- अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative colitis)
- क्रोहन रोग (Crohn’s disease)
1. अल्सरेटिव कोलाइटिस- अल्सरेटिव कोलाइटिस (UC) एक ऐसी शारीरिक परेशानी है जो डाइजेस्टिव सिस्टम की लार्ज इंटेस्टाइन पर बुरा प्रभाव डालता है। UC आतों में इर्रिटेशन (जलन) होता है जो कि डायजेस्टिव सिस्टम के ऊपरी सतह में अल्सर का रूप ले लेता है। कभी-कभी अल्सर में पस जैसी परेशानी भी शुरू हो जाती है और इससे खून आने लगता है। अल्सरेटिव कोलाइटिस पुरुषों और महिलाओं दोनों में होने और 15 से 35 वर्ष की उम्र के लोगों में ज्यादा होने वाली परेशानी है। वैसे यह जेनिटिकल कारणों से भी हो सकता है।
2. क्रोहन रोग- क्रोहन डिजीज आंत से संबंधित एक बीमारी है। क्रोहन डिजीज की वजह से आंतों में जलन और दर्द की समस्या शुरू हो जाती है। दरअसल क्रोहन डिजीज में आंत की दीवारें या सतह मोटी हो जाती है, जो खाने को ब्लॉक कर देता है और उसे आगे बढ़ने नहीं देता है। इसके अलावा छोटी आंत प्रभावित हिस्सा भोजन के पोषक तत्वों को अवशोषित नही करता है। ऐसा होने पर पेट दर्द, डायरिया, वजन घटना, आंत में छेद आदि समस्या हो जाती है। जब ये समस्या ज्यादा बढ़ जाती है और दवाओं से ठीक नहीं होती सर्जरी का विकल्प अपनाया जाता है।
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इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज के कारण क्या हैं?
इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज के कारण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे-
- बैक्टीरिया या वायरस- क्रोहन डिजीज जैसे पेट दर्द, डायरिया या आंत से जुड़ी परेशानी होने की वजह से IBD का खतरा बढ़ जाता है।
- जेनेटिक्स- रिसर्च के अनुसार 20 प्रतिशत लोगों में अल्सरेटिव कोलाइटिस की समस्या जेनेटिकल कारणों की वजह से होती है।
- इम्यून फंक्शन- इम्यून सिस्टम ठीक नहीं होने के कारण IBD की परेशानी हो सकती है।
- वातावरण- IBD की परेशानी ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव्स, वैक्सीनेशन, एंटीबायोटिक के कारण भी हो सकती है।
इन कारणों के अलावा अन्य कारण भी हो सकते हैं।