के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
अक्रियाशील गर्भाशय रक्तस्राव जिसे डिसफंक्शनल यूटेरिन ब्लीडिंग के नाम से भी जाना जा है, इसमें यूटेरस से अनियमित ब्लीडिंग होती है। अक्रियाशील गर्भाशय रक्तस्राव में सामान्य मासिक धर्म चक्र में गड़बड़ी हो जाती है, जिससे ब्लीडिंग बहुत ज्यादा या बहुत कम होने लगती है, यह अनियमितता किसी भी कारण से हो सकती है। सामान्यतः मासिक धर्म चक्र 21 से 35 दिनों का होता है, अगर यही 21 दिन से कम और 35 दिन से ज्यादा हो जाए तो पीरियड्स में गड़बड़ी हो जाती है जिसे अक्रियाशील गर्भाशय रक्तस्राव कहा जाता है। अक्रियाशील गर्भाशय रक्तस्राव के कारण एनीमिया भी हो जाता है।
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अक्रियाशील गर्भाशय रक्तस्राव (Dysfunctional Uterine bleeding) हार्मोन में होने वाला असंतुलन है। जब अंडाशय (Ovary) एग रिलीज करता है तब हार्मोन यूटेरस की लाइन को बहाने के लिए प्रोत्साहित करता है। इस प्रक्रिया को एंडोमेट्रियम कहा जाता है। जो लड़कियां टीनएज में हैं या जिनकी उम्र मेनोपॉज के करीब हैं, उनमें एंडोमेट्रियम की प्रक्रिया ज्यादा होती है जिससे पीरियड्स में अनियमितता या ज्यादा स्पॉटिंग होती है।
असामान्य ब्लीडिंग के अन्य कारणों में यूटेरस में प्रॉब्लम भी हैं। कई महिलाओं को फाइब्रॉइड हो जाती हैं, ये नॉन-कैंसर ट्यूमर होती हैं जो यूटेरस में या यूटेरस की दीवारों की मसल्स में बढ़ती हैं। पॉलिप भी इसी तरह यूटेरस में बढ़ जाता है, जो यूटेरस की लाइन में अपनी जगह बनाता जाता है। इसके अलावा एडिनोमायोसिस (Adenomyosis) ऐसी स्थिति है, जिसमें कोशिकाएं यूटेरस की लाइन में बढ़ने वाली कोशिकाओं के जैसी होती हैं और यूटेरस की मसल्स के हिस्से में ही विकसित होती हैं।
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इसकी जांच करने के लिए डॉक्टर आपकी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पूछ सकते हैं। इससे प्रजनन से जुड़े डिसऑर्डर का पता लगाने में मदद मिलती हैं जैसे कि पीसीओएस (Polycystic ovary syndrome) और एंडोमेट्रियोसिस।
1.अल्ट्रासाउंड (Ultrasound)
डॉक्टर reproductive organ को देखने के बाद अल्ट्रासाउंड करने का कह सकते हैं। इस टेस्ट से पॉलिप्स और फाइब्रॉइड की ग्रोथ की जानकारी मिलती है।
2.ब्लड टेस्ट (Blood test)
ब्लड टेस्ट के जरिए हार्मोन का स्तर और कंपलीट ब्लड काउंट का पता लगाया जाता है। लाल रक्त कणिकाएं कम होने पर एनीमिया हो सकता है।
3.एंडोमेट्रियल बायोप्सी (Endometrial biopsy)
अगर यूटेरस से ब्लीडिंग का कारण किसी तरह की एब्नॉर्मल ग्रोथ है या यूटेरस लाइन मोटी है तो डॉक्टर टेस्ट के लिए यूटेरस का टिश्यू लेकर जांच कर सकते हैं।
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अक्रियाशील गर्भाशय रक्तस्राव का इलाज उसके कारण पर निर्भर करता है। किसी ब्लड डिसऑर्डर के कारण अक्रियाशील गर्भाशय रक्तस्राव (dysfunctional uterine bleeding) की समस्या है तो इलाज मुमकिन है। इलाज के समय बच्चों की प्लानिंग है या नहीं इस पहलु पर भी गौर किया जाता है। इस कारण भी इलाज के तरीके को बदल दिया जाता है। इन निम्न तरीकों से अक्रियाशील गर्भाशय रक्तस्त्राव का इलाज किया जाता है-
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कभी-कभी ब्लीडिंग को रोकने के लिए दवाई के बजाय सर्जरी के जरिए भी इलाज करना पड़ता है:
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