मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स के कारण (Causes of Menstrual Clots)
अधिकांश महिलाएं हर 28 से 35 दिनों में अपने यूटराइन लायनिंग को छोड़ती हैं। गर्भाशय की इस लायनिंग को एंडोमेट्रियम (Endometrium) भी कहा जाता है। एक फीमेल हॉर्मोन एस्ट्रोजन की वजह से पूरे महीने एंडोमेट्रियम बढ़ता और थिक होता है। जब गर्भाशय या पेल्विस की लायनिंग के टिश्यू पर एंडोमेट्रियल टिश्यू बनने लगते हैं तो उसे एंडोमेट्रियोसिस कहा जाता है। एंडोमेट्रियोसिस मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स का एक कारण है। मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स (Menstrual Clots) के मुख्य कारण इस प्रकार हैं:
एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis)
एंडोमेट्रियोसिस को गर्भाशय के बाहर एंडोमेट्रियल टिश्यू के विकास के लिए जाना जाता है, जिससे भारी मासिक धर्म, अधिक दर्द और क्लॉट्स हो सकते हैं। हालांकि, यह विकार किसी भी उम्र में हो सकता है। लेकिन, 30 और 40 की उम्र के बीच की महिलाओं में अधिक होता है।
गर्भपात (Miscarriage)
मासिक धर्म के दौरान ब्लड क्लॉट्स यानी मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स का गर्भावस्था के पहले तिमाही में होना गर्भपात की तरफ इशारा हो सकता है, खासकर अगर रंग थोड़ा पीला या भूरा हो। अगर ऐसा है तो आपको तुरंत उपचार की जरूरत हो सकती है।
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मायोमा (Myoma)
मायोमा गर्भाशय की भीतरी दीवार में होने वाला बिनाइन ट्यूमर है जो आमतौर पर गर्भाशय में दर्द, क्लॉट्स के साथ भारी मासिक धर्म आदि लक्षणों का कारण बन सकता है।
एनीमिया (Anemia)
एनीमिया यानी शरीर में आयरन की कमी भी मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स (Menstrual Clots) का कारण हो सकता है क्योंकि आयरन की कमी से खून क्लॉट्स में बदल सकता है। जिससे मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स (Menstrual Clots) बनते हैं।