पोस्टमार्टम ब्लीडिंग के उपचार (treatment of postpartum bleeding)
पोस्टपार्टम ब्लीडिंग (Postpartum Hemorrhage) होने पर इसके उपचार व मुख्य कारण को समझने के लिए सर्जरी आदि की सहायता ली जाती है। जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं।
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पोस्टपार्टम ब्लीडिंग का इलाज – लैप्रोटॉमी ऑपरेशन
अधिकतर मामलों में पोस्टपार्टम ब्लीडिंग (Post partum bleeding) के वजह को जानने व ट्रीटमेंट के लिए लैप्रोटॉमी की मदद ली जाती है। यह एक प्रकार का सर्जरी है। इसके जरिए सबसे पहले प्रसव के बाद होने वाले रक्तस्राव के कारण को जाना जाता है। इसके बाद लैप्रोटॉमी कि मदद से गर्भाशय को संकुचन सुचारू रूप से करने में सक्षम किया जाता है।
हाईस्टेरटॉमी (Hysterotomy)
पोस्टमार्टम ब्लीडिंग (postpartum bleeding) होने पर जब किसी भी तरीके से खून का बाहर निकलना नहीं रुक पाता ऐसी स्थिति में हाईस्टेरटॉमी सर्जरी का सहारा लिया जाता है। यह बहुत मेजर सर्जरी मानी जाती है। क्योंकि इससे गर्भाशय को बाहर निकाला जाता है।
ऑक्सिटॉक्सिन (Oxytoxin)
ऑक्सिटॉसिन का उपयोग गर्भाशय के मयोमैट्रीम के ऊपरी भाग को उत्तेजित करता है। जो स्पाइरल आर्टरीज (Spiral Arteries) का संकुचन करता है और गर्भाशय ब्लीडिंग (Uterus Bleeding) को कम करता है। ऑक्सिटॉसिन पोस्टमार्टम ब्लीडिंग का एक अच्छा उपचार माना जाता है।
पोस्टपार्टम ब्लीडिंग में शिशु के जन्म के बाद योनि से भारी रक्तस्राव होता है। बहुत अधिक ब्लड बाहर आने से लो ब्लडप्रेशर हो सकता है। इसका इलाज न होने पर सदमा और मौत हो सकती है।
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डॉक्टर से कब संपर्क करना चाहिए? (When should I contact the doctor?)
अगर बच्चे का जन्म घर में ही हुआ है और ब्लीडिंग (Bleeding) बंद नहीं हो रही है तो ये गंभीर संकेत हैं। ऐसे में डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए। डिलिवरी के बाद ब्लीडिंग होना आम बात होती है, लेकिन अधिक मात्रा में ब्लीडिंग (Bleeding) घातक हो सकती है। यहां कुछ लक्षण दिए गए हैं, अगर आपको भी ऐसे ही लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
- ब्लीडिंग अचानक काफी तेज हो गई हो और एक घंटे में एक से ज्यादा पैड इस्तेमाल करने की जरुरत पड़ रही हो।
- ब्लीडिंग के साथ ही खून के थक्के भी आ रहे हो।
- बच्चे के जन्म के चार दिन बाद भी ब्लीडिंग लगातार हो रही हो।
- बेहोशी या चक्कर महसूस जैसा महसूस हो रहा हो।
- आपके दिल की धड़कन तेज होने लगे या फिर रेगुलर न हो।
ऐसा कोई भी लक्षण (postpartum bleeding signs) दिखाई देने पर डॉक्टर से तुरंंत संपर्क करें। इस विषय में कोई भी लापरवाही करना जानलेवा हो सकता है। हम उम्मीद करते हैं कि पोस्टपार्टम ब्लीडिंग पर आधारित यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। इसमें हमने पोस्टपार्टम ब्लीडिंग (Post partum) क्यों होती है से लेकर उपचार तक बताने की कोशिश की है। यह जानकारी गर्भधारण करने वाली मां और पार्टनर दोनों के लिए उपयोगी साबित होगी। गर्भावस्था में किसी भी प्रकार के कॉम्पिलिकेशन से बचने के लिए रेगुलर चेकअप (Regular checkup) और डॉक्टर की सलाह का उचित ढंग से पालन करना जरूरी है। साथ ही आपको भी पूरी तरह से सतर्क रहना होगा। किसी प्रकार की शंका होने पर डॉक्टर की सलाह लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।