पेरेंटल बॉन्डिंग कैसे बनाएं?
अधिकांश शिशु गर्भ से ही पेरेंट्स के साथ तुरंत बॉन्डिंग बना लेते हैं। बच्चे के जन्म के बाद आप उसे देख सकते हैं लेकिन, पेट के अंदर आप हर पल उसे महसूस कर सकते हैं। बिना देखे बनाई गई यह बॉन्डिंग आपको रोमांचित कर देगी। जानते हैं पेरेंट्ल बॉन्डिंग बनाने के आसान तरीके।
1. पेरेंटल कॉन्टैक्ट
बेबी को टच के बारे में फील कराने का ये अच्छा तरीका है। प्रेग्नेंसी के तीन महीने बाद कभी भी आप क्रीम या फिर ऑयल से पेट के चारों ओर मसाज कर सकते हैं। ऐसा करने से आपको अच्छा महसूस होगा। हो सकता है कि मसाज के दौरान आपका बेबी किक करे या पुजिशन चेंज करे।
2. किक का रिस्पॉन्स देना
दूसरी तिमाही के दौरान आपको बेबी का किक महसूस होने लगता है। आप अपने बेबी के साथ पेरेंटल बॉन्डिंग बनाना चाहते हैं तो किक का रिस्पॉन्स देना शुरू कर दें। जैसे ही आपको महसूस हो कि बेबी ने किक किया है, आप तुरंत अपने पेट को सहलाएं। फिर कुछ देर प्रतिक्रिया आने का इंतजार करें। हो सकता है कि आपका बेबी फिर से किक करे। आप इस प्रॉसेस को दोहरा सकती हैं। हो सकता है कि अब बेबी पेट के किसी दूसरे हिस्से में किक करे।
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3. म्यूजिक से बनाएं रिश्ता
पेरेंटल बॉन्डिंग को मजबूत करने में म्यूजिक अहम भूमिका निभाता है। दूसरी तिमाही के दौरान बेबी बाहरी आवाज के प्रति रिस्पॉन्ड करना शुरू कर देता है। स्टडी के दौरान ऐसा सामने आया है कि बेबी पेट में रहते हुए जो म्युजिक सुनता है वो उसे पैदा होने के बाद तक याद रखता है। इस दौरान आपको क्लासिकल म्यूजिक सुनना चाहिए। ऐसे म्युजिक से बच्चे को शांति महसूस होती है।
4. आपकी आवाज के साथ रिश्ता
अगर आपको लगता है कि डिलिवरी के बाद ही बच्चा आपकी आवाज पर प्रतिक्रिया देगा, तो ऐसा सोचना गलत है। दूसरी तिमाही के बाद आपका बच्चा बाहरी दुनिया की आवाज सुनने के लिए सक्षम हो चुका है। आपको बच्चे के साथ अच्छी बॉन्डिंग बनाने के लिए ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है। रोज सुबह उठते ही पेट को सहलाएं जैसे बच्चे को सहला रही हों और उससे बात करें। आप चाहे तो बेबी के साथ अपनी कोई भी स्पेशल फीलिंग शेयर कर सकती हैं। आप इस दौरान कोई कविता या कहानी भी कह सकती हैं। बेबी को अपनी आवाज से जोड़ने का ये अच्छा तरीका है। यह भी पढ़ें : महिलाओं को इन वजहों से होती है प्रेग्नेंसी में चिंता, ये हैं लक्षण