- मुंहासों से छुटकारा
- कमजोर हड्डियों में लाभदायक
- एनीमिया से बचाव, आदि
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मिनि पिल्स (mini pills) के कुछ अन्य फायदे-
- स्मोकिंग करने वाली महिलाएं इस्तेमाल कर सकती हैं।
- 35 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं इस्तेमाल कर सकती हैं।
- स्तनपान करवाने वाली महिलाएं इस्तेमाल कर सकती हैं।
- ब्लड क्लॉट्स की हिस्ट्री वाली महिलाएं इस्तेमाल कर सकती हैं।
गर्भनिरोधक गोली की सीमाएं क्या हैं?
बर्थ कंट्रोल पिल्स से यौन संचारित रोग (Sexually transmitted Diseases) से बचाव नहीं मिलता है। इसलिए, इन संक्रमण से बचाव के लिए आपको गर्भनिरोधक गोली के साथ कॉन्डम जैसे अतिरिक्त विकल्प का उपयोग करना पड़ेगा। इसके अलावा, आपको कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स का सेवन रोजाना करना पड़ता है। इसलिए, आपको पहला पैक खत्म होने से पहले दूसरे नये पैक का अपने पास रखना चाहिए। क्योंकि, नया पैक शुरू करने में देरी से गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है।
गर्भनिरोधक गोली का सेवन करने से क्या नुकसान हो सकते हैं? (side effects of contraceptive pills)
गर्भनिरोधक गोली का सेवन (Contraceptive Pills) करने से आपको निम्नलिखित दुष्प्रभावों का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन, जरूरी नहीं कि आपको इन साइड इफेक्ट्स का सामना करना ही पड़े या आपको सिर्फ इन्हीं नुकसान को झेलना पड़े। कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स का सेवन करने से अन्य नुकसान भी हो सकते हैं। इससे संबंधिक पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए आप डॉक्टर से परामर्श करें। आइए, गर्भनिरोधक गोली का सेवन करने से होने वाले नुकसान जानते हैं।
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हृदय संबंधी बीमारी (Cardiovascular disease)
कॉम्बिनेशन गर्भनिरोधक गोली का सेवन (Contraceptive Pills) करने से दिल पर हार्ट अटैक, स्ट्रोक या ब्लड क्लॉट्स जैसे नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं। अगर, आपको उच्च रक्तचाप की समस्या है या आपके घर में किसी को है, तो आपको गर्भनिरोधक गोली का सेवन (Contraceptive Pills) करने से पहले अपने डॉक्टर से अच्छी तरह बात कर लेनी चाहिए। ताकि, वो इसका कुछ और विकल्प सुझा सकें।
इंटरमेंस्ट्रुअल स्पॉटिंग (Intermenstrual spotting)
गर्भनिरोधक गोली का सेवन करने के दौरान संभावित पीरियड के दौरान आपको वजायनल ब्लीडिंग हो सकती है। आमतौर पर, यह समस्या गर्भनिरोधक गोली का सेवन (Contraceptive Pills) शुरू करने के तीन महीनों के भीतर सही हो जाती है। मगर, जबतक आप बर्थ कंट्रोल पिल्स का सेवन नियमित रूप से करती रहती हैं, तबतक स्पॉटिंग के दौरान भी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स असरदार रहती है। अगर, यह स्पॉटिंग 5 दिन या उससे ज्यादा या तीन दिन या उससे ज्यादा हैवी ब्लीडिंग हो, तो आपको तुरंत किसी डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
आंखों में बदलाव (Changes in eyes)
बर्थ कंट्रोल पिल्स में मौजूद हॉर्मोन्स की वजह से आंखों में मौजूद कोर्निया मोटा हो सकता है। हालांकि, यह ज्यादा गंभीर समस्या नहीं है, लेकिन आपको कॉन्टैक्ट लेंस पहनने में दिक्कत हो सकती है।
सिरदर्द और माइग्रेन (Headache and Migraine)
गर्भनिरोधक गोली में मौजूद हॉर्मोन्स सिरदर्द और माइग्रेन की समस्या बढ़ा सकते हैं। हालांकि, इनकी लो-डोज लेने से इसमें राहत मिल सकती है। इसके अलावा, आपको गंभीर सिरदर्द या माइग्रेन के दर्द में डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
