वर्क फ्रॉम होम में हमारा रूटीन कितना बदल गया है! सुबह उठो, तैयार हो जाओ और अपना लैपटॉप लेकर काम करने बैठ जाओ। सुनने में ये जितना आसान लगता है, उतना ही करने में मुश्किल साबित होता है। खास तौर पर महीने के वो 5 दिन, जब पीरियड्स हाजिर हो जाते हैं। तब तो इस आसान से रूटीन को निभाते-निभाते हालत खराब हो जाती है। लगातार बैठ कर काम करने में भले ही आम दिनों में परेशानी ना हो, लेकिन पीरियड्स के दौरान होने वाले पेट और पीठ दर्द के कारण हमारे लिए ये परेशानी का सबब बन जाता है। ऐसे में जब पीरियड्स के हैवी फ्लो के साथ कॉन्स्टिपेशन और ब्लोटिंग (Bloating) की तकलीफ होती है, तो ये किसी सजा से कम नहीं लगता। लेकिन ऐसा क्यों होता है, कभी सोचा है आपने? क्यों कुछ महिलाओं में पीरियड्स के पहले दिन से उनका पेट उनका साथ छोड़ देता है और कॉन्स्टिपेशन के साथ हो लेता है? अगर इसका जवाब आप नहीं जानते, तो ये खबर आपके काम आ सकती है। क्योंकि आज हम आपको ये बताने जा रहे हैं कि पीरियड्स और कॉन्स्टिपेशन (constipation and periods) के बीच इतना गहरा प्यार क्यों है! तो चलिए, देर किस बात की?