एचआईवी को एड्स बनने से कैसे रोकें
बदलते लाइफस्टाइल के चलते आजकल ज्यादा लोग एचआईवी का शिकार हो रहे हैं। एचआईवी डायग्नोस होने के बाद लोगों को एड्स होने का डर सताने लगता है। लेकिन, एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (Antiretroviral therapy) या एआरटी (ART) दवाओं के कारण एचआईवी पॉजिटिव पुरुषों और महिलाओं के लिए लंबा और स्वस्थ जीवन जीना संभव है। यहां आप को बता दें कि एचआईवी संक्रमण के अंतिम चरण को ए़ड्स कहा जाता है।
ज्यादातर मामलों में अगर एचआईवी वायरस से संक्रमित इंसान एआरटी लेता है, तो एचआईवी एड्स में नहीं बदलता या इसमें काफी समय लगता है। एचआईवी इम्यून सिस्टम की सीडी 4 सेल (CD4 Cell) पर हमला करता है। समय के साथ अगर ये कोशिकाएं खराब हो जाती हैं, तो इम्यून सिस्टम इंफेक्शन से लड़ने में असमर्थ हो जाता है। एड्स को तब डायग्नोज किया जाता है, जब किसी व्यक्ति को कुछ इंफेक्शन (opportunistic infections) या कैंसर हो जाता है। इसके अलावा उनका सीडी 4 काउंट 200 सेल प्रति क्यूबिक मिलीमीटर से कम हो जाता है। एआरटी दवाओं के साल 1990 में आने से पहले एचआईवी वायरस से ग्रसित लोग कुछ ही सालों में एड्स से जूझने लगते थे। लेकिन, अब यह कंडिशन बदल गई है। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार कई एचआईवी पॉजिटिव लोग, जो जल्दी ही एआरटी लेना शुरू कर देते हैं, उनमें बीमारी के बढ़ने की गति कम हो जाती है। अगर वो रेगुलर मेडिकेशन लेते हैं, तो एचआईवी के साथ एक हेल्दी लाइफ जी सकते हैं।
एचआईवी का इलाज जरूरी है। इलाज से एचआईवी संक्रमण आमतौर पर एक या दो दशक में एड्स में बदलता है। हालांकि, यह आंकड़ा सीडीसी के अनुसार बदलता रहता है। बिना इलाज के एड्स आमतौर पर लगभग तीन वर्षों में मृत्यु की ओर ले जाता है।
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एचआईवी के साथ रहने के दौरान कैसे रहें स्वस्थ
अपने डॉक्टर से मिलें और एचआईवी से एड्स में बदलने में देरी के लिए अपनी दवाओं को फॉलों करें। यह भी जरूरी है कि आप एक स्वस्थ जीवन शैली बनाए रखें और सुरक्षित सेक्स करें। अगर आप एचआईवी पॉजिटिव हैं, तो यहां बताईं गई बातों को ठीक से फॉलो करेंः
अपने शरीर को तनाव से दूर रखेंः तनाव आपके इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकता है और आपको बीमारी और इंफेक्शन के लिए अधिक सेंसिटिव बना सकता है। हर रात को पूरी नींद लेने और ध्यान या योग एक्टिविटी से आप तनावमुक्त हो सकते हैं।
टीका लगवाएंः अगर आप एचआईवी पॉजिटिव हैं, तो निमोनिया और फ्लू जैसे इंफेक्शन आपके लिए खतरनाक हो सकते हैं। इंफेक्शन के लिए नियमित टीकाकरण करें, जिसके लिए आप अपने डॉक्टर से बात कर सकते हैं।