प्रेग्नेंट महिलाओं में इसके खतरे को लेकर डॉ. राकेश राय का कहना है “गर्भवती महिलाओं में मुख्यतः ई का संक्रमण गंभीर हो सकता है। हेपेटाइटिस बी और सी के विषाणु हेपेटाइटिस ए और ई की तरह घातक हो सकते हैं। हालांकि, कुछ मरीजों में हेपेटाइटिस बी और सी बगैर किसी लक्षण के लंबे समय तक रह सकती हैं और धीरे-धीरे लिवर को खराब कर देते हैं और वायरल हेपेटाइटिस के कारण का यही दीर्घकालिक रूप सिरोसिस और लिवर कैंसर का कारक भी बन सकता है।”
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जानिए हेपेटाइटिस के प्रकार
वायरल हेपेटाइटिस के पांच प्राकर हैं, जिनमें हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी, और ई शामिल हैं। हालांकि, इसके अलग-अलग प्रकार के लिए अलग-अलग वायरस जिम्मेदार हो सकते हैं। इसके वायरस बहुत जल्दी से फैलते हैं और यह अल्पकालिक हो सकता है। हालांकि बी, सी और डी के वायरस लंबे समय तक शरीर में रह सकते हैं। वहीं, ई के लक्षण भी तेजी से फैलते हैं और इसका खतरा आमतौर पर आमतौर पर तीव्र है, लेकिन गर्भवती महिलाओं में विशेष रूप से खतरनाक हो सकता है।
हेपेटाइटिस ए
हेपेटाइटिस ए के वायरस (एचएवी) संक्रमण के कारण होता है। ए से संक्रमित व्यक्ति में इसके संक्रमण दूषित भोजन या दूषित पानी के कारण सबसे अधिक होता है। इसके अलावा इससे संक्रमित व्यक्ति के द्वारा त्यागा किए गए मल या दूषित भोजन या पानी के सेवन से इसके वायरस अन्य लोगों में तेजी से फैल सकते हैं।
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हेपेटाइटिस बी
बी के संक्रामक शरीर के तरल पदार्थ, जैसे खून, योनि स्राव या वीर्य के संपर्क में आने से फैलता है। इसे एचबीवी भी कहा जाता है। इसके अलावा इंजेक्शन ड्रग का इस्तेमाल करना, संक्रमित साथी के साथ यौन संबंध बनाना या संक्रमित व्यक्ति के साथ शारीरिक तौर पर किसी वस्तु का साझा करना भी इसके खतरे को बढ़ा सकता है। संयुक्त राज्य अमेरिका में पाए गए आंकड़ों के मुताबिक वहां 1.2 लाख लोग और दुनिया भर में 350 लाख लोग इस पुरानी बीमारी से ग्रस्त हैं।