं सेहत के साथ खिलवाड़

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

    Dr. Shruthi Shridhar


    Lucky Singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 05/06/2020

    advertisement iconadvertisement

    Was this article helpful?

    advertisement iconadvertisement
    advertisement iconadvertisement