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मूड चेंज (Mood change)
कुछ शोध में बताया गया है कि, ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव लेने से महिलाओं में डिप्रेशन या अन्य मूड चेंज का खतरा बढ़ सकता है। अगर आपको भी ऐसा लग रहा है, तो डॉक्टर से मिलें।
लिबिडो में कमी (low libido)
गर्भनिरोधक गोली में मौजूद हॉर्मोन कुछ महिलाओं में सेक्स ड्राइव या लिबिडो को कम कर सकते हैं। अगर, आपके लिबिडो में ज्यादा कमी आ रही है, तो आपको डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
वजायनल डिस्चार्ज (Vaginal discharge)
गर्भनिरोधक गोली का सेवन (Contraceptive Pills) करने से वजायनल डिस्चार्ज में बदलाव आ सकता है। इसकी वजह से वजायनल ल्यूब्रिकेशन में कमी या इजाफा हो सकता है या डिस्चार्ज के नेचर में बदलाव आ सकता है। अगर, वजायनल ड्राइनेस हो रही है, तो सेक्स के समय अतिरिक्त ल्यूब्रिकेशन इस्तेमाल किया जा सकता है। आमतौर पर, यह खतरनाक नहीं होता, लेकिन वजायनल डिस्चार्ज के रंग या गंध में बदलाव आना इंफेक्शन का लक्षण हो सकता है। पूरी जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।
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क्या गर्भनिरोधक गोली का सेवन करने से वजन बढ़ता है? (Does consuming a birth control pill cause weight gain?)
कई महिलाओं को यह चिंता रहती है कि, क्या गर्भनिरोधक गोली का सेवन करने से वजन में बढ़ोतरी होती है। दरअसल, यह बहुत ही दुर्लभ समस्या होती है। जिसमें, कुछ महिलाओं में गर्भनिरोधक गोली का सेवन (Contraceptive Pills) का सेवन शुरू करने के बाद कुछ हद तक वजन बढ़ जाता है। लेकिन, यह बढ़ा हुआ वजन एक्स्ट्रा फैट की वजह से नहीं, बल्कि फ्लूड रिटेंशन की वजह से होता है और यह बढ़ा हुआ वजन गर्भनिरोधक गोली का सेवन (Contraceptive Pills) का सेवन शुरू करने के 2-3 महीने के बाद सामान्य हो जाता है। हालांकि, पहले दौर में जब गर्भनिरोधक का निर्माण होता था, तो उसमें एस्ट्रोजन की मात्रा उच्चा होती थी, जिससे फ्लूड रिटेंशन और भूख में बढ़ोतरी होती थी। इसी कारण से वजन बढ़ने की समस्या देखी जाती थी। लेकिन, वर्तमान में गर्भनिरोधक गोली का सेवन (Contraceptive Pills) गोली में हॉर्मोन्स सीमीत मात्रा में होते हैं।
गर्भनिरोधक गोली के विकल्प क्या हैं? (What are the contraceptive pill options?)
गर्भनिरोधक गोली का सेवन (Contraceptive Pills) के विकल्प कई हैं, जिनमें से निम्नलिखित मुख्य हैं।
कॉन्डम (Condom)

कॉन्डम अनचाहे गर्भ और यौन संचारित रोगों से बचाव करने में काफी मददगार होता है। यह फीमेल और मेल दोनों के लिए मार्केट में उपलब्ध है। आमतौर पर, मेल कॉन्डम सबसे ज्यादा प्रयोग में लाए जाते हैं। जिससे, स्पर्म महिला पार्टनर की वजायना में दाखिल नहीं हो पाता और अनचाहा गर्भ का खतरा नहीं होता। फीमेल कॉन्डम के सिरे पर एक रिंग होती है, जो कि वजायना के अंदर लगाया जाता है।
नुवारिंग (NuvaRing) वजायनल रिंग
नुवा रिंग एक प्लास्टिक रिंग होती है, जिसे वजायना के अंदर लगाया जाता है। यह ऑव्युलेशन को बाधित करने वाले हॉर्मोन्स रिलीज करती है। हर मासिक धर्म में तीन हफ्ते यह वजायना के अंदर लगी रहने दी जाती है और पीरियड्स होने के लिए आखिरी हफ्ते हटा दी जाती है।
उम्मीद करते हैं कि आपको गर्भनिरोधक गोली का सेवन (Contraceptive Pills) आर्टिकल पसंद आया होगा और गर्भनिरोधक का सेवन संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।