फंगल इंफेक्शन के घरेलू उपचार क्या हैं? (Home remedies for Fungal infection)
फंगल इंफेक्शन के घरेलू उपचार निम्नलिखित हैं। जैसे-
फंगल इंफेक्शन के घरेलू उपचार दही (Cured):
फंगल इंफेक्शन (Fungal infection) के घरेलू उपचार के लिए आप दही का इस्तेमाल कर सकते हैं। समस्या होने पर दही को कॉटन में लेकर संक्रमित हिस्से पर लगाकर तीस मिनट के लिए छोड़ दें। फिर गुनगुने पानी से धो लें। इस उपाय को संक्रमण के साफ होने तक एक दिन में दो बार अपनाएं। इसके साथ ही दही में प्रोबायोटिक फैक्टर यानी ऐसे बैक्टीरिया होते हैं जो कि पेट को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। इससे आपके डायजेशन में मदद मिलती है और साथ ही पेट में होने वाली हर परेशानी से राहत भी मिलती है। यह दूध के मुकाबले आसानी से पच जाता है।
फंगल इंफेक्शन के घरेलू उपचार लहसुन (Garlic):
लहसुन में मौजूद उपयोगी एंटी-फंगल गुणों के कारण यह किसी भी प्रकार के इंफेक्शन का बहुत ही प्रभावी उपाय है। इसके अलावा, इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटीबायोटिक गुण भी मौजूद होते हैं, जो रिकवरी की प्रक्रिया के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। समस्या होने पर दो लहसुन की कली को अच्छे से पीसें। फिर इसमें जैतून के तेल की कुछ बूंदें मिलाकर बारीक पेस्ट बना लें। फिर इस पेस्ट को संक्रमित हिस्से पर लगाकर तीस मिनट के लिए छोड़ दें। अब गुनगुने पानी से इसे धो लें। दरअसल लहसुन खाने में स्वाद और फ्लेवर डालने के साथ-साथ शरीर को पोषण देने का भी काम करता है। इसमें एंटीवायरल, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीफंगल गुण होते हैं। इसके अलावा इसमें विटामिन, मैंगनीज, कैल्शियम, आयरन आदि पोषक तत्व होते हैं।
फंगल इंफेक्शन के घरेलू उपचार हल्दी (Turmeric):
हल्दी को प्राकृतिक एंटीसेप्टिक, एंटीबायोटिक और एंटी-फंगल गुणों के रूप में जाना जाता है। साथ ही, इसके हीलिंग गुण समस्या को ठीक करने और संक्रमण को दोबारा होने से रोकते हैं। फंगल इंफेक्शन से राहत पाने के लिए त्वचा के प्रभावित हिस्से पर कच्ची हल्दी की जड़ के रस को लगाएं। दो से तीन घंटे के लिए इसे ऐसे ही छोड़ दें। फिर फिर गुनगुने पानी से धो लें। संक्रमण के दूर होने तक इस उपाय को दिन में दो बार करें। हल्दी हम सभी के आहार में रोज शामिल होने वाला मसाला है। आयुर्वेद से लेकर आधुनिक चिकित्सा पद्धति तक हर जगह हल्दी के फायदों का उल्लेख मिलता है। इसकी जड़ का इस्तेमाल कई तरह की दवाओं में किया जाता है। इसका बोटेनिकल नाम करकुमा लोंगा (Curcuma longa) नाम है, जो कि जिंगीबरेसी (Zingiberaceae) फैमिली से आता है।
फंगल इंफेक्शन के घरेलू उपचार टी ट्री ऑयल (Tea tree oil):
टी ट्री ऑयल में मौजूद प्राकृतिक एंटी-फंगल गुण फंगल इंफेक्शन को रोकने में मदद करते हैं। साथ ही इसके एंटीसेप्टिक गुण शरीर के अन्य भाग में इंफेक्शन के प्रसार को रोकते हैं। ट्री टी ऑयल में ऑलिव ऑयल और बादाम के तेल को बराबर मात्रा में लेकर मिलाएं फिर इस मिश्रण को संक्रमित त्वचा पर लगाएं। टी-ट्री ऑयल (Tea Tree Oil) को टी-ट्री (Tea Tree) की पत्तियों से निकाला जाता है। इसका बोटेनिकल नाम मेलेलुका अल्टरनिफोलिया (Melaleuca alternifolia) है जो कि Myrtaceae प्रजाति का है। यह मुख्यतः ऑस्ट्रेलियाई तटों पर पाया जाता है। इसा ऑयल त्वचा के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है। यह मुंहासे, दाद, खुजली जैसी त्वचा संबंधित समस्याओं में काफी लाभदायक होता है।