सही पैड चुनें (Select good sanitary pads)

आपके फ्लो, त्वचा, शरीर के वजन को ध्यान में रखते हुए सही पैड चुनें। भारत में गर्मी और उमस भरे मौसम में साॅफ्ट पैड चुनें, ताकि आपको त्वचा पर रैश, इरीटेशन न हो। इसी तरह शुरूआती दिनों में अगर हैवी फ्लो है, तो आप हैवी फ्लो के लिए डिज़ाइन किए गए पैड चुन सकती हैं। इसलिए जरूरी है कि महिलाएं अपनी जरूरत के अनुसार सैनिटरी पैड (Sanitary paid) चुनें। सही पैड का उपयोग करके आप पीरियड्स के दौरान स्ट्रेस को कंट्रोल कर सकती हैं।
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पीरियड्स के दौरान स्ट्रेस को भगाएं (Remove stress during periods)
सकारात्मक सोचें, अपनी पसंद का म्यूजिक सुनें, सकारात्मक विचार रखें, ऐसी किताबें पढ़ें, जिससे आपके चेहरे पर मुस्कान आए। इस तरह आप पीरियड्स में स्ट्रेस को दूर बनाए रख सकती हैं। अपने मन में नकारात्मक विचार न आने दें, अगर आपके सामने कोई परेशानी आती है तो संतुलन बनाए रखते हुए उसे हल करने की कोशिश करें। पीरियड्स के दौरान स्ट्रेस और मूड स्विंग्स (Mood swing) होते हैं, इसलिए अपने आप को शांत रखने की कोशिश करें। ऐसी चीजें करें जो आपको खुश रखें।
अपने काम से 10 मिनट निकालें और कुछ ऐसा करें जो आपको अच्छा लगे जैसे मंत्रों का जाप, खाना, प्रार्थना करना, कुछ खेलना या कुछ देर सो जाना। इस ब्रेक के बाद जब आप फिर से काम करेंगी, तो आप अपने आप में नई एनर्जी महसूस करेंगी। पीरियड्स में स्ट्रेस को भगाने के लिए दिन में कम से कम दो बार ऐसा करें। याद रखें इस दौरान अच्छी और गहरी नींद लेना बहुत जरूरी है।
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पीरिड्स के दौरान स्ट्रेस को भगाने के लिए जो मन करें खाएं (Eat Whatever you want)
इस समय आपको कैलोरीज के बारे में नहीं सोचना चाहिए, कई महिलाओं को पीरियड्स के दौरान कुछ विशेष चीजें खाने का मन करता है। तो जो मन करें खाएं, बस खाने की मात्रा पर ध्यान जरूर दें। इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि कई बार पीरियड्स के साथ कॉन्स्टिपेशन (Constipation) भी आ जाता है। इसलिए ऐसी चीजें न खाएं जो कब्ज का कारण बन सकती हैं। रात के समय सलाद और कच्ची सब्जियां न खाएं, ऐसा कोई भी भोजन जिसे पचाने में ज्यादा समय लगता है, उसकी वजह से आपकी असहजता बढ़ सकती है। हर थोड़ी देर में कम मात्रा में खाएं, इससे आप हल्का महसूस करेंगी, और आपका मन भी शांत रहेगा। खूब पानी पीएं, विटामिन और मिनरल्स से युक्त आहार लें। मौसम में गर्मी और उमस बढ़ने के साथ यह और भी जरूरी हो जाता है। नींबू पानी से भरा फ्लास्क हमेशा अपने पास रखें।
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यह अच्छी बात है कि आज के दौर पर महिलाओं पर पहले से ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है, जिसकी वे हकदार हैं। हमारी मां और दादी को जिन चीजों का सामना करना पड़ा, आज उन चीजों का समाधान किया जा रहा है। पीएमएस का सामना कर रही महिलाओं को मदद मिल रही है। मार्च महीने में माहवारी स्वच्छता दिवस बनाया जाता है और कुछ ब्रांड्स इस पूरे महीने को महिलाओं के हाइजीन के लिए निर्धारित करते हैं। यहां तक कि काॅर्पोरेट्स भी कामकाजी महिलाओं की जरूरतों, उनके तनाव को समझ रहे हैं। महिलाओं के लिए ‘पीरियड लीव’ जैसी अवधारणा पेश की जा रही है। इस दिशा में अभी हमें बहुत काम करना है। महिलाओं को भी समझना चाहिए कि पीरियड्स में स्ट्रेस (Periods stress), उदासी (Sadness), गुस्सा (Anger) या चिंता (Tension) महसूस करना स्वाभाविक है, बस इसमें तालमेल बनाए रखने की कोशिश करें। पीरियड्स के दौरान स्ट्रेस को आसानी से मैनेज किया जा सकता है।
पीरियड्स के दौरान स्ट्रेस को कैसे मैनेज करें इस बारे में अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।