प्रेग्नेंसी के बदलाव
1. सेक्स ड्राइव में बदलाव आना
प्रेग्नेंसी के बदलाव अक्सर महिलाओं की सेक्स ड्राइव में परिवर्तन आता है। बच्चे की देखरेख में व्यस्त होने की वजह से महिलाओं का सेक्स करने का मन नहीं करता है। इसके पीछे दूसरी वजह एस्ट्रोजन के लेवल का घटना भी है। प्रेग्नेंसी के दौरान इसका स्तर अपने चरम पर होता है। डिलिवरी के बाद यह अचानक से गिरने लगता है। जिसका असर सेक्शुअल लाइफ पर साफ दिखाई देता है।
2. वजन में गिरावट आना
प्रेग्नेंसी के बदलाव में डिलिवरी से पहले वजन बढ़ जाता है लेकिन, शिशु को जन्म देने के बाद अचानक वजन गिरने लगता है। यह बार-बार यूरिन पास करने की वजह से होता है। यदि आप बच्चे को स्तनपान करा रही हैं तो आपको वजन सामान्य से भी ज्यादा नीचे जा सकता है। ऐसी स्थिति में आपको घबराने की जरूरत नहीं है।
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3. यूटरस का साइज बड़ा रहना
जैसे-जैसे आपकी डिलिवरी नजदीक आती है आपका यूटरस आकार में 15 गुना ज्यादा बड़ा हो जाता है। आमतौर गर्भवती होने से पहले के साइज के मुकाबले यह ज्यादा बड़ा हो जाता है। डिलिवरी के बाद इसका आकार छोटा होने लगता है। जैसे-जैसे यह कॉन्ट्रैक्ट होता है वैसे-वैसे इसका आकार घटने लगता है। कई बार आपको इसमें दर्द भी होता है। इसको लेकर घबराने की जरूरत नहीं है।
इसे ठीक करने के लिए आप एक वॉर्म पैक का इस्तेमाल कर सकती हैं या अपनी डॉक्टर से दर्द को कम करने की दवा की सलाह भी ले सकती हैं। इस पर सेंट्रल मुंबई की वॉकहार्ट हॉस्पिटल की कंसल्टेंट ओबस्टेट्रिक्स गायनोकोलॉजिस्ट डॉक्टर गांधाली देवरुखर पिल्लई ने कहा, ‘यूटरस का वजन करीब 60 ग्राम होता है। वह इतना छोटा होता है कि हमारी मुट्ठी में समा जाए। गर्भाशय में शिशु के विकास की अवधि के आगे बढ़ने पर यह अपना आकार बढ़ा लेता है।’
डॉक्टर गांधाली के मुताबिक, यूटरस को दोबारा अपने पुराने साइज में आने के लिए करीब 3-6 महीनों तक का वक्त लगता है। इसी के साथ ही आपके पेट का आकार भी कम होता है। उन्होंने कहा कि यूटरस के साइज में बदलाव आना एक सामान्य प्रक्रिया है।