ब्रांड और जेनेरिक दवा में अंतर किन चीजों में होता है?
- ब्रांड और जेनेरिक दवा में अंतर शेप, साइज और रंग में होता है।
- पैकेजिंग को लेकर ब्रांड और जेनेरिक दवा में अंतर होता है।
- ब्रांड और जेनेरिक दवा में अंतर इनएक्टिव इंग्रीडियेंट में होता है जो दवा के उपचार प्रभाव में योगदान नहीं करते हैं।
ब्रांड और जेनेरिक दवाओं के प्रभाव
अगर आप ब्रांड और जेनेरिक दवाओं के प्रभाव को लेकर परेशान हैं तो आपको बतादें कि ब्रांड और जेनेरिक दवाओं का प्रभान एक ही होता है। ब्रांड और जेनेरिक दवाओं में एक्टिव इंग्रीडियेंट एक जैसे होते है और उनके डोज भी एक जैसे हैं। ब्रांड और जेनेरिक दवाओं के एक्टिव इंग्रीडियेंट एक होने की वजह से इनका प्रभाव बिल्कुल एक जैसा होता है।
ब्रांड और जेनेरिक दवा में अंतर कीमत में होता है
ब्रांड और जेनेरिक दवा में अंतर सबसे बड़ा जो होता है वह कीमत में होता है। हालांकि, जेनेरिक और ब्रांड दवाओं में एक्टिव इंग्रीडियेट एक हैं लेकिन जेनेरिक दवाइयां सस्ती होती हैं। जेनेरिक दवाओं की कीमत ब्रांड-नाम वाली दवाओं से कम होती है क्योंकि जेनेरिक दवा के निर्माताओं ने दवा के अनुसंधान और विकास पर पैसा खर्च नहीं किया है, या इसे बेचने के अधिकार नहीं खरीद रहे हैं। जबकि ब्रांड के पास इसका पेटेंट होता है साथ ही उन्होंने दवा के रिसर्च पर पैसा खर्च किया है।
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जेनेरिक दवा लेते हुए रखें इन बातों का ध्यान
- जेनेरिक दवा आपको ब्रांड दवा से कम खर्चे में मिलेगी और इसका असर भी ब्रांड दवा जितना ही होगा।
- अगर आप कई अलग-अलग दवाएं लेते हैं तो आप कंफ्यूजन से बचने के लिए दवाई को बदलने से बच सकते हैं। एक साथ बहुत सारी दवा लेने में आपको ब्रांड और जेनेरिक दवाओं में कंफ्यूजन हो सकता है।
- अगर आपको किसी तरह की एलर्जी है तो आप दवाई लेते समय यह चेक करेंगे कि जेनेरिक दवा में कुछ ऐसा नही है जिससे आपको एलर्जी हो।
जेनेरिक दवाएं ब्रांड-नाम की दवाओं की कॉपी हैं जिनका मूल खुराक, उपयोग, प्रभाव, साइड इफेक्ट्स, जोखिम, सुरक्षा और ताकत ब्रांड दवा की तरह ही होता है। दूसरे शब्दों में उनके औषधीय प्रभाव बिल्कुल उनके ब्रांड-नाम दवाओं की तरह हैं। कई लोग जेनेरिक दवा लेकर परेशान हो जाते हैं क्योंकि जेनेरिक दवाएं अक्सर ब्रांड-नाम दवाओं की तुलना में काफी सस्ती होती हैं। लोग इसलिए भी कंफ्यूज होते है कि क्या जेनेरिक दवाओं को बनाने में गुणवत्ता और प्रभावशीलता के साथ समझौता किया गया है। FDA (U.S. फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) को चाहिए कि जेनेरिक दवाएं ब्रांड-नाम वाली दवाओं की तरह ही सुरक्षित और प्रभावी हों।
इसलिए मिथकों में कोई सच्चाई नहीं है कि जेनेरिक दवाएं खराब-गुणवत्ता वाली सुविधाओं से बनाई जाती हैं या ब्रांड-नाम वाली दवाओं की गुणवत्ता में कमी होती हैं। एफडीए सभी दवा निर्माण सुविधाओं के लिए समान मानक लागू करता है और कई कंपनियां ब्रांड-नाम और जेनेरिक दवाओं दोनों का निर्माण करती हैं। वास्तव में एफडीए का अनुमान है कि जेनेरिक दवा उत्पादन का 50% ब्रांड नाम वाली कंपनियों द्वारा किया जाता है।
हमें उम्मीद है कि ब्रांड और जेनेरिक दवा के अंतर को आप समझ गए होंगे। अगर आपको ब्रांड और जेनेरिक दवा के अंतर के बारे में कोई सवाल है या आप अधिक जानकारी चाहते हैं तो डॉक्टर से कंसल्ट करें। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान और उपचार प्रदान नहीं करता।