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जॉक इच (टीनिया क्रूरिस) एक प्रकार का त्वचा का संक्रमण है और इसमें नाखून और त्वचा दोनों ही प्रभावित होते है । ये संक्रमण बैक्टीरिया या फंगस की वजह से फैलता है। इस तरह का संक्रमण फैलाने वाला फंगस त्वचा के रूखे भाग में पाया जाता है। इस स्थिति में आपके शरीर पर छाले जैसे दिखने वाले चक्कते और घमोरियां दिखाई देंगी। आमतौर पर यह प्राइव पार्ट के पास जांघों पर ज्यादा होता है।
ये स्थिति दुनिया भर में है ,ऐसी जगह जहां बहुत ज्यादा नमी या गर्मी हो या फिर सफाई न हो ऐसी जगह पर ये संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है । ये बीमारी बहुत जल्दी पनप सकती है।
नमी, गर्मी या फिर गंदगी को कम करने से इस बीमारी का खतरा कम हो सकता है।
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ज्यादातर लोगो में जॉक इच की समस्या शरीर के उन हिस्सों में होती है जहां नमी ज्यादा रहती है। जांघों से लेकर शरीर के पिछले हिस्से ( anus ) तक इस समस्या के होने की सम्भावना है। त्वचा की परतों में जैसे स्क्रोटम और ग्रोइन में जॉक संक्रमण का होना सबसे आम है क्योकि यहां पर दिनभर में सबसे ज्याद पसीना एकत्रित होता है। साथ ही अगर आप फिजिकल एक्टिविटी या रोज की दिनचर्या के बाद नहाते नहीं और अंडरवियर नहीं बदलते हैं, तो पसीने की वजह से ये संक्रमण आपको हो जाता है।
जॉक इच के मरीजों में समस्या की शुरुआत शरीर पर लाल रैशेज पड़ने से होती है जो धीरे- धीरे बड़े होने पर और अधिक फैल जाते हैं और बड़े हिस्सों को ढक लेते हैं .
इनमें से किसी लक्षण के दिखने पर अपने डॉक्टर की सलाह ले।
इनमें से किसी भी लक्षण के दिखने पर या फिर किसी सवाल के होने पर अपने डॉक्टर से जरूर मिले। हर किसी का शरीर अलग स्थिति में अलग तरीके से व्यवहार करता है इसलिए आपकी स्थिति के हिसाब से डॉक्टर से परामर्श लें।
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जॉक इच फैलने के खतरे कुछ आम चीजों से ज्यादा हैं जिनके बारे में आप अक्सर लोग अंदाजा भी नहीं लगा सकते जैसे –
शरीर के एक हिस्से में संक्रमण होने से भी इसके दूसरों हिस्सों में फैलने की संभावना बढ़ जाती है।
जॉक इच किसी भी व्यक्ति को हो सकता है लेकिन डायबिटीज ( Diabetes) और ओबेसिटी (Obesity) से ग्रस्त लोगों में इसकी संभावना ज्यादा है।
दी गई जानकारी किसी भी मेडिकल एडवाइस का विकल्प नहीं है, अच्छी सलाह के लिए अपने डॉक्टर से जरूर मिलें।
डॉक्टर जॉक इच के लिए सामान्य जांच कर सकते हैं, या व्यक्ति अत्यधिक खुजली होने पर खुद डॉक्टर से संपर्क कर सकता है। बहुत सारे मामलों में कई मेडिकल कंडीशन जॉक इच जैसी ही दिखाई देंगी। ऐसी स्थिति में डर्मेटोलॉजिस्ट ध्यान से संक्रमित जोन में से त्वचा की थोड़ी कोशिकाओं को निकालेंगे और जांच करेंगे जिससे आगे चलकर कोई समस्या न हो।
जॉक इच का इलाज एंटीफंगल एजेंट्स की मदद से किया जा सकता है। कभी-कभी खुजली से जल्दी राहत पाने के लिए हाइड्रोकोर्टीसोन भी दिया जा सकता है। केवल ट्राॅपिकल स्टेरॉइड्स ( topical steroids ) की मदद से इलाज कर पाना बहुत मुश्किल है। दवा का असर सही ढंग से हो और जल्द राहत मिले इसके लिए आपको चार हफ्तों तक कम से कम दो खुराक लेनी पड़ेंगी।
अगर इलाज कारगर न निकले तो डॉक्टर आपको ओरल एंटीफंगल मेडिसिन्स जैसे टर्बिनाफाइन ( Terbinafine), इट्राकोनाजोल(Itraconazole) लेने के लिए कहेंगे।
इलाज के दौरान ज्यादा तंग कपड़े न पहनें।
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जॉक इच को नियंत्रित करने के लिए जीवनशैली में क्या बदलाव करने चाहिए ?
अक्सर देखा गया है की एक बार संक्रमण ठीक हो जाने के बाद भी ये समस्या दोबारा हो सकती है। इसलिए इसे नियंत्रित रखने के लिए आप अपनी जीवनशैली में ये बदलाव ला सकते है।
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