और पढ़ें- प्रेग्नेंट होने के लिए सेक्स के अलावा इन बातों का भी रखें ध्यान
गर्भावस्था में एंटीबायोटिक्स लेने के नुकसान
एंटीबायोटिक्स का फर्टिलिटी पर असर तो नहीं होता है, लेकिन गर्भावस्था में इसको लेने से महिला को कई नुकसान उठाने पड़ सकते हैं। कोई महिला प्रेग्नेंट है, लेकिन उसे पता नहीं है और वह कुछ खास तरह की एंटीबायोटिक्स ले लेती है तो इससे जोखिम बढ़ सकता है। क्लिंडामाइसिन और सेफलोस्पोरिन जैसी एंटीबायोटिक्स दवाएं आमतौर पर सुरक्षित मानी जाती है, लेकिन अन्य एंटीबायोटिक्स का प्रेग्नेंसी पर नकारात्मक असर हो सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादा पावर वाली एंटीबायोटिक्स दवाएं लेने से भ्रूण को विकास संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। जिसकी वजह से एबॉर्शन भी करवाना पड़ सकता है। इसलिए एंटीबायोटिक्स ट्रीटमेंट लेने से पहले अपनी प्रेग्नेंसी के बारे में सुनिश्चित कर लेना जरूरी है।
हर एंटीबायोटिक्स की सामग्री अलग-अलग होती है, इसिलए डॉक्टर हमेशा खुद से दवा लेने से मना करते हैं। यदि आप बीमार हैं तो अपने डॉक्टर को बता दें कि आप कंसीव करने की कोशिश कर रही हैं, तो डॉक्टर उसी के मुताबिक आपको एंटीबायोटिक्स देगा। इसके अलावा यदि आप प्रेग्नेंट है तो ट्रीटमेंट से पहले डॉक्टर को प्रेग्नेंसी के बारे में बता दें ताकि वह सुरक्षित दवा दे सकें। एंटीबायोटिक्स का फर्टिलिटी पर असर जानने के लिए डॉक्टर से बात करना सही होगा।
और पढ़ें :एम्ब्रियो ट्रांसफर से जुड़े मिथ और फैक्ट्स क्या हैं?
दवा का फर्टिलिटी पर इफेक्ट: अर्ली प्रेग्नेंसी में एंटीबायोटिक्स से मिसकैरिज का खतरा
एंटीबायोटिक्स का फर्टिलिटी पर असर तो इतना नहीं होता है, लेकिन यह मिसकैरिज का कारण बन सकती हैं। गर्भावस्था के शुरुआती चरण में यदि आप बीमार पड़ती हैं और बच्चे पर बीमारी का कोई असर न हो इसलिए तुरंत बिना डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक ले लेती हैं, तो ऐसा करना आपके लिए बहुत खतरनाक हो सकता है। कैनेडियन मेडिकल एसोसिएशन जर्नल में छपे एक अध्ययन के मुताबिक, कुछ एंटीबायोटिक्स अर्ली प्रेग्नेंसी में लेने से मिसकैरिज हो सकता है। यदि प्रेग्नेंसी के 20वें हफ्ते से पहले एंटीबायोटिक लिया जाए तो मिसकैरिज का खतरा 65 प्रतिशत तक बढ़ जाता है, लेकिन सभी एंटीबायोटिक दवाओं से नुकसान नहीं होता है। कुछ दवाएं जैसे- पेनिसिलिन और सेफलोस्पोरिन डॉक्टर प्रेग्नेंट महिलाओं को इंफेक्शन के इलाज के लिए देते हैं। इसने मिसकैरिज का अधिक खतरा नहीं होता है। वैसे मिसकैरिज के लिए जरूरी नहीं कि सिर्फ एंटीबायोटिक्स ही जिम्मेदार हो, अन्य कारण जैसे- उम्र, तनाव का स्तर और डायट भी मिसकैरिज का कारण हो सकती है। एंटीबायोटिक्स का फर्टिलिटी पर असर हो न हो लेकिन तनाव और डायट का जरूर होता है।
[mc4wp_form id=”183492″]
दवा का फर्टिलिटी पर इफेक्ट: कुछ एंटीबायोटिक्स होते हैं सुरक्षित
किसी भी तरह के इंफेक्शन और बीमारी के इलाज के लिए आमतौर पर डॉक्टर एंटीबायोटिक्स देते हैं। यहां तक की प्रेग्नेंसी के दौरान भी एंटीबायोटिक दिया जाता है, लेकिन इस दौरान कुछ एंटीबायोटिक्स ही सेफ माने जाते हैं, जबकि अन्य से प्रेग्नेंसी को खतरा हो सकता है। एंटीबायोटिक सुरक्षित है या नहीं यह एंटीबायोटिक के टाइप, प्रेग्नेंसी के किस चरण में इसे लिया जा रहा है और कितनी मात्रा में लिया जा रहा है आदि पर निर्भर करता है। आमतौर पर गर्भावस्था के दौरान ये एंटीबायोटिक्स सेफ माने जाते हैं।
- पेनिसिलिन,
- एमोक्सिसिलिन
- एम्पीसिलीन
- सेफलोस्पोरिन (जिसमें सीफ्लोर, सेफैलेक्सिन शामिल हैं)
- इरीथ्रोमाइसीन
- क्लिन्डामाइसिन
कुछ एंटीबायोटिक्स प्रेग्नेंसी के दौरान लेना खतरनाक हो सकता है जैसे टेट्रासाइक्लिन। यह भ्रूण के दांतों का रंग बदल सकता है। टेट्रासाइक्लिन प्रेग्नेंसी के 15वें हफ्ते के बाद आमतौर पर नहीं दिया जाता है। यदि संक्रमण या अन्य किसी बीमारी को ठीक करने के लिए एंटीबायोटिक्स देना जरूरी है तो आपका डॉक्टर आपको सुरक्षित एंटीबायोटिक्स ही देगा और उसकी सही मात्रा भी बताएगा। इसलिए कभी भी डॉक्टर के बताए डोज से अधिक दवा न खाएं।
और पढ़ें:क्या आप जानते हैं कि मिडवाइफ किसे कहते हैं और ये दिन क्यों मनाया जाता है?
हमें उम्मीद है कि एंटीबायोटिक्स का फर्टिलिटी पर असर विषय पर आधारित यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। एंटीबायोटिक्स का फर्टिलिटी पर असर होता है या नहीं इस आर्टिकल में यही बात समझाने की काेशिश की गई है। पुरुषों की फर्टिलिटी पर एंटीबायोटिक्स का असर होता है, लेकिन महिलाओं पर नहीं। यदि आप प्रेग्नेंट हैं या प्रेग्नेंसी प्लान कर रही हैं, तो एंटीबायोटिक का गर्भावस्था पर क्या असर होता है इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क कर सकती हैं। एंटीबायोटिक्स का फर्टिलिटी पर असर जानने के लिए भी डाॅक्टर से सलाह लेना बेहतर होगा। ।