शरीर को जिंक की उचित मात्रा प्रदान करने के लिए निम्न खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैंः
- कार्ब्स
- सुअर का मांस
- मुर्गी
- फलियां
- कद्दू के बीज
- दही
जानें कौन-कौन से खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए:
सब्जियां- वैसे तो सभी तरह की सब्जियों का सेवन लाभदायक होता है लेकिन, अच्छी तरह से पकी हुई फूलगोभी खाने से फायदा मिलता है।
फल- जामुन, केला, संतरा सहित अन्य सभी तरह के फलों का सेवन लाभकारी होता है।
डेयरी प्रोडक्ट- दूध, पनीर, दही सहित सभी फ्रेश डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन फायदेमंद हो सकता है।
अंडा- नियमित रूप से अंडे को भी आहार में शामिल किया जा सकता है। हाइपोथायरॉयडिज्म डायट का ये बेहतर विकल्प है।
मीट- सभी तरह के मीट का सेवन किया जा सकता है। हाइपोथायरॉयडिज्म डायट में आप मीट को शामिल करें लेकिन ध्यान रखें कि उसे अच्छे से पका कर खाएं।
सलाद- नियमित रूप सलाद और अंकुरित अनाज का सेवन करना लाभकारी हो सकता है।
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हाइपोथायरॉयडिज्म की समस्या में क्या नहीं खाएं?
ग्लूटन युक्त फूड प्रोडक्ट (Gluten)
हाइपोथायरॉयडिज्म की समस्या में कुछ प्रकार के ऑटोइम्यून विकार के जोखिम होने की संभावना होती है। इसलिए मरीजों को हाइपोथायरॉयडिज्म डायट में ग्लूटन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने में सावधानी बरतनी चाहिए। ग्लूटन एक तरह का प्रोटीन है जौ गेहूं, राई और जौ जैसे अनाज में मौजूद होता है।
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कुछ प्रकार की सब्जियां
हाइपोथायरॉयडिज्म की समस्या में कुछ प्रकार की सब्जियों को खाने में भी सावधानी बरतनी चाहिए। हाइपोथायरॉयडिज्म डायट में आपको ब्रोकोली, गोभी, पालक, केल, ब्रसेल्स स्प्राउट्स जैसे फाइबर की उच्च मात्रा से भरपूर सब्जियों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इनका इस्तेमाल करने से थायरॉयड दवा के प्रभाव पड़ सकता है।
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प्रोसेस्ड फूड्स
हाइपोथायरॉयडिज्म की समस्या से पीड़ित व्यक्तियों को हाइपोथायरॉयडिज्म डायट में प्रोसेस्ड फूड्स खाने से परहेज करना चाहिए। इस तरह के खाद्य पदार्थ वजन बढ़ाने के साथ ही कैलोरे के उच्च स्त्रोत भी होते हैं।
प्रोसेस्ड फूड्स के तौर पर इन खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिएः
- जंक फूड्स
- पिज्जा
- केक
- कुकीज
सोया प्रोडक्ट यूज करते समय रखें ध्यान
वैसे तो अधिकतर सभी खाद्य पदार्थों का सेवन किया जा सकता है लेकिन कुछ ऐसे भी खाद्य पदार्थ हैं जिनका सेवन हाइपोथायरॉयडिज्म डायट के तहत नहीं करना चाहिए, उनमें शामिल है- सोया से बने प्रोडक्ट। सोया सॉस का सेवन भी नहीं करना चाहिए। केक और कुकीज भी नहीं खाना चाहिए। एक्सपर्ट्स के अनुसार बॉडी स्ट्रक्चर और उम्र के अनुसार आहार का सेवन करना लाभदायक हो सकता है।
हाइपोथायरॉयडिज्म डायट लेते समय आपको इस बात पर ध्यान देना होगा कि अपने आहार में आप सोया बेस्ड फूड जैसे कि सोयाबीन फ्लोर, टोफू आदि को सीमित मात्रा में शामिल करें। अगर आप सोया पसंद करते हैं तो आपको अब अपने आहार में इसे सीमित कर देना चाहिए। डॉक्टर आपको सोया पूरी तरह से बंद करने को नहीं कहेगा बल्कि कम मात्रा में खाने को कहेगा। टोफू और सोयाबीन में हाई प्रोटीन और लो फैट होता है और साछ ही न्यूट्रिएंट्स भी बहुत से होते हैं। साथ ही उसमे एस्ट्रोजन भी होता है जो बॉडी में जाने के बाद सिंथेटिक थायरॉयड हार्मोन के अवशोषण में दिक्कत पैदा कर सकता है। हाइपोथायरॉयडिज्म की दवा खाने के चार घंटे बाद ही सोया का सेवन करें, ताकि किसी प्रकार की समस्या न हो।