[mc4wp_form id=”183492″]
ऑव्युलेशन पेन (Ovulation Pain) में की जाने वाली जांच
ऑव्युलेशन पेन की जांच या निदान के लिए कोई विशिष्ट परीक्षण निर्धारित नहीं किया जा सकता है। ऑव्युलेशन का दर्द अगर किसी संक्रमण (infection) या बीमारी की वजह से हो रहा है तो इसके परीक्षण के लिए निम्नलिखित टेस्ट किए जा सकते हैं:
डॉक्टर सबसे पहले आपकी मेडिकल हिस्ट्री को चेक करते हैं। इसके बाद आपका शारीरिक परीक्षण (फिजिकल टेस्ट) होता है जिसमें इंटरनल पेल्विक टेस्ट (internal pelvic test), सर्वाइकल (cervical culture) कल्चर, ब्लड टेस्ट (blood test), पेट का अल्ट्रासाउंड, वजाइना का अल्ट्रासाउंड (vaginal ultrasound) आदि कराया जाता है।
और पढ़ें : डिलिवरी के बाद क्यों महिलाएं कराती हैं वजायनल प्लास्टिक सर्जरी, जानें इसके बारे में सब कुछ
ऑव्युलेशन पेन के उपचार क्या हैं? (Treatment for ovulation pain)
माना यह जाता है कि ऑव्युलेशन पेन के लक्षण तकरीबन 24 घंटों के अंदर दूर हो जाते हैं, लिहाजा इसके लिए किसी विशेष चिकित्सा की जरूरत नहीं होती है। फिर भी दर्द सहा सके तो ये कुछ टिप्स फॉलो करें-
- यदि दर्द समय के साथ बढ़ता जाए, तो तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए एवं डॉक्टर द्वारा बताया गया उपचार शुरू करें। इससे ऑव्युलेशन पेन के लक्षण को कम करने में मदद मिलेगी।
- ओवर-द-काउंटर दवाएं जैसे कि एलेव (नेप्रोक्सन {naproxen}) या मोट्रिन (इबुप्रोफेन {Ibuprofen}) आम तौर पर ऑव्युलेशन पेन में राहत देने में प्रभावी होती हैं लेकिन, डॉक्टर परामर्श से ही दवा का सेवन करें।
- यदि कोई महिला प्रेग्नेंसी प्लान (pregnancy plan) कर रही है, तो किसी दवा का सेवन न करें। महिला ऑव्युलेशन के बाद गर्भधारण (conception) कर सकती है।
- पेट के निचले हिस्से में गर्म पैड लगाना या गर्म स्नान करना भी दर्द को कम करने में मदद कर सकता है। और ऑव्युलेशन पेन के लक्षण को कम कर सकता है।
- हार्मोनल गर्भनिरोधक गोली और बर्थ कंट्रोल के अन्य रूप भी ऑव्युलेशन पेन के लक्षण को कम कर सकते हैं क्योंकि वे ऑव्युलेशन प्रक्रिया को रोकते हैं। अपने डॉक्टर के साथ इस विकल्प पर पहले बात कर लें।
- बिस्तर पर थोड़ा आराम कर लेने से भी दर्द कम हो जाता है।
और पढ़ेंः मां और पिता से विरासत में मिलती है माइग्रेन की समस्या, क्विज खेलें और बढ़ाएं अपना ज्ञान
ऑव्युलेशन में दर्द : डॉक्टर को कब दिखाएं?
अमेरिकन कॉलेज ऑफ ओब्स्टेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट्स की सलाह है कि 21 से 29 साल की महिलाओं को हर तीन साल में पैप स्मीयर से सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग करानी चाहिए।
वहीं, 30 से 65 वर्ष की महिलाओं को हर तीन साल में एक पैप स्मीयर या पैप स्मीयर के साथ एचपीवी टेस्ट हर पांच साल में कराना चाहिए।
65 वर्ष से अधिक की महिलाओं को तब तक सर्वाइकल जांच कराने की जरूरत नहीं पड़ती है जब तक कि उनमें ये लक्षण न हों जैसे-
- असामान्य ग्रीवा कोशिकाएं
- पैप टेस्ट (Pap Test) के असामान्य परिणाम
- सर्वाइकल कैंसर (cervical cancer)
जैसा कि आपको इस आर्टिकल में जानकारी दी जा चुकी है कि ऑव्युलेशन में दर्द अक्सर समस्या नहीं खड़ी करता है। अगर महिला को हल्का दर्द महसूस होकर कुछ समय बाद तक ठीक हो जाता है तो उसे किसी भी तरह की चिंता नहीं करना चाहिए। आप इस बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से भी परामर्श कर सकती हैं।
सभी महिलाओं को अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ से हर साल अच्छी तरह से चेक अप कराना चाहिए ताकि स्त्रीरोग संबंधी स्वास्थ्य के बारे में किसी भी अन्य विषय पर चर्चा की जा सके। एक उम्र के बाद हर साल रेगुलर चेकअप जरूरी है।
हर महिला को अपने मासिक धर्म की तिथि का हिसाब रखना चाहिए, इससे ऑव्युलेशन पीरियड (Ovulation period) के बारे में अंदाजा लगाया जा सकता है। यदि पीरियड्स मिस हो गए हैं, तो ऐसे में अपने डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। कई महिलाओं में पीरियड के मध्य में दर्द होना ऑव्युलेशन पेन के लक्षण होते हैं। लेकिन, कई अन्य कारण भी पेल्विक दर्द (pelvic pain) का कारण बन सकते हैं, जिनमें से कुछ गंभीर हो सकते हैं। इसलिए, अपने शरीर पर ध्यान दें और अपने हेल्थ प्रोफेशनल से बॉडी में किसी भी असामान्य बदलाव के लिए बात करें। आशा करते हैं कि आपको यह लेख (ऑव्युलेशन पेन के लक्षण) पसंद आया होगा? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही अगर आपका इस विषय से संबंधित कोई भी सवाल या सुझाव है तो वो भी हमारे साथ शेयर करें। आप स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।