पाचन तंत्र पर कई सर्जिकल प्रोसीजर भी किए जाते हैं। इनमें एंडोस्कोपी की प्रोसेस, लैप्रोस्कोपी और ओपन सर्जरी का उपयोग करके की जाने वाली प्रक्रियाएं शामिल हैं। लिवर, अग्न्याशय और छोटी आंत का अंग प्रत्यारोपण भी किया जा सकता है। इसके साथ ही डॉक्टर आपको दवाओं का सेवन करने की सलाह भी दे सकता है।
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पाचन संबंधी विकार (Digestive Disorder) होने पर रोगी को किस तरह की बीमारियां हो सकती हैं?
पाचन संबंधी विकार (Other digestive health issues) होने पर रोगी को पेट और आंत से जुड़ी कई बीमारियां हो सकती हैं, जिनमें शामिल हैंः
बवासीर (Piles)
बवासीर को पाइल्स भी कहा जाता है। यह मलाशय में होने वाला रोग है, जो काफी दर्द वाला होता है। बवासीर के मरीजों के लिए इसका दर्द असहनीय होता है। यहां बीमारी आज के दिनों में बेहद आम हो गई है, लेकिन गंभीर भी बनी हुई है। हालांकि, लोग इसके बारे में बात करने से अभी भी कतराते हैं। बवासीर (Piles) मलाशय के आसपास की नसों में सूजन आने के कारण होता है।
बवासीर होने के लक्षण (Symptoms of Piles)
- गुदा के चारों ओर एक गांठ महसूस करना
- शौचालय जाने के बाद भी आंतों का पूरी तरह से साफ न हो पाना
- शौच के बाद या दौरान मल में खून आना
- गुदा के आसपास खुजली होना या दाने निकलना
- गुदा के चारों और दर्द होना या सूजन होना
- गुदा के आसपास का क्षेत्र लाल होना या जलन होना।
अगर पाइल्स (Piles) या फिर बवासीर की समस्या का सही समय पर ट्रीटमेंट न किया जाए तो बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है। पाइल्स की समस्या से बचने के लिए खानपान में सुधार के साथ ही व्यायाम यानी एक्सरसाइज पर भी ध्यान देने की जरूरत होती है। पाइल्स की समस्या के कई कारण हो सकते हैं। अक्सर लोग पाइल्स की बीमारी के बारे में जल्द जान नहीं पाते हैं। समस्या बढ़ जाने पर बीमारी का पता चलता है। जिन लोगों को कॉन्स्टिपेशन (Constipation) की समस्या अक्सर रहती है, उन्हें पाइल्स (Piles) होने का खतरा अधिक होता है। अगर कोई व्यक्ति अपनी सेहत का ख्याल नहीं रखता है और मोपाटे का शिकार है तो ऐसे व्यक्ति को भी बवासीर होने का अधिक खतरा रहता है। खाने में फाइबर युक्त आहार समस्या से राहत दिलाने में मदद करता है।
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एसिडिटी (Acidity)
पेट में मौजूद एसिड जब गले की नली यानी कि एसोफैगस तक आ जाता है, तो एसिडिटी की समस्या हो सकती है। एसिडिटी (Acidity) की समस्या खान-पान की खराब आदतों के कारण या फिर दवाओं के साइड इफेक्ट के कारण हो सकता है। आपको जानकर हैरानी हो सकती है लेकिन एसिडिटी की समस्या स्ट्रेस (Stress) के कारण और नींद की कमी के कारण भी हो सकती है। कुछ लोगों को चाय-काफी के कारण भी एसिडिटी (Acidity) की समस्या हो सकती है। खाने में अधिक मसाले का प्रयोग भी इस समस्या को जन्म दे सकता है। एसिडिटी की समस्या होने पर शरीर में विभिन्न लक्षण दिखाई पड़ते हैं।
एसिडिटी होने के लक्षण (Symptoms of Acidity)
- पेट में भारीपन महसूस करना
- भूख की कमी होना
- कब्ज की समस्या
- खट्टी डकार आना
- उल्टी महसूस होना
- बेचैनी की भावना होना।
- सीने में जलन महसूस होना
आप एसिडिटी की समस्या को दूर करने के लिए कुछ घरेलू उपाय भी अपना सकते हैं। अगर आपको घरेलू उपाय से कोई राहत नहीं मिलती है तो डॉक्टर से जांच जरूर कराएं। डॉक्टर कुछ दवाओं के सेवन के साथ ही खान-पान की आदतों में बदलाव की सलाह दे सकते हैं।
कब्ज (Constipation)
आमतौर पर गलत खान-पान के कारण ही कब्ज की समस्या होती है। इसके अलावा, बहुत ज्यादा शुगर या फैट युक्त भोजन खाने से भी कब्ज की समस्या (Constipation) सकती है। जो लोग अपने भोजन में कम मात्रा में फाइबर शामिल करते हैं और साथ ही कम मात्रा में पानी पीते हैं, उन्हें कब्ज की बीमारी हो सकती है। कब्ज की समस्या में दो से तीन दिनों तक स्टूल पास नहीं होता है। वहीं स्टूल (Stool) बहुत टाइट होता है। पुराने कब्ज की समस्या के कारण पाइल्स की बीमारी होने की संभावना भी बढ़ जाती है।