एड्स एक जानलेवा बीमारी है, जो एचआईवी के फैलने के बाद होती है। कह सकते हैं कि एचआईवी के फैलने के अंतिम चरण को एड्स कहते हैं। एचआईवी संक्रमण के बाद मानवीय शरीर की प्रतिरोधक क्षमता घटने लगती है। एड्स का पूर्ण रूप से उपचार अभी तक संभव नहीं हो पाया है। एचआईवी संक्रमित व्यक्ति जो किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित नहीं है उसमें एड्स के लक्षणों की जांच विशेष रक्त जांच (CD4+ कोशिका गणना) के आधार पर की जा सकती है। एचआईवी संक्रमण का अर्थ यह नहीं है कि वह व्यक्ति एड्स से भी पीड़ित है। एड्स के लक्षण दिखने में 8 से 10 वर्ष तक का समय लग सकता है। मानव शरीर में एचआईवी कैसे फैलता है और इसे एड्स के अंतिम चरण तक पहुंचने से कैसे रोका जा सकता है? इसे विस्तार से जानने के लिए आर्टिकल पढ़ें।
एचआईवी के फैलने की प्रक्रिया क्या है?
एचआईवी प्रतिरक्षा प्रणाली की सीडी 4 कोशिकाओं पर हमला करता है और उन्हें नष्ट कर देता है। सीडी 4 कोशिकाएं एक प्रकार की श्वेत रक्त कोशिका या व्हाइट ब्लड सेल होती हैं जो शरीर को संक्रमण से बचाने में प्रमुख भूमिका निभाती हैं। एचआईवी इतना खतरनाक वायरस है कि यह सीडी 4 सेल को ही एचआईवी फैलाने के काम में ले आता है। एचआईवी वायरस का सीडी 4 सेल में प्रवेश करना और एक नए एचआईवी को जन्म देना ही एचआईवी जीवन चक्र कहलाता है। एचआईवी के फैलने की प्रक्रिया बहुत तेजी से होती है क्योंकि यह सीडी 4 सेल से जुड़ाव कर उसे खुद के फैलाव के लिए बाधित कर देता है। एचआईवी के फैलने के इन चरणों को रोकने के लिए चरणों के हिसाब से ही दवा दी जाती है ताकि एचआईवी के फैलने की प्रक्रिया रुक जाए या कम हो जाए। इसके कारण एचआईवी वाला व्यक्ति सामान्य जिंदगी जी पाता है।