के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
ओमेगा 3 एक फैटी एसिड, जो कि हेल्दी फैट माना जाता है। इसके दो प्रकार EPA और DHA कुछ प्रकार की मछलियों में पाया जाता है, जबकि इसका तीसरा प्रकार ALA नट्स और बीजों में पाया जाता है। ओमेगा 3 स्वस्थ शरीर के लिए काफी जरूरी है, जो कि कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। आम भाषा में शाकाहारी और मांसाहारी दोनों ही तरह के खाद्य पदार्थों में ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है। यह अखरोट जैसे सूखे मेवों, अलसी, सूरजमुखी, सरसों के बीज, सोयाबीन, स्प्राउट्स, गोभी, ब्रोकली, शलजम, हरी पत्तेदार सब्जियों और स्ट्रॉबेरी जैसे कई फलों में भी उच्च मात्रा में पाया जाता है। हालांकि, इसका सबसे उच्च स्त्रोत मछलियां ही होती है।
ओमेगा 3 दिल की बीमारियों से दूर रखने में भी काफी फायदेमंद साबित होता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (AHA) के मुताबिक सभी को हफ्ते में दो बार मछली का सेवन करना चाहिए, ताकि पर्याप्त मात्रा में ओमेगा 3 प्राप्त हो सके। विशेष रूप से सामन, मैकेरल, हेरिंग, सार्डिन, लेक ट्राउट, और टूना मछलियों में ओमेगा 3 भारी मात्रा में मिलता है। हालांकि, ओमेगा 3 प्राप्त करने के लिए आहार में मछलियों का सेवन करना सबसे फायदेमंद है, लेकिन जिन लोगों को मछलियों का स्वाद पसंद नहीं है, वो फिश ऑयल सप्लीमेंट का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
मछलियों के अलावा फ्लैक्स, चिया सीड्स, ताजे बेसिल, अखरोट, मूली के बीज, पालक आदि से भी ओमेगा 3 प्राप्त किया जा सकता है। जो कि शाकाहारी लोगों के लिए सबसे बेहतर विकल्प है।
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ओमेगा 3 का प्रयोग कई चिकित्सीय कार्यो में किया जाता है जैसे,
अभी इस बारे में कम ही अध्ययन हुआ है कि ये कैसे काम करता है। अधिक जानकारी के लिए किसी फार्मसिस्ट, हर्बलिस्ट या डॉक्टर से बात करें।
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अपने चिकित्सक, फार्मसिस्ट या हर्बलिस्ट से परामर्श जरूर करें, यदि:
फिश लिवर ऑयल में विटामिन ए और विटामिन डी काफी ज्यादा मात्रा में होता है। इन पोषक तत्वों की ज्यादा मात्रा शरीर के लिए खतरनाक हो सकता है।
शैलफिश या फिश से एलर्जी रखने वालों के लिए फिश ऑयल सप्लीमेंट का इस्तेमाल करना खतरनाक हो सकता है।
फिश ऑयल को ज्यादा मात्रा में सेवन करने से समुद्र में मौजूद दूषित कणों से खतरा भी बढ़ जाता है, जो कि जान लेवा तक हो सकता है।
किसी भी हर्बल सप्लीमेंट के सेवन करने के नियम उतने ही सख्त होते हैं जितने कि अंग्रेजी दवा के। सुरक्षा के लिहाज से अभी इसमें और अध्ययन की जरूरत है। ओमेगा 3 के इस्तेमाल से होने वाले फायदे से पहले आपको इसके खतरों को समझ लेना चाहिए। ज्यादा जानकारी के लिए अपने हर्बलिस्ट से बात कीजिए।
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ओमेगा 3 इन दुष्प्रभावों का कारण बन सकता है, जैसे:
3 ग्राम से ज्यादा ओमेगा 3 का सेवन ब्लीडिंग को बढ़ा सकता है।
लगातार इसका सेवन करने या बहुत अधिक मात्रा में इससे युक्त आहार खाने से शरीर की कोशिकाओं में अतिरिक्त फैट जमा होने लगता है जिससे वजन तेजी से बढ़ने लगता है। इसके कारण उच्च रक्तचाप, हृदय घात, डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।
जरूरी नहीं कि बताए गए, साइड इफेक्ट का ही आपको सामना करना पड़े। कोई अन्य लक्षण भी हो सकते, जिन्हें शामिल नहीं किया गया हो। अगर आपको साइड इफेक्ट को लेकर कोई शंका है, तो अपने डॉक्टर से बात करें।
ओमेगा 3 आपकी दवाओं और मेडिकल कंडिसन्स पर असर डाल सकता है। इस्तेमाल से पहले अपने डॉक्टर से राय जरूर लें।
यदि आपको ब्लीडिंग या खून बहने की समस्या है या आप ऐसी दवाएं लें रहे हैं, जो रक्तस्राव को बढ़ा सकती हैं। जैसे कि कौमेडिन, प्लाविक्स, एफर्टिएंट, ब्रिलिंटा और कुछ एनएसएआईडी, ऐसी स्थिति में किसी भी ओमेगा -3 सप्लीमेंट का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें।
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दी गई जानकारी को चिकित्सा सलाह के रूप में न देखें। हमेशा दवा का उपयोग करने से पहले अपने हर्बलिस्ट या चिकित्सक से परामर्श करें।
इस सप्लीमेंट की खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और कई अन्य स्थितियों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लीमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। कृपया अपनी उचित खुराक के लिए अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
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